भारत में बन रही देसी वैक्सीन Covaxin को लेकर भारत बायोटेक के एक अधिकारी ने दावा किया है कि ये वैक्सीन कम से कम 60 प्रतिशत तक कारगर साबित होगी. इंडिया टुडे की इस रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआती ट्रायल के आधार पर ये दावा किया गया है.
बता दें कि Covaxin भारत की अपनी पहली कोरोना वैक्सीन है, जिसका विकास हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV), पुणे के सहयोग से किया है, इसका फेज 3 का ट्रायल जारी है.
भारत बायोटेक की तरफ से इसी महीने इस वैक्सीन का फेज-3 का ट्रायल शुरू किया गया है, जिसमें देश के 22 शहरों से करीब 26 हजार वॉलिंटियर्स ने हिस्सा लिया है, इसका ट्रायल चल रहा है और नतीजे सामने नहीं आए हैं.
ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क की को- कन्वीनर मालिनी ऐसोला ने भारत बायोटेक के इस दावे पर सवाल किए हैं कि बिना किसी ट्रायल का रिजल्ट बताए भारत बायोटेक वैक्सीन के 60 फीसदी कारगर होने का दावा कैसे कर सकता है.
हालांकि इसे लेकर नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल, जो कि केंद्र सरकार के वैक्सीन पर बनाए गए एक्सपर्ट ग्रुप के भी सदस्य हैं, उन्होंने न्यूज 18 से कहा है कि फेज-1 और फेज-2 ट्रायल के रिजल्ट फेज-3 का ट्रायल पूरा होने के बाद सार्वजनिक किए जाएंगे.
ICMR साइंटिस्ट रजनीकांत ने उम्मीद जताई है कि कोवैक्सीन भारत के लोगों के लिए अगले साल फरवरी तक उपलब्ध हो जाएगी. हालांकि रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में भारत बायोटेक की तरफ से कहा गया है कि ट्रायल में थोड़ी देरी हो सकती है और इसके अंतिम नतीजे आने में मार्च या अप्रैल तक का समय लग सकता है.
वहीं ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन, 'कोविशील्ड' जिसका ट्रायल भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की ओर से कराया जा रहा है, उसके फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल पूरे होने के करीब हैं.
इसके अलावा रूस की 'स्पुतनिक V' वैक्सीन का भारत में कंबाइन्ड फेज 2 और 3 क्लीनिकल ट्रायल जल्द शुरू होगा, इसे डॉ रेड्डीज लैब करा रहा है.
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