ADVERTISEMENTREMOVE AD

रूस की सिंगल डोज वाली स्पुतनिक लाइट कोरोना वैक्सीन 79.4% तक असरदार

Updated
Fit Hindi
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

रूस में स्पुतनिक-V वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सिंगल डोज की स्पुतनिक लाइट वैक्सीन ने कोविड-19 के खिलाफ 79.4% प्रभावकारिता दिखाई है. ये कोरोना के सभी नई स्ट्रेन के खिलाफ काफी असरदार साबित हुई है. विदेश में वैक्सीन की मार्केटिंग करने वाले प्रभावशाली और खास दर्जा रखने वाले वेल्थ फंड रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) के मुताबिक स्पुतनिक लाइट स्पुतनिक V कोरोना वायरस वैक्सीन का पहला घटक है (ये रिकंबाइनेंट ह्यूमन एडिनोवायरस सीरोटाइप नंबर 26 (RAD26) है).

ADVERTISEMENTREMOVE AD
RDIF ने एक बयान में कहा है कि, "स्पुतनिक लाइट वैक्सीन लगाने के 28 दिन बाद इकट्ठा किए गए आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक सिंगल डोज की स्पुतनिक लाइट वैक्सीन ने 79.4% प्रभाव दिखाया है. 2 डोज में लगाई जाने वाली कई वैक्सीन की तुलना में स्पुतनिक लाइट वैक्सीन की प्रभावकारिता की दर करीब 80% ज्यादा है."

लैब टेस्ट के दौरान गामलेया सेंटर द्वारा जैसा प्रदर्शित किया गया है, उसके मुताबिक स्पुतनिक लाइट वैक्सीन कोरोनावायरस के सभी नए स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी साबित हुई है. इसकी प्रभावकारिता की दर की गणना रूस के लोगों को लगाई गई सिंगल वैक्सीन के आंकड़ों के आधार पर की गई थी. 5 दिसंबर से 15 अप्रैल तक चलाए गए वैक्सीनेशन के व्यापक अभियान के दौरान इन रूसी नागरिकों ने अभी तक किसी न किसी कारण से दूसरी वैक्सीन नहीं ली है.

RDIF के CEO किरिल द्मीत्रिएव ने कहा कि, "स्पुतनिक लाइट वैक्सीन सिर्फ एक इंजेक्शन से कोरोना के मामलों के गंभीर होने की संभावना को काफी कम करती है. कोरोना के गंभीर मामलों के कारण मरीजों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. एक खुराक की ये वैक्सीन थोड़े समय में बड़े समूहों के वैक्सीनेशन की चुनौती को हल करती है. ये खासतौर पर कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के गंभीर चरण के दौरान काफी महत्वपूर्ण है. इससे समुदायों का काफी तेजी से वैक्सीनेशन किया जा सकता है."

0

डॉ. अमीर उल्लाह खान, तेलंगाना सरकार के MCRHRDI में अर्थशास्त्री और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउन्डेशन के पूर्व वरिष्ठ सलाहकार के मुताबिक,

"आबादी के अधिकतम हिस्से को वैक्सीन लगना सुनिश्चित करने के लिए भारत बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन चला रहा है. मुझे आशा है कि सिंगल डोज वैक्सीन स्पुतनिक लाइट का इस्तेमाल करने से कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में मजबूती आएगी और कम समय में ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग सकेगा. हालांकि डबल डोज स्पुतनिक V का प्रोडक्शन भारत में हो रहा है, तो भी स्पुतनिक लाइट वैक्सीनेशन प्रक्रिया को तेज करने में एक अतिरिक्त सहारा होगा."
डॉ. अमीर उल्लाह खान
ADVERTISEMENTREMOVE AD

द्मित्रिएव ने आगे कहा, "कोरोना के खिलाफ चल रही जंग और कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को देखते हुए स्पुतनिक लाइट वैक्सीन का निर्यात अंतरराष्ट्रीय साझीदारों को किया जाएगा. इससे कई देशों में वैक्सीनेशन की दर बढ़ाने में मदद मिलेगी."

रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय, गामलेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी और RDIF के मुताबिक स्पुतनिक लाइट वैक्सीन को रूस में इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई है.

21 फरवरी को गामलेया सेंटर और RDIF ने दुनिया भर में स्पुतनिक लाइट की प्रभावकारिता जांचने के लिए स्टडी की शुरूआत की. तीसरे फेज की क्लिनिकल स्टडी कई देशों में 7 हजार लोगों पर की गई. इन देशों में रूस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और घाना शामिल हैं.

RDIF ने कहा कि स्पुतनिक लाइट वैक्सीन एक अच्छी तरह से स्टडी किए गए ह्यूमन एडिनोवायरल प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जिसे सुरक्षित और प्रभावशाली साबित किया जा चुका है. वहीं, मई तक दुनिया भर में 20 मिलियन से ज्यादा लोगों ने स्पुतनिक V वैक्सीन लगवा ली थी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें