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COVID-19 के बाद ब्लड शुगर लेवल महीनों तक रह सकता है हाई: स्टडी

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Health News
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COVID-19 महामारी की शुरुआत से ही चेताया गया है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण डायबिटीज (Diabetes) यानी मधुमेह के मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि डायबिटिक लोगों के कोरोना संक्रमण के कारण गंभीर रूप से बीमार पड़ने का रिस्क ज्यादा है.

वहीं शोधकर्ता COVID-19 के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों में संक्रमण के महीनों बाद तक हाइपरग्लाइसीमिया (Hyperglycemia) यानी हाई ब्लड शुगर लेवल देख रहे हैं. इन रोगियों को पहले डायबिटीज नहीं था.

ये स्टडी नेचर मेटाबॉलिज्म जर्नल में छपी है.

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551 कोविड रोगियों पर हुई स्टडी के नतीजे

बोस्टन चिल्ड्रन हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने मार्च से मई 2020 तक इटली में COVID-19 के कारण अस्पताल में भर्ती 551 लोगों के स्वास्थ्य का आकलन किया.

  • इनमें से 46 फीसदी मरीजों में कोरोना संक्रमण के बाद ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ (हाइरग्लाइसीमिया) पाया गया.

  • एक फॉलो-अप से पता चला कि इस तरह के ज्यादातर मामले ठीक हुए, जबकि लगभग 35 प्रतिशत हाइपरग्लाइसीमिक रोगियों में संक्रमण के कम से कम छह महीने बाद भी हाई ब्लड शुगर लेवल वाली स्थिति बनी रही.

  • यह भी पाया गया कि हाइपरग्लाइसीमिक रोगियों में हार्मोन का लेवल असामान्य था.

  • स्टडी में पाया गया कि कोरोना होने पर सामान्य लोगों की तुलना में हाई ब्लड शुगर वाले मरीजों की हालत ज्यादा बिगड़ी. हाइपरग्लाइसीमिक रोगियों के इलाज में भी ऑक्सीजन की अधिक आवश्यकता, वेंटिलेशन और गहन देखभाल की जरूरत पड़ी और ऐसे लोगों को ज्यादा लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा.

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स्टडी के प्रमुख लेखक व नेफ्रोलॉजी विशेषज्ञ पाओलो फियोरिना ने बताया, "हमने पाया कि ऐसे लोगों के शरीर में बहुत अधिक इंसुलिन का उत्पादन हुआ."

"मूल रूप से, हार्मोनल प्रोफाइल से पता चलता है कि COVID-19 के उन रोगियों में अंत:स्रावी अग्नाशयी कार्य सामान्य नहीं थे और यह कोरोना से ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक बना रहा."
पाओलो फियोरिना

फियोरिना ने कहा, "यह अध्ययन दिखाता है कि कोविड-19 का पेन्क्रियाज पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है. यह इंगित करता है कि पेन्क्रियाज कोरोना वायरस का एक और टारगेट है, जो न केवल अस्पताल में भर्ती होने के दौरान एक्यूट फेज को प्रभावित करता है, बल्कि संभावित रूप से इन रोगियों के दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है."

इस स्टडी ने कोविड-19 के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती रोगियों में पेन्क्रियाज फंक्शन के मूल्यांकन के महत्व की ओर इशारा किया है.

(इनपुट: आईएएनएस)

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