सोशल मीडिया पर एक वायरल मैसेज में ये दावा किया जा रहा है कि COVID-19 की वैक्सीन लेने के बाद कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. वायरल मैसेज में कहा गया है कि वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के डेढ़ महीने बाद तक इंसान के कोरोना संक्रमित होने की आशंका ज्यादा रहती है.
वैक्सीन को लेकर मैसेज में ऐसे कई दावे किए गए हैं. इन दावों की सच्चाई जानने के लिए हमने कोविड-19 वैक्सीन से जुड़ी रिसर्च रिपोर्ट्स चेक कीं और वायरोलॉजिस्ट डॉ. जैकब टी जॉन से संपर्क किया. डॉ. जॉन ने वायरल मैसेज में किए गए अधिकतर दावों को फेक बताया.
दावा
वायरल हो रहे मैसेज में दावा है कि कोविड-19 वैक्सीन लेते ही हमारे शरीर की इम्युनिटी कम होने लगती है. 28 दिन बाद जब दूसरा डोज लेते हैं, तो इम्युनिटी और ज्यादा कम हो जाती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के अगले 28 दिनों तक संक्रमण का खतरा बना रहता है. मैसेज में दावा है कि डेढ़ महीने बाद शरीर की इम्युनिटी 100 से 200 गुना बढ़ जाती है. मैसेज में गरम पानी से नहाने की भी हिदायत दी गई है.
मैसेज फेसबुक पर बड़े पैमाने पर शेयर किया जा रहा है. वेबकूफ की वॉट्सअप टिपलाइन पर भी रीडर्स ने ये मैसेज पड़ताल के लिए हमें भेजा.
पड़ताल में हमने क्या पाया
डॉ. जैकब टी जॉन ने वायरल मैसेज में किए गए इस दावे को फेक बताया कि वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
ऐसी कोई रिपोर्ट हमें नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद इंसान के कोविड-19 संक्रमित होने की संभावना ज्यादा रहती है.
एक-एक कर जानिए वायरल मैसेज में किए गए दावों का सच
दावा : वैक्सीन के पहले डोज के 28 दिन बाद दूसरा डोज लेना होता है.
पहले डोज और दूसरे डोज के बीच की अवधि सभी वैक्सीन की अलग है. भारत में कोविशील्ड के लिए दो डोज के बीच का गैप अब 12-16 हफ्ते (84-112 दिन), कोवैक्सीन के लिए 4-6 (28-42 दिन) हफ्ते और स्पुतनिक V के लिए 3-13 हफ्ते (21-90 दिन) है.
दावा : वैक्सीन लगने के बाद शरीर की इम्युनिटी कम हो जाती है.
ऐसी कोई रिसर्च रिपोर्ट हमें नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि वैक्सीन लेने के बाद इम्युनिटी कम होती है.
रिसर्च जर्नल JAMA में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद इंसान को कोविड-19 के संक्रमण से पूरी सुरक्षा नहीं मिलती. कई लोग पहला डोज लेने के बाद ही संक्रमण से सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हो जाते हैं, रिपोर्ट में आगे लिखा है कि- ये साफतौर पर नहीं कहा जा सकता कि पहले डोज के बाद पैदा हुई इम्युनिटी कितनी और कब तक सुरक्षा देगी. इसलिए दूसरा डोज जरूरी है.
ये बात बिल्कुल गलत है कि वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद शरीर की इम्युनिटी कम होती है.डॉ. जैकब टी जॉन
डॉ. जैकब टी जॉन के मुताबिक, ये दावा झूठा है कि वैक्सीन लेने के बाद कोविड-19 का खतरा बढ़ जाता है.
दावा: डेढ़ महीने बाद 100 से 200 गुना इम्युनिटी पॉवर शरीर में बन जाती है, उसके बाद आप सुरक्षित हैं.
डॉ. जैकब के मुताबिक, इम्युनिटी को इस तरह से मापने का कोई पैमाना नहीं है कि वह कितने प्रतिशत या कितने गुना बढ़ती है.
ये समझना होगा कि हमारे शरीर में कोई एक कॉमन इम्युनिटी नहीं होती, जो हर वायरस या बीमारी में काम आ जाए. हर वायरस से लड़ने के लिए अलग तरह की इम्युनिटी की जरूरत होती है. कोविड-19 से लड़ने के लिए आपके शरीर में या तो इम्युनिटी होगी या फिर नहीं होगी. वैक्सीन देकर इसी इम्युनिटी को डेवलप करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन, ऐसा नहीं होता है कि पहले इम्युनिटी कम थी, फिर ज्यादा हो गई.
दावा: वैक्सीनेशन के बाद वापस आकर गरम पानी से स्नान करें.
ऐसी कोई रिसर्च रिपोर्ट हमें नहीं मिली, जिसमें ये उल्लेख हो कि वैक्सीन का डोज लेने के बाद गरम पानी से नहाना चाहिए या फिर गरम पानी से नहाने से कोविड के संक्रमण से बचा जा सकता है. डॉ जैकब कहते हैं कि ये बात सच है कि पानी को गरम करने से उसके बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. लेकिन, इसका वैक्सीनेशन या कोविड-19 के इलाज से कोई संबंध नहीं है.
मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा झूठा है कि कोविड-19 की वैक्सीन लेने के बाद डेढ़ महीने तक संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है.
(ये स्टोरी द क्विंट के कोविड-19 और वैक्सीन पर आधारित फैक्ट चेक प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए शुरू किया गया है.)
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