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ब्रिटिश MP वीरेंद्र शर्मा की अपील,COVID-19 से जंग में मदद करें लोग

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ब्रिटेन में भारतीय मूल के लेबर पार्टी के सांसद वीरेंद्र शर्मा ने हाल ही में COVID-19 से संबंधित अपने अनुभव को साझा किया है. कोरोनावायरस के कारण पैदा हुई इस महामारी ने पूरी दुनिया में चिंता और डर का माहौल बना दिया है.

उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि हिलिंगडन अस्पताल में उनका कोरोनावायरस का टेस्ट पॉजिटिव निकला था. उन्हें सांस लेने में कुछ परेशानी थी.

उन्होंने बताया, "पिछले हफ्ते की शुरुआत में मुझमें कोरोनावायरस के हल्के लक्षण दिखे थे, जिसके बाद मेरी हालत बिगड़ गई थी और मुझे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. मुझे अब अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और मैं घर पर आराम कर रहा हूं"

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शर्मा ने अस्पताल और नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) दोनों का "इतनी कड़ी मेहनत करने और इतने दबाव में काम करने" के लिए शुक्रिया अदा किया.

यह हर किसी के लिए एक बेहद मुश्किल वक्त है, लेकिन हमें एक साथ काम करने और सरकार की सलाह का पालन करने की आवश्यकता है.
वीरेंद्र शर्मा, ब्रिटिश लेबर सांसद

अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद, शर्मा अपने घर पर ही आईसोलेशन में हैं और सरकार और NHS की ओर से दी गई सलाह का पालन कर रहे हैं.

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वीरेंद्र शर्मा का जन्म पंजाब के मंडलही में हुआ था और वो पहली बार 2007 में ईलिंग साउथॉल के लिए हुए उपचुनाव जीत कर सांसद बने. इससे पहले उन्होंने 25 साल तक ईलिंग में पार्षद के रूप में काम किया, जिसमें एक बार वो मेयर भी चुने गए थे. उन्होंने एक ट्रेड यूनियन स्कॉलरशिप की मदद से लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ाई की.

शर्मा ने पीपीई (कोरोनावायरस मरीजों की देख भाल करने वाले डॉक्टरों के पहनने के सामान) किट की कमी पर भी जोर डाला है और लोगों से गुजारिश की है कि वे जिस तरह भी मदद कर सकते हैं, जरूर करें.

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सांसद शर्मा का कहना था,

लगभग असंभव हालात में काम करने वाले NHS के शानदार लोग, जिनके पास बहुत कम किट हैं, उन्हें हमारी मदद की जरूरत है. मैं आप सभी से अपील कर रहा हूं कि आप उनकी मदद के लिए जो भी कर सकते हैं, करें. अगर आप के पास पीपीई है, तो मुझे जरूर बताएं.

इस बीच शर्मा और उनकी टीम विदेश में फंसे लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना था, ''बहुत सारे लोगों के दोस्त और रिश्तेदार विदेशों में फंसे हुए हैं और ये हर किसी के लिए चिंता का विषय है. आप निश्चिंत रहें मैं इस मामले में विदेश मंत्रालय से लगातार संपर्क में हूं और जब मैं अस्पताल में था, तब भी मेरे स्टाफ इस पर लगातार काम कर रहे थे.''

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