ADVERTISEMENTREMOVE AD

एसिडिटी से राहत चाहते हैं? इन बातों पर गौर करने की जरूरत है

Updated
alt-remedies
4 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

बात अगर पेट और पाचन से जुड़ी दिक्कतों की करें, तो उनमें सबसे आम समस्या एसिडिटी की होती है. आप कहीं भी रहते हों और कुछ भी करते हों, एसिडिटी की तकलीफ जरूर झेली होगी, वहीं कुछ लोगों को अक्सर ये दिक्कत बनी रहती है.

आइए समझते हैं कि एसिडिटी की क्या वजह होती है और इससे राहत पाने के लिए लाइफस्टाइल, खानपान में किन बातों का ख्याल रखने और सुधार की जरूरत होती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पेट में एसिड क्यों बनता है?

आयुर्वेदिक फिजिशियन और आयुर्वेदिक हेल्थ सेंटर 'आयुशक्ति' की को-फाउंडर डॉ स्मिता नरम बताती हैं, "हम जो भोजन करते हैं, वो खाने की नली से होता हुआ पेट में जाता है. पेट में मौजूद गैस्ट्रिक ग्रंथियां एसिड रिलीज करती हैं, जो खाने को पचाने के लिए जरूरी होता है."

फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ अवनीश सेठ कहते हैं कि पेट की लाइनिंग की कोशिकाएं पेट में मौजूद खाने के रिस्पॉन्स में एसिड बनाती हैं.

सीनियर गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ अश्विनी सेतिया इस बारे में समझाते हैं कि हमारे पेट में पाए जाने वाले एसिड के तीन मुख्य काम हैं:

  • सबसे पहले तो ये खाने या पानी के जरिए पेट में पहुंचे कीटाणुओं का खात्मा करता है.
  • दूसरा ये खाना पचाने में मदद करता है, ये जटिल प्रोटीन को तोड़ता है.
  • तीसरा ये पेप्सीनोजेन को एक्टिव पेप्सिन में बदलता है, जिससे पेट में प्रोटीन का पाचन होता है.
0

फिर एसिडिटी की समस्या कब होती है?

किसी के पेट में कितना एसिड बनेगा, ये हर व्यक्ति के लिए अलग होता है.

स्मिता नरम बताती हैं, "जब पाचन प्रक्रिया के लिए गैस्ट्रिक ग्रंथियां जरूरत से ज्यादा एसिड का स्राव करती हैं, तो आपको सीने में जलन महसूस होती है. इस कंडिशन को आमतौर पर एसिडिटी कहा जाता है."

वहीं जब पेट का एसिड ऊपर खाने की नली तक पहुंच जाता है, तो इसे एसिड रिफ्लक्स कहते हैं.

एसिडिटी के लक्षण:

  • सीने में जलन

  • गले में जलन महसूस करना

  • मिचली

  • उल्टी

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पेट में ज्यादा एसिड बने, तो क्या हो सकता है?

डॉ सेठ बताते हैं कि पेट में बना ज्यादा एसिड फूड पाइप, पेट और छोटी आंत के पहले हिस्से को प्रभावित कर सकता है. पेट की बीमारियां जैसे पेट के अल्सर एक्स्ट्रा एसिड प्रोडक्शन या पेट की लाइनिंग के डिफेंस की कमजोरी या दोनों का नतीजा हो सकती हैं.

फूड पाइप में एसिड के रिफ्लक्स से सीने में जलन होती है, जबकि पेट में ज्यादा एसिड के कारण दर्द हो सकता है, गैस्ट्राइटिस या गैस्ट्रिक अल्सर से उल्टी हो सकती है. छोटी आंत में ड्योडनल अल्सर हो सकता है.
डॉ अवनीश सेठ, डायरेक्टर, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम

डॉ सेठ के मुताबिक रात में प्रोड्यूस हुआ एसिड जिसे नॉक्टर्नल एसिड कहते हैं, खासकर ज्यादा डैमेज करने वाला होता है.

गैस्ट्राइटिस, पेट में अल्सर, त्वचा पर चकत्ते, सिरदर्द, कब्ज और सीने में गंभीर जलन एसिडिटी के कारण हो सकता है.
डॉ स्मिता नरम, आयुर्वेदिक फिजिशियन, को-फाउंडर, आयुशक्ति

इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से वजन घट-बढ़ सकता है, नींद में गड़बड़ी, लगातार थकान, त्वचा की एलर्जी, प्री-डायबिटीज, फूड इन्टॉलरेंस, ऑटोइम्यून कंडिशन और लंबे समय में कई दूसरी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एसिडिटी से बचाव के उपाय

दोनों ही एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आप चाहते हैं कि आपको एसिडिटी की दिक्कत न हो, तो एक हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल मेंटेन करना जरूरी है.

हेल्दी लाइफस्टाइल और हेल्दी ईटिंग मेंटेन करना

  • सुबह जल्दी नाश्ता करें ताकि रात में बना एसिड न्यूट्रलाइज हो सके

  • दिन में तीन बार भोजन करें- एक पौष्टिक नाश्ता, दोपहर का संतुलित भोजन और रात का हल्का भोजन

  • डिनर सोने के कम से कम 2 घंटे पहले करें

  • ज्यादा मसाले वाले भोजन मत करें

  • फैटी और फ्राई की हुई खाने की चीजें इसोफेजल वॉल को कमजोर करती हैं, जिससे कि रिफ्लक्स बढ़ता है, इस तरह के स्नैक्स आप जितनी बार लेते हैं, एसिड का प्रोडक्शन बढ़ जाता है

भारी, मसालेदार और अनहेल्दी जंक फूड खाने की आदत से अपच और कब्ज होता है. पेट में जो भोजन पच नहीं पाता, वो फर्मेंट और क्षय होने लगता है, जिससे टॉक्सिन का निर्माण होता है, जो एसिडिक रिफ्लक्स, सीने में जलन, मिचली जैसी दिक्कतों का कारण बनता है.
डॉ स्मिता नरम, आयुर्वेदिक फिजिशियन, को-फाउंडर, आयुशक्ति
  • फलों का सेवन बढ़ाएं, ताजी तैयार सब्जियां खाएं

  • घी और मीठे मसालों की प्रकृति शीतल होती है और इनसे एसिडिटी के लक्षणों से राहत मिलती है

  • रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं

  • बहुत ज्यादा चाय या कॉफी पीने से बचें- कई कप कॉफी पीना या खाना न खाने से भी एसिडिटी हो सकती है

  • सिरका, सिट्रस जूस और एरेटेड ड्रिंक्स न लें या कम से कम इन्हें सीमित करें

  • रात में देर तक जागने की आदत से भी एसिडिटी हो सकती है

  • पेनकिलर लेने से बचना चाहिए जब तक कि जरूरी न हो

  • एल्कोहन न लें, स्मोकिंग न करें

  • स्ट्रेस मैनेज करें

  • आठ घंटे की नींद जरूर पूरी करें

ADVERTISEMENTREMOVE AD

घरेलू नुस्खा

एसिडिटी में राहत के लिए आयुशक्ति की ओर से स्मिता नरम एक घरेलू नुस्खा बताती हैं-

  • 20 काले मुनक्के को आधे गिलास पानी में 3 घंटे के लिए भिगो दें
  • उसी पानी में मुनक्के को मसल कर पानी छान लें
  • इस मुनक्के वाले पानी में 1 चम्मच सौंफ, 1 चम्मच धनिया पाउडर, 1 चम्मच जीरा पाउडर, 1/4 चम्मच अजवाइन पाउडर, आधा चम्मच अदरक पाउडर डालें
  • अच्छी तरह से मिलाकर इसका सेवन दिन में दो-तीन बार करें
ADVERTISEMENTREMOVE AD

एसिडिटी का इलाज, लेकिन ध्यान रहे ये बात

डॉ अवनीश सेठ कहते हैं कि एसिडिटी में एंटासिड लिक्विड लिया जा सकता है, लेकिन लंबे समय तक एसिड सप्रेसिंग टैबलेट और कैप्सूल मेडिकल निगरानी में ही लेनी चाहिए. प्रोटॉन पंप इन्हिबिटिर नाम की दवा का लंबे समय तक इस्तेमाल से ऑस्टियोपोरोसिस और किडनी को क्षति पहुंचने की रिपोर्ट्स हैं.

इसलिए डॉक्टर से कंसल्ट करना महत्वपूर्ण है, जो आपकी उम्र और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एंटासिड की डोज, सीमा और समय निर्धारित करे.
डॉ अवनीश सेठ, डायरेक्टर, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम
ADVERTISEMENTREMOVE AD

एसिडिटी से राहत के लिए ज्यादा स्ट्रॉन्ग दवाइयां लेने से पेट का एसिड खत्म हो जाता है, जिससे कीटाणुओं से सुरक्षा प्रभावित होती है.

डॉ सेतिया कहते हैं, "ये याद रखिए कि हम अभी तक ऐसी दवा नहीं बना सके हैं, जिसके कोई साइड इफेक्ट न हो. हमें दवाइयां लेने से बचना चाहिए, भले ही वो ओवर द काउंटर मिलने वाली दवाइयां ही क्यों न हों. दवाइयां तभी लें, जब जरूरी हो और डॉक्टर ने लेने को कही हो."

(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी तरह के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा है, सेहत से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए फिट आपको डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह देता है.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×