भारत में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और यहां संक्रमित लोगों की संख्या एक हजार के पार हो चुकी है. इस वजह से लोग काफी डरे हुए हैं.
एक सर्वे के मुताबिक 48.3 फीसदी भारतीयों को लगता है कि वे भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं. वहीं कुल 46 फीसदी भारतीयों का मानना है कि कोरोनावायरस उनके परिवार को नहीं छुएगा.
26 और 27 मार्च को आईएएनएस व सी-वोटर द्वारा किए गए सर्वे से पता चला है कोरोनावायरस को लेकर लोगों में दहशत बढ़ गई है.
17 मार्च को 39.1 प्रतिशत लोग इस बात से सहमत दिखे थे कि वायरस की वजह से एक तरह से घबराहट की स्थिति है, लेकिन अब 10 दिनों के बाद कुल 48.3 प्रतिशत लोगों में डर साफ तौर पर देखा गया है.
इसके अलावा 10 दिन पहले 17 मार्च को किए गए सर्वे में लगभग 69 फीसदी लोगों ने माना था कि कोरोना उनके परिवारों को नहीं छुएगा.
कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के बाद अब लोगों के विश्वास का स्तर भी लगभग 12 फीसदी कम हो गया है. इसकी वजह से अब लगभग 48 फीसदी का मानना है कि वायरस उनके परिवारों को संक्रमित कर सकता है, लेकिन 10 दिन पहले लगभग 39 फीसदी लोगों का ही ऐसा मानना था.
सर्वे के दौरान, 1.2 फीसदी लोगों ने कोरोनावायरस की स्थिति पर कुछ भी कहने से मना कर दिया था, वहीं अब 10 दिनों के बाद 5.2 फीसदी लोगों द्वारा इसी तरह की प्रतिक्रिया दी गई.
हालांकि लगभग 46.5 प्रतिशत लोग अभी भी डरे हुए हैं, वहीं 10 दिन पहले ऐसे लोगों की संख्या 59.5 प्रतिशत थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 29 मार्च को कोविड-19 के प्रकोप से लड़ने के लिए केंद्र द्वारा सख्त कदम उठाने के लिए माफी मांगी थी. उन्होंने कहा था कि इस लड़ाई को जीतने के लिए इन कठिन उपायों की आवश्यकता है.
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