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स्वास्थ्य बजट 2021: हेल्थ सेक्टर के दिग्गजों को कैसी लगी योजनाएं?

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को केंद्रीय बजट पेश किया. केंद्रीय बजट 2021-22 में स्वास्थ्य क्षेत्र को विशेष आवंटन के साथ ही कुछ नई योजनाओं की सौगात मिली है. कुछ प्रमुख निजी हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ने निर्मला सीतारमण द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए महामारी के बीच की गई घोषणाओं का स्वागत किया.

ग्लेनेगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल्स के क्लस्टर सीओओ मर्विन लियो ने कहा, "मैं बजट और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए किए गए आवंटन का स्वागत करता हूं. अगले 6 सालों में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक खर्च करने की वित्त मंत्री की घोषणा की बहुत सराहनीय है."

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वित्त मंत्री ने घोषणा की कि 6 सालों में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए 64180 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.

उन्होंने कहा, "मौजूदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अलावा ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में सुधार पर उनका ध्यान निश्चित रूप से कई नई पहलों को लेकर आएगा, जो देश में लोगों के स्वास्थ्य सूचकांक (हेल्थ इंडेक्स) में सुधार करने में मदद करेगा."

लियो ने कहा, “जल जीवन मिशन के जरिये पीने योग्य पानी की आपूर्ति में सुधार पर खर्च करने से भारत भर के नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार होगा.”
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मेडिकवर ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कृष्णा ने कहा, "प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर स्वास्थ्य भारत योजना (ANSBY) ग्रामीण स्वास्थ्य ढांचे को बढ़ावा देने के लिए इस समय पर एक महान कदम है, जहां सार्वजनिक स्वास्थ्य को धन की सख्त जरूरत है."

उन्होंने कहा, "ANSBY के हिस्से के रूप में 64180 करोड़ की धनराशि भी राष्ट्र को कोविड-19 महामारी की स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करेगी."

“पिछले साल की तुलना में स्वास्थ्य और कल्याण के लिए बजट आवंटन में 137% की बढ़त से ग्रामीण, माध्यमिक और तृतीयक स्तरों पर सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा.” उन्होंने माना कि इसके साथ ही फार्मा सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा.”
अनिल कृष्णा

कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल्स के सीईओ रियाज खान ने कहा, "स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन बढ़ाने का सरकार का फैसला एक स्वागत योग्य कदम है और हम जिस समय में हैं, उसके लिए तो ये बहुत जरूरी है."

उनका मानना है कि इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(FDI) की सीमा बढ़ने और भारतीय जीवन बीमा निगम के प्रस्तावित आईपीओ से निश्चित रूप से भारत में बीमा क्षेत्र मजबूत होगा.

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