कोरोनावायरस डिजीज-2019 (COVID-19) के मामले सामने आने के साथ ये सवाल बार-बार उठता आया है कि क्या इससे बचाव के लिए सभी को मास्क पहनना जरूरी है.
हालांकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि मास्क पहनने की जरूरत सिर्फ उन्हीं को है, जिनमें COVID-19 के कोई लक्षण नजर आ रहे हों या वो लोग COVID-19 से संक्रमित लोगों या संक्रमण के संदिग्धों की देखभाल कर रहे हैं.
कब पहनें मास्क?
31 मार्च को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान मास्क को लेकर किए सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने ये बात फिर से दोहराई,
सभी को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है. हमें मास्क कब पहनना है, इसे लेकर गाइडलाइन जारी की गई है. अगर आपको खांसी महसूस हो रही है, आप बीमार महसूस कर रहे हैं और आपको हॉस्पिटल जाना है, तो उस दौरान आपको बिल्कुल मास्क पहनना चाहिए.”
उन्होंने COVID-19 से बचने के लिए सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करने पर जोर दिया.
एक्सपोजर के रिस्क पर निर्भर करती है मास्क की जरूरत
ICMR के वैज्ञानिक डॉ रमन आर गंगाखेड़कर के मुताबिक मास्क पहनने की जरूरत वहां होती है, जहां एक्सपोजर का रिस्क हो. उन्होंने कहा कि मास्क इसलिए पहनते हैं कि हमें मुंह और नाक को हाथ नहीं लगाना है.
अगर हम मुंह और नाक को हाथ न लगाने की आदत डाल लें, तो हमें किसी चीज से डरने की जरूरत नहीं है.डॉ रमन आर गंगाखेड़कर
लव अग्रवाल ने कहा कि मैनेजमेंट के तौर पर सोशल डिस्टेन्सिंग की सबसे बड़ी जरूरत है और अगर आप भीड़ में कहीं जा रहे हैं, खांसी या जुकाम है, तभी मास्क पहनने की जरूरत है.
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