ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोरोना वैक्सीन लगवाने से पहले पेनकिलर लिया जा सकता है?

Published
Health News
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कोरोना टीकाकरण के तीसरे चरण में 45 साल या उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगाने का काम 1 अप्रैल 2021 से शुरू हो चुका है. जहां एक ओर देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में लगातार उछाल देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कोरोना की वैक्सीन को लेकर भ्रम और हिचक के कारण हालात और बिगड़ सकते हैं.

देश में और यहां तक कि दुनिया भर में वैक्सीन के प्रति झिझक का एक बड़ा कारण स्पष्ट जानकारी का अभाव है. वहीं सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे और गलत सूचनाएं इस हिचक को और बढ़ाने का काम कर रहे हैं.

ऐसा ही एक दावा है कि टीका लगने के बाद दर्द निवारक यानी पेनकिलर लेना घातक साबित हो सकता है. एक सवाल ये भी है कि क्या कोरोना वैक्सीनेशन से पहले पेनकिलर दवा लिया जा सकता है, क्या ये सेफ होगा?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फिट ने इस सिलसिले में अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ सुरनजीत चटर्जी और होली फैमिली हॉस्पिटल, दिल्ली में क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ. सुमित रे से बात कर ये पता लगाया है कि इस तरह के दावों में कितनी सच्चाई है और अगर कोई समस्या है, तो उसे लेकर हमें क्या मालूम होना चाहिए.

क्या वैक्सीन लगवाने से पहले पेनकिलर लेने की सलाह दी गई है? नहीं.

0

खतरनाक नहीं है, लेकिन फिर भी ये कोई अच्छा विचार नहीं है

भले ही पेरासिटामोल लेना सुरक्षित होता है, फिर भी डॉ. सुरनजीत चटर्जी और डॉ. सुमित रे दोनों ही वैक्सीन से पहले प्रोफिलैक्टिक के तौर पर इसे लेने की सलाह नहीं देते हैं.

डॉ. चटर्जी कहते हैं, "ये वैक्सीन की इम्यूनोजेनिसिटी को कैसे प्रभावित कर सकता है, इसे लेकर कोई प्रमाण नहीं हैं, इसलिए इससे बचना सबसे अच्छा है, खासकर बात जब एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवाइयों की हो."

दूसरी बात ये है कि किसी भी दवा को अनावश्यक रूप से लेने की सलाह नहीं दी जाती है. डॉ. सुमित रे कहते हैं, "जब आपको इसकी आवश्यकता नहीं है, तो पेनकिलर क्यों लेना?"

“आमतौर पर बिना जरूरत के पेन किलर लेना उचित नहीं है क्योंकि इसके अपने साइड इफेक्ट हो सकते हैं. अगर आप लंबे समय तक अधिक पेनकिलर ले लेते हैं तो किडनी को भी नुकसान पहुंच सकता है.”
ADVERTISEMENTREMOVE AD

सभी पेन किलर समान रूप से सुरक्षित नहीं हैं

हालांकि ये कहने के लिए कोई सबूत नहीं है कि वैक्सीन के साथ कोई दवा खतरनाक हो सकती है, लेकिन डॉ चटर्जी गैर-स्टेरॉयडल एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवा जैसे ब्रूफेन, डिस्प्रिन, एस्प्रिन और वोवरन के विषय में शंका जाहिर करते हैं.

डॉ. रे सुझाव देते हैं कि अगर संभव हो तो इन्हें लेने से बचना चाहिए, बिना डॉक्टर के कहे खुद से तो बिल्कुल न लें.

वह साफ करते हैं कि "जिन लोगों को किडनी की बीमारी है और दूसरी कंडिशन है, जिनके लिए NSAIDs न लेने को कहा जाता है, उन्हें निश्चित रूप से इसे लेने से बचना चाहिए."

अगर वैक्सीन लगने के बाद आपको बुखार या शरीर में दर्द हो, तो, दोनों डॉक्टर पैरासिटामोल लेना सबसे सुरक्षित मानते हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वैक्सीन को अपना काम करने दें

"जब आप वैक्सीन लेते हैं, तो शरीर इससे लड़ने के लिए एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के लिए काम कर रहा होता है, इसलिए अनावश्यक रूप से एक सामान्य प्रतिक्रिया को क्यों दबाया जाए?"
डॉ सुरनजीत चटर्जी, इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट, अपोलो

डॉ. चटर्जी कहते हैं, "पेन किलर केवल 4-6 घंटों के लिए लक्षणों (जैसे बुखार) को दबा दे सकते हैं, जिसके बाद लक्षण वापस आ जाएंगे. इसलिए जब तक बुखार अधिक न हो या दर्द आपको परेशान न कर रहा हो, पेन किलर लेने की सलाह नहीं दी जाती है. खासकर निवारक उपाय के तौर पर नहीं.”

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वैक्सीन लेने से पहले...

डॉ. रे और डॉ. चटर्जी दोनों का कहना है कि वैक्सीन का केवल एक ज्ञात विपरीत संकेत है, वो है एलर्जिक रिएक्शन, जिसके लिए न केवल वैक्सीन, बल्कि विभिन्न घटक शामिल हैं.

दोनों डॉक्टरों की सलाह है कि अगर आपको पहले किसी दवाई के कारण एलर्जिक रिएक्शन हुआ हो, तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर और वैक्सीन लगाने वाले शख्स को दें.

डॉ सुमित रे कहते हैं, ""जिन लोगों को किसी दवा के प्रति स्ट्रॉन्ग एलर्जी हुई हो, उन्हें टीका लगने के समय इसकी सूचना देने की जरूरत है ताकि ऐसे लोगों में एलर्जिक रिएक्शन के किसी भी संभावित लक्षण पर नजर रखी जा सके."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें