अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा से पहले भारत फिलहाल कोरोनावायरस के संक्रमण से पूरी तरह मुक्त है.
देश के अंदर मौजूद भारतीय नागरिकों में कोरोनावायरस का संक्रमण केरल के 3 छात्रों में पाया गया था.
अब ये तीनों ही छात्र पूरी तरह स्वस्थ हैं. इन तीनों को अस्पताल से छुट्टी भी दी जा चुकी है.
भारत में बड़े पैमाने पर कोरोनावायरस की पहचान के लिए स्क्रीनिंग चल रही है, पर फिलहाल कोरोनावायरस की स्क्रीनिंग में कोई अन्य व्यक्ति इस रोग से ग्रसित नहीं पाया गया है. गौरतलब है कि चीन में कोरोनावायरस के कारण दो हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
समय रहते शुरू हो गई थी तैयारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि लाखों व्यक्तियों की थर्मल स्क्रीनिंग के बाद संदेह के आधार पर कुल 2654 लोगों के सैंपल आगे की जांच के लिए गए. इन 2654 लोगों में से केवल केरल के ही तीन व्यक्ति कोरोना वायरस से ग्रस्त पाए गए थे जो कि अब पूरी तरह स्वस्थ हैं. बाकी 2651 लोगों की जांच में उन्हें कोरोनावायरस से पूरी तरह सुरक्षित पाया गया है. यह जांच पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली और मुंबई की लैब में करवाई गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, "भारत ने समय रहते कोरोनावायरस से बचाव के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं. 2,296 विमानों के 3 लाख 21 हजार 375 यात्रियों की जांच की जा चुकी है. इसके साथ ही 125 जहाजों के 6,387 यात्रियों की भी स्क्रीनिंग की गई है. इनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोनावायरस से प्रभावित नहीं है."
कोरोनावायरस के संदेह में कुछ लोगों को कैंप में रखा गया
कोरोनावायरस के संदेह में आइटीबीपी के दिल्ली स्थित और भारतीय सेना के मानेसर कैंप में रखे गए सभी 647 भारतीय नागरिकों को भी घर भेजा जा चुका है. इन सभी भारतीय को चीन के वुहान शहर से भारत लाया गया.
गौरतलब है कि वुहान ही चीन का वह शहर है, जहां कोरोनावायरस का प्रकोप सबसे अधिक फैल चुका है. चीन का वुहान शहर करीब 1 महीने से पूरी तरह बंद पड़ा है.
हालांकि आइटीबीपी के कैंप में ठहराए गए इन सभी भारतीयों में से कोई भी व्यक्ति कोरोनावायरस के संक्रमण से ग्रस्त नहीं पाया गया है.
बाहरी दिल्ली स्थित आइटीबीपी के छावला कैंप में ये सभी 647 संदिग्ध 2 हफ्ते से अधिक का समय बिता चुके हैं. कैंप में रह रहे सभी व्यक्तियों को स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र जारी किया है.
इन कैंपों में चीन से आए इन सभी भारतीयों की नियमित जांच की गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, "जांच में पता चला है कि इनमें से कोई भी भारतीय कोरोनावायरस से ग्रसित नहीं है."
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