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क्या है GERD? जिसके लक्षण हार्ट अटैक जैसे होते हैं 

भारत में हर साल GERD  से जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.

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कभी-कभी आपके सीने में अचानक जलन होने लगती है, सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और आपके दिमाग में न जाने क्या-क्या ख्याल आने लगते हैं. और आए भी क्यों ना? आपको सारी तकलीफ दिल के मर्ज से जुड़ी लगने लगती है. लेकिन जनाब आपको दिल की बीमारी के अलावा गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज यानी गर्ड (GERD) की दिक्कत भी हो सकती है.

भारत में हर साल GERD  से जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.
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गर्ड यानी गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) . ये एक तरह का पाचन रोग है. इसमें पित्त (खाना पचाने में मदद करने वाला लिक्विड) खाने की नली (इसोफेगस यानी मुंह और पेट को जोड़ने वाली नली) की तरफ आने लगता है. इसकी वजह से आप बहुत परेशान हो सकते हैं.

एसिड रिफ्लक्स जब आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में खलल डालने लगता है और हफ्ते में कई मर्तबा आप एसिड रिफ्लक्स से परेशान हो जाएं, तो समझ लीजिए कि आपको गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) की शिकायत शुरू हो चुकी है.

गर्ड कोई नई बीमारी नहीं है बल्कि भारत में हर साल इससे जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.
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मैक्स हेल्थकेयर के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर अश्विनी सेतिया कहते हैं कि जब भी हम खाना खाते हैं तो उस वक्त हमारे खाने के पाइप का निचला हिस्सा खुलता है. लेकिन इसमें खराबी आने लगती है तो वो हिस्सा खुला रह जाता है और पेट के अंदर का एसिड मुंह की तरफ आने लगता है. हमारे पेट के अंदरूनी त्वचा की बनावट ऐसी होती है कि वो इस एसिड को बर्दाशत कर सकता है.

भारत में हर साल GERD  से जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.
जब यही एसिड फूड पाइप की तरफ आने लगता है, तो ये बर्दाश्त के बाहर हो जाता है और ये फूड पाइप में नुकसान तक पहुंचा सकता है.
डॉ अश्विनी सेतिया
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गर्ड (GERD) के लक्षण

ये बीमारी जानलेवा भी हो सकती है. फूड पाइप तक एसिड पहुंच के फूड पाइप को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे कैंसर तक होने की आशंका रहती है या अल्सर होने का भी खतरा रहता है.

डॉअश्विनी सेतिया के मुताबिक गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के ये लक्षण हैं:

  • सीने में जलन
  • पेट में दर्द
  • खाना खट़्टी डकार के साथ मुंह में आना
  • मुंह का खराब टेस्ट
  • कफ और गले में दर्द
  • पेट फूलना या पेट में सूजन

डॉ सेतिया कहते हैं कि गर्ड ( GERD  ) के बहुत सारे लक्षण दिल की बीमारी से मिलते-जुलते हैं, इसलिए इसे गंभीरता से लेना चाहिए.

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गर्ड (GERD) की वजहें

NCBI की एक रिसर्च के अनुसार गांव के लोगों के मुकाबले शहरी लोगों को गर्ड होने की संभावना अधिक होती है, जिसकी मुख्य वजह असंतुलित लाइफस्टाइल है.

  • गलत खानपान – गर्ड होने की सबसे पहली वजह
  • खराब लाइफस्टाइल
  • धूम्रपान
  • शराब
  • रात में खाना खा कर फौरन सो जाना
  • मोटापा
हेल्थ न्यूट्रिशनिस्ट रीतिका समादार और डॉ अश्विनी सेतिया कहते हैं कि पेट यानी की अमाशय पर दबाव पड़ने की वजह से भी एसिड रिफ्लक्स होता है और प्रेगनेंसी के समय भी यही होता है. इसलिए प्रेगनेंसी इसकी सीधी वजह नहीं है.
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गर्ड (GERD) का क्या इलाज है?

लाइफस्टाइल में बदलाव

इस बीमारी के इलाज के बारे में पूछने पर डॉ सेतिया कहते हैं कि सबसे पहले लाइफस्टाइल में बदलाव करके एसिड रिफ्लक्स की समस्या को ठीक करने की कोशिश की जाती है.

मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल की न्यूट्रिशनिस्ट रीतिका सामदार कहती हैं,

हम एसिड रिफ्लक्स की शिकायत वाले मरीज को सबसे पहले वजन कम करने की सलाह देते हैं. इसके अलावा खाना खाने के बाद कुछ देर सीधे बैठें, खाना खाने और सोने के बीच तीन घंटे का अंतर रखें, तली-भुनी चीजों को खाने से थोड़ा परहेज करें और वो खाना पहचानें जिसकी वजह से आपको एसिड रिफ्लक्स की समस्या होती है, उसे नजरअंदाज करें.

रीतिका सामदार के अनुसार सबको एसिड रिफ्लक्स होने की वजहें अलग-अलग होती हैं. इसलिए हम गर्ड के मरीज से एक डायरी मेंटेन करने के लिए कहते हैं, उन्हें जिस चीज से एसिड रिफ्लक्स होने की आशंका हो, उसे नोट करने के लिए कहते हैं. इस चार्ट के हिसाब से हम उनका इलाज करते हैं और मरीज के खाने में उस चीज की मात्रा घटाने के लिए कहते हैं. लेकिन अगर एसिड रिफ्लक्स की बहुत अधिक परेशानी है, तो दवा लेने की आवश्यकता होती है.

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वेट मैनेजमेंट कंसल्टेंट और न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन के अनुसार एसिड रिफ्लक्स में तला-भुना खाना, कैफीन या चॉकलेट, मिंट, कच्ची प्याज खाना नजरअंदाज करें. बिस्तर के सिरहाने को ऊंचा करके सोएं, जिससे पेट का एसिड फुड पाइप की तरफ ना आए.

Webmed के अनुसार खाने की खुराक में कमी करके भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या में आराम मिल सकता है.

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किस तरह की दवाएं होती हैं असरदार?

भारत में हर साल GERD  से जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.

एंटासिड

लाइफस्टाइल में बदलाव करने के साथ-साथ डॉक्टर्स दवाएं भी देते हैं. गर्ड की बहुत सारी दवाएं आती हैं. लेकिन डॉक्टर सबसे पहले एंटासिड देते हैं. एंटासिड पेट के और फूड पाइप के एसिड को बेअसर कर देता है. Webmed के अनुसार एंटासिड पेट और फूड पाइप के बीच बाधा बन जाता है.

H2 ब्लॉकर

एसिड रिफ्लक्स में एंटासिड के अलावा H2 ब्लॉकर भी देते हैं. इसे H2 अवरोधक भी कहा जाता है. ये अवरोधक पेट में बन रहे एसिड की मात्रा को कम कर देता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स की समस्या कम हो जाती है.

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प्रोटॉन-पंप इनहिबिटर

प्रोटॉन-पंप इनहिबिटर का उपयोग पेट में बन रहे एसिड के अत्यधिक स्राव और एसिड की वजह से हो रही समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है.

क्या इन दवाओं से कोई नुकसान भी हैं?

डॉ सेतिया कहते हैं:

आज तक कोई ऐसी दवा नहीं बनी, जिसका कोई फायदा या नुकसान ना हो. 

क्योंकि दवाओं का असर तब तक रहता है, जब तक इनका इस्तेमाल करते हैं. इसलिए एसिड रिफ्लक्स की समस्या में लाइफस्टाइल में बदलाव पहला इलाज है.

इसके अलावा क्या इलाज है?

डॉक्टर सेतिया कहते हैं कि जिन्हें एसिड रिफ्लक्स की समस्या अधिक दिनों से होती है, उनका एंडोस्कोपी करके देखते हैं.

एंडोस्कोपी में खाने के नली में एक पतला पाइप डालते हैं, उस पाइप के मुंह पर छोटा सा कैमरा लगा होता है, जिससे खाने की नली में होने वाली सूजन, जलन, छाले या किसी भी तरह की होने वाली समस्या को देखते हैं और फिर उसके अनुसार ही अागे का इलाज करते हैं.

अधिक समय से  एसिड रिफ्लक्स हाेने की वजह से कभी-कभी फूड पाइप सिकुड़ जाता है, तो एंडोस्कोपी के जरिए ही उसे खोला भी जाता है, ताकि खाना अटके नहीं.

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क्या GERD में सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है?

डॉक्टर सेतिया कहते हैं कि गर्ड की समस्या में किसी तरह की सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती बल्कि सर्जरी की आवश्यकता हाइटल हर्निया में होती है. हाइटल हर्निया की वजह से भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या होती है.

गर्ड से निपटने के लिए कुछ घरेलू नुस्खें

डॉ सेतिया कहते हैं कि व्यायाम और योग करके एसिड रिफ्लक्स की समस्या को कम किया जा सकता है. योग के आसनों में खासकर वज्रासन फायदेमंद होता है.

भारत में हर साल GERD  से जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.
वज्रासन
(फोटो:कॉमन्स विकी)

च्विंग गम

हेल्थ न्यूट्रिशनिस्ट रीतिका सामदार कहती हैं कि च्विंग गम चबाने से saliva (लार) बनती है, जो एसिड रिफ्लक्स के लिए कुदरती दवा है.
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हेल्थ वेबसाइट और न्यूट्रिशनिस्ट कविता देवगन के अनुसार एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय-

भारत में हर साल GERD  से जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.
भारत में हर साल GERD  से जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.
भारत में हर साल GERD  से जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.
भारत में हर साल GERD  से जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.
भारत में हर साल GERD  से जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.
भारत में हर साल GERD  से जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.
भारत में हर साल GERD  से जुड़े तकरीबन एक करोड़ मामले सामने आते हैं.

हम अक्सर छोटी-छोटी बीमारियों को भी नजरअंदाज करके बड़ा बना देते हैं. इसलिए डॉक्टर को जरूर दिखाएं और कोई भी टिप्स अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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