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फिट वेबकूफ: क्या भांग से हो सकता है नोवल कोरोनावायरस का इलाज?

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दावा

चीन के वुहान से फैले नोवेल कोरोनावायरस से निपटने, बचने और इसे नष्ट करने को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं.

इसी तरह एक पोस्ट में कहा गया है कि भांग या वीड चीन से फैले नए तरह के कोरोनावायरस को मार सकता है और इसके इस्तेमाल से कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों को बचाया जा सकता है.

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इस पोस्ट को कई लोगों ने शेयर किया है, जिसमें बॉलीवुड फिल्म निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री भी शामिल हैं.

उन्होंने ट्वीट किया, "दुनिया की बहुत सी समस्याओं का समाधान भारत में है. जब तक आप हमारी प्राचीन विद्या का उपहास करत रहेंगे, तब तक आप उन्हें नहीं पा सकते. भांग का पौधा जादूई होता है. 80 के दशक के मध्य तक इसे सरकार द्वारा बेचा जाता था. राजीव गांधी और पश्चिमी फार्मा कंपनियों की वजह से इसे बुरा नाम मिला."

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सही या गलत?

सबसे पहले आपको ये बता दें कि दुनिया भर के वैज्ञानिक और डॉक्टर अभी भी 2019-nCoV के इलाज के तरीकों का पता लगा रहे हैं. शोधकर्ता वायरस के इस संभावित खतरनाक स्ट्रेन को समझने के शुरुआती चरणों में हैं, जिससे इंसान पहले कभी संक्रमित नहीं हुए. वैक्सीन विकसित करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन एक नए टीके को वास्तविक उपयोग में आने में कई महीने या साल भी लग सकते हैं.

कुछ मामलों में, एचआईवी, फ्लू या इबोला के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली एंटीवायरल दवाओं से कुछ सुधार देखा गया. लेकिन विशेषज्ञ अभी भी इन्हें नोवल कोरोनावायरस का उपचार नहीं मान रहे हैं.

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तो क्या इस वायरस के खात्मे के लिए किसी पौधे को असरदार बताया जा सकता है?

इस सिलसिले में फिट ने इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ सुरनजीत चटर्जी से बात की.

इस तरह के दावे को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. हम अभी भी इस वायरस को समझने में लगे हैं. जब तक ठोस रिसर्च नहीं हो जाता है, इस तरह के दावों पर भरोसा नहीं किया जा सकता.
डॉ चटर्जी

क्रिटिकल केयर मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ सुमित रे ने कहा, "कैनबिनॉइड्स तनाव, दर्द से राहत और मतली के लिए उपयोगी होते हैं. ये पौधा भारतीय ही नहीं, कई संस्कृतियों का हिस्सा रहा है. लेकिन, ये सुझाव देने के लिए कोई सबूत नहीं है कि ये एंटी-वायरल होता है."

इस तरह के दावे का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और इसलिए इस पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए.

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