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50% असरदार कोरोना वैक्सीन को क्या मंजूरी देनी चाहिए?

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक कोरोना वैक्सीन के 50-100 फीसद के बीच असरदार रहने की उम्मीद है.

ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ बलराम भार्गव ने कहा, "रेस्पिरेटरी वायरस के खिलाफ कोई भी वैक्सीन 100 प्रतिशत असरदार नहीं है."

उन्होंने बताया वैक्सीन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन तीन चीजों को जरूरी बताता है-

  1. सेफ्टी यानी इंसानों के लिए वैक्सीन कितनी सुरक्षित है

  2. इम्यूनोजेनिसिटी यानी वैक्सीन से शरीर में बीमारी के प्रति प्रभावी इम्युनिटी जनरेट होती है या नहीं.

  3. प्रभाव यानी वायरस के खिलाफ वैक्सीन कितनी प्रभावी होती है

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डॉ भार्गव ने बताया, "WHO कहता है कि अगर हमें 50 प्रतिशत से ज्यादा प्रभाव मिलता है, तो वैक्सीन को इस्तेमाल किया जा सकता है."

उन्होंने स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय की मंगलवार 22 सितंबर को हुई प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि हमारा मकसद 100 फीसदी असरदार वैक्सीन बनाना है, लेकिन हमें 50-100 प्रतिशत के बीच प्रभावी वैक्सीन मिल सकती है.

क्या 50% तक असरदार वैक्सीन महामारी के खिलाफ प्रभावी साबित हो सकती है?

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि 50% प्रभावी वैक्सीन संक्रमण फैलने से रोकने के लिए काफी नहीं है. वहीं सिर्फ 50% प्रभाव की संभावना पर कोई वैक्सीन क्यों लगवाएगा.

हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन कम से कम 50% तक प्रभावी कोरोना वायरस वैक्सीन की बात करता है.

जैसे फ्लू की वैक्सीन, सिर्फ 40 से 60% प्रभावी होती हैं और डॉक्टर इसे लगवाने की सलाह देते हैं क्योंकि वैक्सीन लगवाने से अस्पताल में भर्ती होने और मौत का जोखिम घटता है.

एक वैक्सीन को अलग-अलग बिंदुओं से देखा जा सकता है:

  • ये किसी व्यक्ति में संक्रमण को पूरी तरह से रोक सकती है

  • ये किसी व्यक्ति को गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने से बचाने के लिए पर्याप्त हो सकती है या

  • ये दोनों कर सकती है

इस तरह वैक्सीन से मदद ही मिलेगी.

अगर वैक्सीन संक्रमण से पूरी तरह इम्युनिटी नहीं दे सकती और सिर्फ गंभीर लक्षणों को रोकने में मदद करती है, तो एक व्यक्ति को सावधानी बरतनी होगी क्योंकि वो वैक्सीन लगने के बावजूद वायरस का वाहक हो सकता है.

इसके अलावा, आबादी के हर्ड इम्युनिटी प्राप्त करने या वायरस को पूरी तरह से मिटाने के लिए, ये माना जाता है कि करीब दो-तिहाई आबादी में वैक्सीनेशन हो. इन हालात में 50% प्रभावी वैक्सीन भी संक्रमण की दर को कम कर सकती है और जान बचाने में मदद कर सकती है.

हालांकि पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स वैक्सीन एफिकेसी यानी प्रभाव के लिए 70% से कम लेवल के पक्ष में नहीं हैं.

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