फाइजर (Pfizer) और बायोएनटेक (BioNTech) ने घोषणा की है कि उनकी कोरोना वैक्सीन बूस्टर के बड़े पैमाने पर ट्रायल से पता चला है कि यह बीमारी के खिलाफ पूरी सुरक्षा फिर से स्थापित करती है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, तीसरे फेज के नियंत्रित ट्रायल में 16 साल और उससे ज्यादा उम्र के 10,000 से ज्यादा लोगों को Pfizer-BioNTech की कोविड के खिलाफ बूस्टर खुराक दी गई, जिन्हें पहले इसकी प्राथमिक दो खुराकें दी जा चुकी थीं.
बूस्टर प्राप्त नहीं करने वालों की तुलना में इसने 95.6 प्रतिशत एफिकेसी दिखाई.
ये किसी भी नियंत्रित कोरोना वैक्सीन बूस्टर ट्रायल के पहले एफिकेसी नतीजे हैं.
फाइजर के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अल्बर्ट बौर्ला ने कहा, "ये परिणाम बूस्टर के फायदों के और सबूत देते हैं क्योंकि हमारा लक्ष्य लोगों को इस बीमारी से अच्छी तरह से सुरक्षित रखना है."
इस साल पिछले महीने यानी सितंबर में ही अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से Pfizer-BioNTech की Covid-19 के बूस्टर शॉट्स को अधिकृत किया गया.
इसके अलावा FDA ने मॉडर्ना (Moderna) और जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) की COVID-19 बूस्टर डोज को हाल में अधिकृत किया है और बूस्टर डोज के लिए मौजूदा मंजूर कोरोना वैक्सीन के साथ 'मिक्स एंड मैच' की भी मंजूरी दे दी है.
अमेरिका में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज 65 साल से अधिक उम्र के अलावा उन व्यक्तियों के लिए मंजूर किया गया है, जिनके SARS-CoV-2 से एक्सपोजर का ज्यादा रिस्क है.
दो प्राइमरी डोज वाली कोरोना वैक्सीन के मामले में बूस्टर डोज प्राइमरी डोज लेने के कम से कम 6 महीने बाद ली जा सकती है. वहीं सिंगल डोज वाली जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन के मामले में FDA ने सिंगल डोज के पूरा होने के कम से कम 2 महीने बाद बूस्टर डोज के उपयोग को अधिकृत किया है.
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