भारत में कोरोना वायरस डिजीज-2019 (COVID-19) को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने 28 अप्रैल की प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि पिछले 24 घंटे में COVID-19 के 1,543 नए मामले सामने आए हैं और 684 लोग रिकवर हुए हैं.
इस तरह देश में COVID-19 के कुल 29,435 मामले हो चुके हैं, एक्टिव केस 21,632 हैं और रिकवर हुए लोगों की संख्या 6,868 है. COVID-19 से रिकवरी रेट 23.3% हो गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि आज देश में 17 ऐसे जिले हैं, जहां पहले केस आए थे, लेकिन पिछले 28 दिनों से कोई नया केस रिपोर्ट नहीं हुआ है.
उन्होंने COVID-19 के बहुत हल्के लक्षण वाले लोगों के लिए होम आइसोलेशन के दिशा-निर्देश के बारे में बताया.
होम आइसोलेशन के क्या हैं दिशा-निर्देश- यहां पढ़ें.
प्लाज्मा थेरेपी से COVID-19 के इलाज का दावा नहीं
लव अग्रवाल ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी पर काफी चर्चा हो रही है.
ICMR ये स्पष्ट कर चुका है कि COVID-19 के लिए अभी कोई भी एप्रूव्ड थेरेपी नहीं है, मैं फिर से आप लोगों की दृष्टि में लाना चाहूंगा कि COVID-19 के लिए देश में क्या दुनिया भर में कोई एप्रूव्ड थेरेपी नहीं है.लव अग्रवास, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय
प्लाज्मा थेरेपी पर प्रयोग किए जा रहे हैं, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है कि इसे ट्रीटमेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. यूएस FDA ने भी इसे एक प्रयोगात्मक थेरेपी के तौर पर ही देखा है.
ICMR ने एक नेशनल स्टडी लॉन्च की है, ताकि इस थेरेपी के प्रभाव की स्टडी की जा सके. जब तक ICMR किसी नतीजे पर न पहुंचे, कोई वैज्ञानिक सबूत न इकट्ठा कर ले, तब तक इस थेरेपी को ट्रायल के मकसद से ही यूज किया जा सकता है और इस संबंध गाइडलाइन जारी की जा चुकी है.
लव अग्रवाल ने कहा कि अगर प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल सही तरीके और गाइडलाइन के तहत नहीं होता है, तो इससे जान को भी खतरा हो सकता है. इसलिए फिलहाल इस थेरेपी को लेकर कोई भी दावा करना अनुचित है.
प्लाज्मा थेरेपी से जुड़े कुछ सवालों के जवाब:
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