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हमें विटामिन C की जरूरत क्यों होती है? क्या हैं इसकी कमी के लक्षण

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जेम्स लिंड ने 1747 में एक बेहद घातक बीमारी को मात देने में मदद की थी. नौसेना के एक जहाज पर उनके प्रयोगों में यह दर्शाया गया कि संतरा और नींबू स्कर्वी नाम की बीमारी से मुक्त होने का उपाय है, जो विटामिन C की कमी से होने वाली बीमारी है, इस बीमारी के कारण 1500 से 1800 ईस्वी के बीच 20 लाख नाविकों की मौत हुई थी.

अब हम जानते हैं कि सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients) प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) का एक महत्वपूर्ण भाग हैं और इनकी कमी से बुरा असर पड़ सकता है.

आज खाने की खराब आदतों या जीवनशैली के कारण भारत में पोषक तत्व लिए जाने में कमी को देखते हुए यह सुनिश्चित होना चाहिए कि लोग जरूरी विटामिन और खनिज पर्याप्त मात्रा में लें.

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विटामिन का वर्गीकरण उसकी घुलनशीलता के आधार पर किया जाता है. जो विटामिन पानी में घुल जाते हैं, उन्हें वॉटर-सॉल्यूबल विटामिन कहा जाता है. फैट-सॉल्यूबल विटामिन यानी वसा में घुलनशील विटामिन के विपरीत विटामिन C जैसे वॉटर सॉल्यूबल विटामिन सामान्य तौर पर शरीर में स्टोर नहीं होते.

यह एक अनिवार्य पोषक तत्व है, जिसे हमारा शरीर खुद से नहीं बना सकता. इसलिए इसे आहार के जरिए लिए जाने की जरूरत होती है या डॉक्टर की सलाह से इसका सप्लीमेंट लिया जा सकता है.

विटामिन सी हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी है?

विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट है, जो बीमारी के जोखिम को कम कर सकता है.

  • हाई ब्लड प्रेशर मैनेज करने में मदद कर सकता है

  • दिल की बीमारियों का जोखिम घटाने में मददगार हो सकता है

  • खून में यूरिक एसिड के स्तर को कम कर सकता है

  • आयरन की कमी की रोकथाम कर सकता है

  • रोग प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ावा देने में मददगार हो सकता है

  • डिमेंशिया (मनोभ्रंश) के रिस्क को घटाने में मददगार हो सकता है

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इंसानों के लिए विटामिन C एक महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रोन्यूट्रिएंट) है, यह संयोजी ऊतकों (tissues) के विकास और रखरखाव में मदद करता है, जख्मों के भरने, हड्डियों के गठन, और स्वस्थ मसूड़ों के रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

इसके साथ ही यह कई चयापचयी कार्यों (Metabolic Functions) में भी सहायता करता है जिसमें B विटामिन, फॉलिक एसिड का एक्टिवेशन (सक्रियन) और खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हुए कोलेस्ट्रॉल का बाइल एसिड (पित्त अम्ल) में परिवर्तन करना शामिल है.

स्कर्वी और विटामिन C की कमी से होने वाले अन्य रोगों में विटामिन C का उपयोग एक उपचारात्मक एजेंट के तौर पर किया जाता है.

सबसे महत्वपूर्ण यह है कि विटामिन C इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मददगार हो सकता है, एलर्जिक रिएक्शन की तीव्रता को कम करता है और सभी प्रकार के संक्रमणों से लड़ने में सहायता करता है.

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वरिष्ठ नागरिकों पर की गई एक क्लीनिकल स्टडी में उत्तर और दक्षिण भारतीयों में क्रमशः 74 प्रतिशत और 46 प्रतिशत लोगों में विटामिन C की कमी पाई गई थी.

सामान्य जुकाम और सांस संबंधी संक्रमणों जैसे संक्रमणों में विटामिन C की कमी होती है, इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सप्लीमेंट के जरिए विटामिन C की पुन: पूर्ति करने की आवश्यकता होती है.

डायबिटीज, ऐथिरोस्क्लेरोसिस और ह्रदय रोग जैसी गंभीर बीमारी में शरीर की विटामिन C की कमी आती है, ऐसे में सप्लीमेंट्स से विटामिन C में सुधार लाने में मदद मिल सकती है.

विटामिन सी, जिसे एस्कॉर्बिक एसिड भी कहा जाता है, कोलेजेन पदार्थ बनाने के लिए जरूरी होता है जो त्वचा, उपास्थि (कार्टिलेज), हड्डी, स्नायु और शिरा, रक्त वाहिका की दीवार और दांतों जैसे शरीर में विभिन्न ऊतकों की मरम्मत के लिए आवश्यक होता है. यह आंत में आयरन और कैल्शियम और अन्य खनिजों के अवशोषण में सुधार लाता है.

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विटामिन सी की कमी के लक्षण

  • थकान

  • कमजोरी

  • मांसपेशी और जोड़ों में दर्द

  • त्वचा पर खरोंच

  • दोमुंहे बाल

  • मसूड़ों में सूजन और उनका रंग बिगड़ना, मसूड़ों से अनपेक्षित रूप से खून आना

  • जख्मों का अच्छी तरह न भरना

  • संक्रमण से लड़ने में परेशानी होना

  • वजन कम होना

अगर समय पर इसका निदान और उपचार नहीं किया गया तो विटामिन सी की कमी से तंत्रिका की समस्या, दौरा पड़ना, बुखार और सांस फूलने जैसी समस्या हो सकती है.

विटामिन C की कमी के लक्षण दिखें, तो क्या करें

शरीर में इस अनिवार्य सूक्ष्म पोषक तत्व की कोई कमी नहीं है, यह सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है.

व्यक्ति से उसके आहार के बारे में पूछकर और उसके द्वारा अनुभव किए गए लक्षणों को सुनकर डॉक्टर समस्या का पता लगा सकते हैं.

भोजन से आयरन का अवशोषण करने के लिए भी विटामिन सी की आवश्यकता होती है; इसलिए अक्सर उन लोगों में आयरन की कमी पाई जाती है, जिनमें विटामिन सी पर्याप्त नहीं होता.

इसके अलावा डॉक्टर हड्डियों की जांच करने के लिए एक्स रे या स्कैन करने की सलाह भी दे सकते हैं क्योंकि विटामिन सी की कमी का संबंध हड्डियों के पतला होने से भी है.

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विटामिन सी की कमी से क्या होता है?

आहार में लगातार विटामिन सी की कमी होने से शरीर में स्कर्वी नामक स्थिति बन सकती है.

मसूड़ों से खून आना, बदबूदार सांस स्कर्वी रोग के कुछ सामान्य तौर पर देखे जाने वाले लक्षण हैं.

आपके डॉक्टर की सलाह के अनुसार स्कर्वी का इलाज विटामिन सी सप्लीमेंट के साथ किया जा सकता है.

विटामिन सी के प्राकृतिक स्रोत, जैसे खट्टे फल, हरे पत्तेवाली सब्जियां, स्ट्राबेरी, पपीता, ब्रोकली विटामिन सी की कमी से होने वाली बीमारियों और लंबे समय में स्कर्वी की रोकथाम करने में सहायता करते हैं.

एक हेल्दी डाइट के साथ सप्लीमेंट्स लेने से शरीर में विटामिन C की सही मात्रा बनाए रखने में मदद मिलती है और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है.

रोजाना के आहार में विटामिन लिए जाने की सिफारिश व्यक्ति की उम्र और लिंग पर आधारित है, उदाहरण के लिए गर्भवती और शिशु को ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को इसकी ज्यादा मात्रा की आवश्यकता होती है.

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विटामिन C की कमी से निपटना

महामारी को देखते हुए स्वस्थ बने रहना इस घड़ी की सबसे बड़ी जरूरत है. लेकिन हम इसे कैसे हासिल कर सकते हैं?

विभिन्न अध्ययनों में यह पाया गया है कि विकसित देशों में भी, जहां ताजे फलों और सब्जियों की कोई कमी नहीं है, जो लोग सप्लीमेंट्स का सेवन करते हैं, उनमें विटामिन सी की स्थिति उल्लेखनीय रूप से उच्च होती है या उनमें विटामिन सी की कमी की प्रवृत्ति कम होती है.

विटामिन सी की कमी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बिगाड़ सकती है और इससे संक्रमण के कारण बार-बार होने वाली बीमारियां हो सकती हैं.

एक सेहतमंद आहार और विटामिन सी सप्लीमेंट्स (डॉक्टर की सलाह पर) लेकर इस समस्या से निपटा जा सकता है क्योंकि शरीर में अपने-आप विटामिन सी का निर्माण नहीं होता, इसलिए नियमित रूप से ऐसे खाद्य पदार्थ खाना, जिनमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में हो, सेहत के लिए अच्छा होता है.

(डॉ. गौरव जैन धर्मशिला नारायण सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट हैं.)

(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए और कोई भी उपाय करने से पहले फिट आपको डॉक्टर या विशेषज्ञ से संपर्क करने की सलाह देता है.)

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