ADVERTISEMENTREMOVE AD

जानलेवा हो सकती है बेहोशी, जानिए किन कारणों से बेहोश होते हैं लोग

आमतौर पर माना जाता है कि बेहोशी की वजह तनाव, अपर्याप्त नींद या असंतुलित आहार होता है.

Updated
फिट
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

हममें से अधिकतर लोगों ने अपने जीवन में किसी न किसी समय बेहोशी का अनुभव किया होगा. आमतौर पर माना जाता है कि बेहोशी का कारण तनाव, अपर्याप्त नींद या दूसरे कारकों के बीच संतुलित आहार नहीं खाना होता है. एक बार तो इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है.

हालांकि, भले ही ये सामान्य लगे लेकिन बेहोशी जानलेवा हो सकती है. जब आप बेहोश होते हैं, तो आप गिर सकते हैं और खुद को घायल कर सकते हैं. कई बार यह घातक चोटों का कारण बन सकता है, जिससे व्यक्ति जिंदगी भर के लिए प्रभावित हो सकता है. अगर आप कभी बेहोश हुए हो, तो ये हृदय विकार की एक चेतावनी हो सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि बेहोशी हमेशा किसी हृदय संबंधी कारण से होती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इसे मेडिकल टर्म में 'सिंकोप' के रूप में जाना जाता है.

अस्थायी रूप से अचेत होना सिंकोप की शुरुआत है, जो मस्तिष्क में खून के अपर्याप्त प्रवाह के कारण होता है. यह एरिथिमिया का चेतावनी संकेत हो सकता है, जो दिल की धड़कनों के असामान्य होने के कारण होता है. इससे दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी गंभीर मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है.

क्या होता है, जब आप बेहोश हो जाते हैं

आमतौर पर माना जाता है कि बेहोशी की वजह तनाव, अपर्याप्त नींद या असंतुलित आहार होता है.
बेहोशी थोड़ी देर के लिए अचेत होने की अवस्था है और इसमें व्यक्ति सहज ही होश में आ जाता है.
(फोटो: iStockphoto)   

भारत में, बेहोशी विभिन्न आयु वर्गों में होती है, लेकिन बुजुर्गों की तुलना में युवा लोगों में इसके कारण अलग होते हैं.

हालांकि बेहोशी सामान्य लग सकती है, कुछ बेहोशी जीवन के लिए खतरा हैं, विशेष रूप से थकावट के दौरान या बिना किसी चेतावनी संकेत के होने वाली बेहोशी.

बेहोशी थोड़ी देर के लिए अचेत होने की अवस्था है और इसमें व्यक्ति सहज ही होश में आ जाता है.

बेहोशी या सिंकोप दिल को किसी तरह का नुकसान या असामान्य विद्युत प्रणाली विकारों से संबंधित है, जो हृदय की खून को बेहतर तरीके से पंप करने की क्षमता को प्रभावित करती है. कुछ मामलों में, बेहोशी एरिथिमिया का एकमात्र चेतावनी संकेत है, जो मौत का कारण बन सकता है. मुख्य रूप से दिल की बीमारी वाले लोगों को बेहोशी की सूरत में जोखिम अधिक होता है.

0

बेहोशी के लक्षण और उपचार

आमतौर पर माना जाता है कि बेहोशी की वजह तनाव, अपर्याप्त नींद या असंतुलित आहार होता है.
उम्र के साथ बेहोशी से जुड़ा जोखिम बढ़ जाता है.
(फोटो: iStockphoto)   
बेहोशी के चेतावनी संकेत में दिल की धड़कन का असामान्य होना, चक्कर आना, बेचैनी, कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ शामिल है.

उम्र के साथ ही बेहोशी से जुड़ा जोखिम बढ़ जाता है. ऐसे लोग जिन्हें कोरोनरी आर्टरी रोग, जन्मजात दिल से जुड़ी कोई परेशानी, वेंट्रिकुलर डिसफंक्शन है, जिन्हें दिल का दौरा पड़ा है, जिन लोगों की कंडक्शन सिस्टम स्लो है, के साथ ही जेनेटिक म्यूटेशन वाले लोगों में भी इसका खतरा अधिक होता है.

सिंकोप का इलाज मरीज के बेहोशी के पिछले रिकॉर्ड के आधार पर किया जाता है. इसका सामान्य तरीका फिजिकल एग्जामिनेशन और ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी) है.

रिजल्ट के आधार पर, समस्या की गंभीरता का आकलन करने के लिए व्यापक हार्ट असेस्मेंट की जरूरत हो सकती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बेहोश होने का कारण क्या है?

सिंकोप कई प्रकार के कारकों की वजह से होता है. इसके इलाज के लिए कोई ऐसा तरीका नहीं है, जो सभी के लिए उपयुक्त हो. इसलिए इसके सटीक कारणों का पता लगाना बहुत महत्वपूर्ण है. इसके आधार पर ही इलाज तय किया जाना चाहिए.

लाइफस्टाइल में बदलाव, दवा और इलाज के जरिए सिंकोप से निपटा जा सकता है. दवाई और थेरेपी बीमारी की स्थिति पर निर्भर करता है.

अचेत होना किसी भी तरह से अच्छा नहीं है. माना जाता है कि सिंकोप या बेहोशी का कारण सामान्य रूप से न्यूरोलॉजिकल है और रोगी इसी आधार पर डॉक्टरी सलाह लेते हैं. इसका वास्तविक कारण हृदय से जुड़ा है.

इसलिए, व्यक्ति को कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए, जो सिंकोप के इलाज करने का विशेषज्ञ है. साथ ही ये आगे होने वाली बेहोशी को रोकने में मदद करता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बचाव के तौर पर आप क्या कर सकते हैं?

  • अपनी बेहोशी का रिकॉर्ड रखें. भले ही एक बार बेहोशी हो, इसे दूर करने और स्पेशलिस्ट को दिखाना चाहिए.
  • बेहोशी को इग्नोर न करें, ये जानलेवा हो सकती है.
  • घबराहट, सिर चकराने, बहुत कमजोरी महसूस होने, थकान होने या सांस लेने में परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
  • अगर आपको बेहोशी जैसा महसूस हो, तो दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करने के लिए बैठ या लेट जाएं.

(डॉ वनिता अरोड़ा मैक्स सुपर स्पेशएलिटी हॉस्पिटल में कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी लैब एंड एरिथिमिया सर्विसेज की डायरेक्टर और हेड हैं.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×