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ब्रूसीलोसिस:चीन में इस बैक्टीरियल संक्रमण से बीमार हुए सैकड़ों लोग

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Health News
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चीन के उत्तर पश्चिमी इलाके में स्थित गैन्सू प्रांत के लानजोउ शहर में सैंकड़ों लोगों को ब्रूसीलोसिस से बीमार पाया गया, जो कि एक बैक्टीरियल संक्रमण है और इसकी पुष्टि अधिकारियों ने पिछले हफ्ते की थी.

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने गैन्सू प्रांत के सेंट फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के हवाले से बताया कि इस बैक्टीरिया से करीब 3,245 लोग पिछले हफ्ते संक्रमित पाए गए.

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कैसे फैलता है ब्रूसीलोसिस?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक ब्रूसीलोसिस ब्रुनेला ग्रुप के बैक्टीरिया के कारण होने वाली एक जूनोटिक बीमारी है, जो दुनिया के कई देशों में रिपोर्ट होती रही है.

ये बीमारी ज्यादातर पालतू पशुओं जैसे गाय, भेड़-बकरी, सुअर और कुत्तों को होती है. वहीं संक्रमित जानवर के सीधे संपर्क में आने, संक्रमित जानवरों का मांस या डेयरी प्रोडक्ट (जैसे कच्चा दूध) को खाने-पीने या हवा में मौजूद बैक्टीरिया को सांस के जरिए अंदर लेने से ये इंसानों को भी हो सकती है.

WHO के मुताबिक अधिकतर ये बीमारी संक्रमित जानवरों के बिना पाश्चरीकृत दूध या पनीर लेने से होती है.

वहीं इंसानों से इंसानों में इसका संचरण दुर्लभ होता है.

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ब्रूसीलोसिस के लक्षण

ब्रूसीलोसिस में खासकर फ्लू जैसे लक्षण सामने आते हैं, जिसमें बुखार, कमजोरी, बेचैनी, वजन घटना, मांसपेशियों और जोड़ों और/या पीठ में दर्द और सिर दर्द शामिल है.

बीमारी के लक्षण आने में एक हफ्ते से लेकर 2 महीने भी लग सकते हैं, लेकिन आम तौर पर 2 से 4 हफ्ते में लक्षण आ जाते हैं.

ब्रूसीलोसिस की रोकथाम

ब्रूसीलोसिस की रोकथाम के लिए जानवरों में संक्रमण का नियंत्रण और उन्मूलन जरूरी है.

हाई रिस्क वाले जूनोटिक क्षेत्रों (पशुओं की आबादी में रोग की लगातार उपस्थिति) में बोवाइन ब्रूसीलोसिस के नियंत्रण के लिए पशुओं के टीकाकरण की सिफारिश की जाती है.

लोगों को बिना पाश्चरीकृत दूध एवं उससे बने उत्पादों के सेवन से बचने और मांस को अच्छी तरह से पका कर खाना चाहिए.

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चीन में ब्रूसीलोसिस के हालिया प्रकोप की वजह?

ये बैक्टीरिया पिछले साल एक बायोफार्मा कंपनी से हुए रिसाव के बाद फैला. ये लीकेज तब हुआ जब कंपनी जानवरों के लिए ब्रुसेल वैक्सीन का उत्पादन कर रही थी.

रिपोर्ट्स के मुताबिक फैक्ट्री में एक्सपायर हो चुके डिसइन्फेक्टेंट और सैनिटाइजर इस्तेमाल किए गए, जिससे कि वेस्ट गैस में सभी बैक्टीरिया नष्ट नहीं हो पाए. इस तरह बैक्टीरिया वाले वेस्ट गैस का एरोसॉल बना और हवा के जरिए शहर में फैल गया.

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