ADVERTISEMENTREMOVE AD

हवा से भी फैलता है कोरोना वायरस? WHO को वैज्ञानिकों का ओपन लेटर

Published
Health News
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया है कि नोवेल कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) हवा से भी फैल सकता है.

रिसर्च के बाद इन वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को COVID-19 से जुड़ी अपनी सिफारिशों में बदलाव करने को कहा है.

WHO इसी बात पर जोर देता रहा है कि कोरोना वायरस मुख्य रूप से संक्रमित इंसान के खांसने और छींकने के दौरान बाहर निकले रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट के जरिए फैलता है और यही ड्रॉपलेट फर्श या दूसरी चीजों की सतह पर गिरते हैं, जिन्हें छूने के बाद आंख, नाक या मुंह को छूने से कोई संक्रमित हो सकता है.

WHO का कहना है कि कोरोना वायरस का हवा के जरिए ट्रांसमिशन कुछ मेडिकल प्रक्रियाओं के दौरान ही संभव है, जिसमें एरोसॉल या 5 माइक्रॉन से छोटे ड्रॉपलेट निकलते हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

32 देशों के 239 वैज्ञानिकों का WHO को ओपन लेटर

‘न्यूयॉर्क टाइम्स' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 32 देशों के करीब 239 वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को एक ओपन लेटर लिखा है. जिसमें कहा गया है कि इस बात के प्रमाण हैं, इस वायरस के छोटे-छोटे कण हवा में तैरते हैं. रिसर्चर्स अपना ये लेटर किसी साइंटिफिक जनरल में अगले हफ्ते पब्लिश करेंगे.

वैज्ञानिकों ने कहा है कि संक्रमित इंसान के खांसने या छींकने से निकलने वाले बड़े ड्रॉपलेट के साथ ही उसके सांस छोड़ने के दौरान बाहर आने वाली बेहद छोटी बूंदें भी एक कमरे जितनी दूरी तक हवा में फैल सकती हैं, उससे दूसरे लोग भी संक्रमित हो सकते हैं.

बता दें कि दुनिया भर में कोरोना से 1 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. दुनिया के कई हिस्सों में COVID-19 के मामलों का तेजी से बढ़ना जारी है. वहीं भारत में 6 जुलाई तक कोरोना के कुल 6,97,413 मामले कन्फर्म हो चुके हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×