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कंप्यूटर पर लगातार काम करते हैं? ऐसे रखें अपनी आंखों का ख्याल

कंप्यूटर स्क्रीन पर काम करें लेकिन इन बातों का ध्यान रख के करें इस्तेमाल

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क्या आप घंटों कंप्यूटर, लैपटॉप पर काम करते हैं. सुबह से देर रात तक आपका ज्यादातर वक्त कंंप्यूटर स्क्रीन के सामने ही गुजरता है.

क्या आप आंखों में जलन, ड्राइनेस, धुंधली नजर जैसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. हो सकता है कि आप इसकी वजह घंटों कंप्यूटर या लैपटॉप स्क्रीन पर लगातार देखते रहने को समझते हों. ये बात काफी हद तक सही भी है. घंटों लगातार कंप्यूटर और लैपटॉप स्क्रीन पर देखते रहने से आपको आंखों में कई परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है.

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क्या लोगों में आंखों की परेशानियां बढ़ रही हैं?

लैपटॉप, डेस्कटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल करें, लेकिन इन बातों का ध्यान जरूर रखें
आंखों में ड्राइनेस की समस्या बढ़ी है
(फोटो:iStock)

आपको लगता होगा कि आजकल आंखों की परेशानियों में इजाफा हो रहा है. लेकिन मैक्स मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पंचशील पार्क के ऑप्थैमोलॉजी के एचओडी डॉ. तरुण कपूर के मुताबिक, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. उनके जवाब आपको काफी चौंकाने वाले लग रहे होंगे, लेकिन उन्होंने साफ कहा-

वास्तविकता ये है कि पिछले कुछ सालों में आंखों की परेशानी नहीं बढ़ी है. पहले की तुलना में लोग अब ज्यादा जागरूक हो गए हैं. और आई स्पेशलिस्ट से मदद लेते रहते हैं. लेकिन जिन दो परेशानियों में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है, वो है अलेर्जिक कॉन्जेक्टिवाइटिस, जो शहरों में होने वाले प्रदूषण की वजह से हो रहा है. और दूसरी परेशानी है ड्राइनेस, जो लंबे समय तक कंप्यूटर के इस्तेमाल के कारण होती है.
डॉ. तरुण कपूर
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रोजाना कितनी देर हमें कंप्यूटर के सामने बैठना चाहिए?

इसके लिए कोई समय तय नहीं है. यह अलग-अलग लोगों पर अलग-अलग तरह से लागू हो सकता है. कुछ लोगों की आंखें काफी संवेदनशील होती हैं और उन्हें कुछ ही देर में आंखों में परेशानी हो सकती है. वहीं कुछ लोगों को इस तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप कुछ-कुछ देर पर कंप्यूटर स्क्रीन से अपनी नजर हटाकर ब्रेक लेते रहें.

इन वजहों से आपकी आंखें जल्दी थक सकती हैं:

  • कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से
  • गलत पावर के ग्लासेज या लेंस का इस्तेमाल करने पर
  • आंखों में ल्यूब्रिकेशन की कमी
  • नींद की कमी
  • प्रदूषण

डॉ. कपूर कहते हैं-

कंप्यूटर स्क्रीन से बचाव के लिए कितने समय तक इक्विपमेंट का इस्तेमाल किया जाए. इसका कोई समय तय नहीं है. नियमित रूप से आंखों को पर्याप्त आराम देने, कुछ-कुछ देर में पलक झपकाने, ब्रेक लेने और आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने से काफी मदद मिलती है.
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क्या भारतीयों की देखने की क्षमता कमजोर होती है?

क्या भारतीय आनुवांशिक रूप से मायोपिया या कमजोर दृष्टि से पीड़ित होते हैं? क्या कंप्यूटर स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताते हैं? इन सवालों का जवाब देते हुए डॉ कपूर कहते हैं-

मायोपिया एक ऐसी कंडिशन है, जो पूरी दुनिया में काफी आम है. कमजोर दृष्टि मायोपिया को बढ़ाने का काम काम करती है.

कैसे अपनी आंखों को बचाएं

अगर शुरुआत में ही आंखों की परेशानी का पता चल जाए, तो इसे ठीक किया जा सकता है.

आपकी आंखों को सही करना, इस बात पर काफी हद तक निर्भर करता है कि आंखें कितनी खराब हुई हैं. और आप कैसा ट्रीटमेंट ले रहे हैं. ज्यादातर मामलों में आंखें आसानी से ठीक हो जाती हैं.
डॉ. तरुण कपूर

इसके अलवा अगर आप रोजना लंबे समय तक कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठते हैं. तो इन बातों का विशेष ध्यान रखें.

  • डॉक्टर की सलाह पर आई ड्रॉप डालें.
  • 20-20-20 का फॉर्मूला अपनाएं. इसके तहत हर 20 मिनट पर अपने कंप्यूटर स्क्रीन से नजरें हटाकर 20 फीट दूर किसी ऑब्जेक्ट (किसी जगह या सामान) को 20 सेकंड के लिए देखें.
  • नियमित अंतराल पर अपनी पलकें झपकाते रहें.
  • कंप्यूटर स्क्रीन से नियमित अंतराल पर लगातार ब्रेक लेते रहें.
  • कंप्यूटर की ब्राइटनेस को रेग्यूलेट करें. रात के समय ब्राइटनेस कम रखें और दिन के समय कंप्यूटर स्क्रीन को खुद से 20-30 इंच की दूरी पर रखें.
लैपटॉप, डेस्कटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल करें, लेकिन इन बातों का ध्यान जरूर रखें
अपनी आंखों का ऐसे रखें ख्याल
(फोटो:iStock)
  • कंप्यूटर स्क्रीन आपकी आंखों के सामने या थोड़ी नीचे होनी चाहिए.
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