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दिल्ली थर्ड वेव : COVID बेड को लेकर अस्पतालों में कैसे हैं हालात?

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क्या कोरोना वायरस के तीसरे लहर को झेल रही दिल्ली का हाल पहले की तरह बुरा होने जा रहा है? मरीजों की बढ़ती संख्या से हॉस्पिटल में बेड की कमी होने लगी है? ये सवाल दिल्लीवासियों को सताने लगा है.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने 8 नवंबर को ICU बेड की घटती संख्या को लेकर सफाई दी कि सरकारी अस्पतालों में ICU बेड उपलब्ध हैं. लेकिन कई लोग सरकारी अस्पताल की जगह प्राइवेट अस्पतालों को वरीयता देते हैं इसलिए उन्हें ICU बेड की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

11 नवंबर को फिट ने दिल्ली सरकार के कोरोना ऐप पर दी गई जानकारी के आधार पर कुछेक सरकारी-प्राइवेट हॉस्पिटल में फोन कर हालात जानने की कोशिश की.

ऐप के मुताबिक दिल्ली में अभी बेड की व्यवस्था को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है. लेकिन जब हमने बतौर मरीज का अटेंडेट बन इन हॉस्पिटल में फोन किया, तो लगा कि जरूरत पड़ने पर मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.

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हॉस्पिटल ने कहा- ICU बेड उपलब्ध नहीं

फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हर्ट इंस्टिट्यूट(प्राइवेट), ओखला

हॉस्पिटल के मुताबिक कोविड ICU बेड उपलब्ध नहीं थे. बताया गया कि सिर्फ ऑक्सीजन सपोर्ट बेड ही उपलब्ध हैं. अगर मरीज को ICU बेड की जरूरत पड़ी तो वो उपलब्ध नहीं हो सकेगा. जबकि ऐप पर वेंटिलेटर के साथ उपलब्ध सभी 5 बेड खाली बताए जा रहे थे.

इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर(प्राइवेट)- वसंत कुंज

हॉस्पिटल की तरफ से कहा गया कि कोविड मरीजों के लिए 37 बेड उपलब्ध हैं जिनमें से एक भी खाली नहीं है. बताया गया कि ICU में भी बेड उपलब्ध नहीं हैं. हालांकि ऐप के मुताबिक यहां 4 में से 4 कोविड-19 ICU बेड खाली बताए जा रहे थे.

ये वेंटिलेटर के साथ उपलब्ध ICU बेड की संख्या है.

लोकनायक हॉस्पिटल(दिल्ली सरकार)

यहां जानकारी दी गई कि कोविड मरीज की हेल्थ समरी स्लिप बनवाएं और फिर हॉस्पिटल आकर CMO से मुलाकात करें. उसके बाद मरीज को भर्ती किया जाएगा.

ऐप के मुताबिक यहां 230 में से 35 कोविड-19 ICU बेड खाली बताए जा रहे थे. ये बिना वेंटिलेटर के उपलब्ध ICU बेड की संख्या है.

HAHC हॉस्पिटल(प्राइवेट), हमदर्द नगर

यहां बताया गया कि कोविड ICU बेड उपलब्ध है. 1 लाख रुपये एडवांस पेमेंट के साथ मरीज की भर्ती की जाएगी.

ऐप के मुताबिक यहां 5 में से 5 कोविड-19 ICU बेड खाली बताए जा रहे थे. ये वेंटिलेटर के साथ उपलब्ध ICU बेड की संख्या है.

राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल (केंद्र सरकार)

यहां ICU बेड की उपलब्धता के बारे में फोन पर पूछताछ पर कहा गया कि हर मिनट हालात बदल रहे हैं. मरीज के पहुंचने तक बेड फुल भी हो सकते हैं. फोन पर जानकारी देना मुमकिन नहीं है. साथ ही कहा गया कि मरीज को LNJP ले जाएं क्योंकि वो कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल है.

ऐप के मुताबिक यहां 28 में से 3 कोविड-19 ICU बेड खाली बताए जा रहे थे. ये वेंटिलेटर के साथ उपलब्ध ICU बेड की संख्या है.

एम्स झज्जर

यहां कोविड ICU बेड के खाली होने की जानकारी दी गई और कहा गया कि मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा सकता है.

ऐप के मुताबिक यहां 50 में से 26 कोविड-19 ICU बेड खाली बताए जा रहे थे. ये वेंटिलेटर के साथ उपलब्ध ICU बेड की संख्या है.

दरअसल, कोरोना ऐप पर रियल टाइम आंकड़े उपलब्ध नहीं होना एक बड़ी दिक्कत है. ऐप पर दी गई जानकारी कई बार हॉस्पिटल की तरफ से दी जा रही जानकारी से मेल नहीं खाती.

लोगों की सहूलियत के लिए बनाए गए दिल्ली सरकार के कोरोना ऐप पर 11 नवंबर को 9 नवंबर तक का ही कोविड डेटा मौजूद है, जिसमें कंफर्म, एक्टिव, रिकवरी और कोविड से मौत के आंकड़े बताए गए हैं. 9 नवंबर तक 7060 कोविड से हुए मौत के मामले दर्ज हैं.

वहीं बेड की जानकारी लगातार अपडेट हो रही हैं. ऐप के मुताबिक 11 नवंबर की शाम 6 बजे तक के आंकड़े कहते हैं कि दिल्ली के हॉस्पिटल में 16525 कोविड बेड हैं, 1280 वेंटिलेटर के साथ और 2069 बिना वेंटिलेटर के ICU बेड हैं.

इनमें से कुल 8478 कोविड-19 बेड खाली हैं. वेंटिलेटर वाले खाली ICU बेड की संख्या 173 है और बिना वेंटिलेटर वाले खाली ICU बेड की संख्या 337 है.

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कोरोना की तीसरी लहर, दिल्ली सरकार की क्या है तैयारी?

8 नवंबर को सत्येंद्र जैन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कह चुके हैं कि दिल्ली सरकार ने सरकारी हॉस्पिटल में 500 कोरोना बेड और 110 ICU बेड बढ़ाए हैं. वहीं प्राइवेट हस्पिटल में भी कोरोना मरीजों के लिए 685 बेड बढ़ाए गए हैं.

जैन ने कहा था- “दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर और इसका पीक चल रहा है. कोरोना का पहला पीक 23 जून को, दूसरा 17 सितंबर को और तीसरा पीक अब आया है. हमें लगता है इसके बाद डाउन ही जाना चाहिए.”

8 नवंबर को दिल्ली में 7,745 नए पॉजिटिव केस सामने आए और 77 लोगों की मौत हो गई. ये एक दिन में अब तक का सबसे ज्यादा आंकड़ा है. 5 हजार केस रोजाना सामने आ रहे हैं.

दिल्ली सरकार ने कोरोना मरीजों के लिए कुल 1,185 बेड अस्पतालों में बढ़ाए हैं. 80% ICU बेड प्राइवेट अस्पताल में रिजर्व करवाए गए थे, जिसे हाईकोर्ट ने रोक दिया था. उसके लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई.

अब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिल्ली हाई कोर्ट जाने को कहा है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा है कि वो12 नवंबर को मामले की सुनवाई करे.

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