ADVERTISEMENTREMOVE AD

मलेरिया मुक्त होने की दिशा में भारत की चुनौतियां

मलेरिया से बचा जा सकता है और इसे इलाज से ठीक भी किया जा सकता है.

Updated
फिट
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

मलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिससे बचा जा सकता है और साथ ही इसे इलाज से ठीक भी किया जा सकता है.

फिर भी दुनिया भर में हर साल 4 लाख 35 हजार लोगों की मौत मलेरिया से होती है.

भारत ने 2027 तक मलेरिया मुक्त होने और 2030 तक मलेरिया के जड़ से खात्मे का लक्ष्य रखा है. लेकिन इस दिशा में भारत ने कितनी प्रगति की है?

मलेरिया के खतरे से निपटने के लिए भारत ने 'राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम' से 'राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम' का सफर तय किया है. इसमें समय-समय पर टेक्निकल, फाइनेंसशियल, ऑपरेशनल और प्रशासनिक दिक्कतों के कारण कई उतार-चढ़ाव देखे गए हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
भारत सरकार ने फरवरी 2016 में मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय फ्रेमवर्क 2016-2030 और WHO के साथ जुलाई 2017 में मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2017-2022 की शुरुआत की.

पिछले साल नवंबर 2018 में भारत के लिए एक अच्छी खबर आई:

WHO के वर्ल्ड मलेरिया रिपोर्ट 2018 के मुताबिक भारत में 2016 के मुकाबले 2017 में मलेरिया के मामलों में 24 फीसदी की कमी देखी गई.
भारत ने 2027 तक मलेरिया मुक्त होने और 2030 तक मलेरिया के जड़ से खात्मे का लक्ष्य रखा है.
2017 में, भारत के ओडिशा में मलेरिया मामलों और मौत में करीब 80 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
(फोटो: A.lok/WHO)

आसान नहीं है मलेरिया से मुक्त होने का रास्ता

हालांकि इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि दुनिया भर में मलेरिया के तकरीबन आधे मामले पांच देशों से सामने आए, जिनमें भारत भी शामिल है. भारत पर मलेरिया का ग्लोबल बर्डन 4 प्रतिशत है.

जाहिर है मलेरिया से मुक्त होने के लिए भारत के सामने उम्मीद के साथ कड़ी चुनौतियां भी हैं.

0

किन चुनौतियों से निपटना है जरूरी?

1. फंडिंग की कमी

वर्ल्ड मलेरिया रिपोर्ट 2018 दुनिया भर के देशों में खासकर बीमारी के हाई बर्डन वाले देशों में अपर्याप्त फंडिंग का जिक्र करती है.

रिपोर्ट के अनुसार मलेरिया पर भारत का खर्च दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे कम है, जोखिम में आने वाले प्रति व्यक्ति पर 1 डॉलर से कम.

WHO के डायरेक्टर-जनरल डॉ टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस के मुताबिक मलेरिया कंट्रोल में निवेश पर्याप्त नहीं है.

मलेरिया को असल में हराने के लिए हमें एक व्यापक तरीके की जरूरत है, जिसमें वेक्टर कंट्रोल मेजर, मलेरिया का जल्द पता चलना और इलाज शामिल है, खासकर ग्रामीण इलाकों में.
डॉ टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस, वर्ल्ड मलेरिया रिपोर्ट 2018, WHO

डॉ टेड्रोस इस बात पर जोर देते हैं कि जिन देशों से मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं, वहां हमें इससे निपटने के उपायों में बदलाव लाने की जरूरत है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

2. मच्छरों और पैरासाइट में रेजिस्टेंस का विकास

भारत ने 2027 तक मलेरिया मुक्त होने और 2030 तक मलेरिया के जड़ से खात्मे का लक्ष्य रखा है.
मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए, मलेरिया परजीवी और मच्छरों को नियंत्रित करना होगा.
(फोटो: iStock)

एंटीमलेरियल दवाइयों के प्रति पैरासाइट रेजिस्टेंस (प्रतिरोध) और कीटनाशकों के प्रति मच्छरों की रेजिस्टेंस एक और चुनौती है.

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च की तत्कालीन डायरेक्टर डॉ नीना वलेचा WHO को दिए एक इंटरव्यू में इसी कारण मलेरिया पर लगातार रिसर्च की अहमियत पर जोर देती हैं. डॉ नीना के मुताबिक पैरासाइट की कई प्रजातियां और विभिन्न पर्यावरणीय दशाओं की वजह से भारत में सिर्फ कोई एक नीति काम नहीं कर सकती.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

3. राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति

मलेरिया के उन्मूलन के लिए दुनिया भर में राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है. साथ ही ये भी जरूरी है कि मलेरिया से बचाव के उपाय से लेकर मलेरिया का पता लगाने और इलाज तक किसी भी लेवल पर लापरवाही न की जाए.

भारत ने 2027 तक मलेरिया मुक्त होने और 2030 तक मलेरिया के जड़ से खात्मे का लक्ष्य रखा है.
मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल एक महत्वपूर्ण उपाय है.
(फोटो: A.lok/WHO)

2017 में 23 देश जहां 80 फीसदी मच्छरदानी (ITNs-Insecticides Treated Nets) वैश्विक तौर पर वितरति किए गए, उनमें से सिर्फ सात देश, जिनमें भारत भी शामिल है, मलेरिया के जोखिम में हर दो लोगों के बीच एक ITN के ऑपरेशनल यूनिवर्सल कवरेज टारगेट से नीचे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

4. मलेरिया पर निगरानी में कमी

वर्ल्ड मलेरिया रिपोर्ट 2017 के मुताबिक भारत में “कमजोर” मलेरिया निगरानी है और केवल 8 फीसदी अनुमानित मामलों का राष्ट्रीय प्रणाली को सूचित किया जाना, दुनिया में दूसरा सबसे बद्तर है.

विशेषज्ञों के मुताबिक जरूरी है कि इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई की गति धीमी न हो. मलेरिया को नियंत्रित करने के प्रयासों को बनाए रखने की सख्त जरूरत है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें