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जोड़ों के दर्द से परेशान हैं? जानिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय

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जोड़ों के दर्द से जूझ रहे लोगों के लिए सर्दियों का मौसम मुश्किल पैदा कर सकता है. ऑस्टियोअर्थराइटिस की स्थिति तब होती है, जब आपके जोड़ों में उपस्थित कार्टिलेज धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने लगती है और इस वजह से हड्डियां आपस में एक-दूसरे से घिसने या रगड़ने लगती हैं, फलस्वरूप जकड़न, जोड़ों में दर्द और चलने-फिरने में दिक्कत होने लगती है.

जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ प्रताप चौहान ने कुछ उपाय सुझाए हैं, जिनका उपयोग आप जोड़ों के इस दर्द से उबरने के लिए कर सकते हैं.

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1. रेगुलर ज्वॉइंट रोटेशन या जोड़ों का घुमाव

वॉकिंग से भी आपको फायदा मिल सकता है
(फोटो: iStock)

साइकिलिंग और तैराकी जैसे कुछ कसरतों के साथ आप अपनी जीवनशैली में ज्वॉइंट रोटेशन को शामिल करें. जोड़ों के इस घुमाव से आपको दर्द से राहत मिलेगी और स्थिति को बिगड़ने से रोकने में मदद मिलेगी.

इसके साथ ही वॉकिंग से भी आपको फायदा मिल सकता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा तेजी से ना चलें और आरामदायक जूते पहनकर ही सैर पर निकलें, जिसकी सतह समान हो.
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2. अभ्यंग

औषधीय तेलों से पूरे शरीर की मालिश की जाती है.
(फोटो: iStock)

यह आयुर्वेद चिकित्सा का एक रूप है, जिसमें औषधीय तेलों से पूरे शरीर की मालिश की जाती है. इससे एक तो वात की समस्या कम होती है और दूसरी इससे उत्तकों से टॉक्सिन को बाहर निकलने में मदद मिलती है.

इसके लिए ऑर्गेनिक तिल के तेल को गुनगुना गर्म करें और सिर से लेकर पांव तक लगाएं और हर रोज कम से कम दस मिनट तक मसाज करें.

अगर आप रुमेटॉइड अर्थराइटिस से पीड़ित हैं, तो अभ्यंग का अभ्यास ना करें.

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3. घी का सेवन

घी, तिल या जैतून के तेल के उपयोग से सूजन में राहत मिलती है
(फोटो: iStock)

गठिया को एक ऐसे रोग के रूप में देखा जाता है, जिसमें वात की अधिकता हो जाती है जिससे पूरे शरीर में नमी कम होने लगती है और इस वजह से चिकनाई में कमी होने लगती है.

घी, तिल या जैतून के तेल के उपयोग से सूजन में राहत मिलती है, जोड़ों में चिकनाई पैदा होती है और जोड़ों में जकड़न कम होती है.
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4. योग

योग करें
(फोटो: iStock)

योग को अपनी जिंदगी में शामिल करें. ताड़ासन, वीरभद्रासन और दंडासन से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है और इससे गति में तेजी आती है.

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5. उचित खानपान

उचित और संतुलित खानपान बेहद जरूरी है
(फोटो: iStock)

जोड़ों के दर्द से राहत के लिए उचित और संतुलित खानपान बेहद जरूरी है. 'रक्ताशली' और 'शष्टिका' जैसे अनाजों के सेवन से दर्द में राहत मिलती है.

करेला, बैंगन, नीम और सहजन के डंठल का सेवन इस रोग में अधिक से अधिक करें और साथ ही तमाम तरह के बेर और एवोकैडो भी खाएं.

(फिट नोट: ये लेख सिर्फ आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)

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