ADVERTISEMENTREMOVE AD

COVID-19: अस्पताल में भर्ती 20 में से 1 बच्चे में दिखीं न्यूरोलॉजिकल जटिलताएं

Updated
Fit Hindi
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

बच्चों के मामले में COVID-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम भले ही अब तक कम पाया गया है, लेकिन ब्रिटेन के एक नए अध्ययन में पता चला है कि अस्पताल में भर्ती 20 में से 1 बच्चे में वायरल संक्रमण से जुड़ी मस्तिष्क या तंत्रिका संबंधी जटिलताएं विकसित हुईं.

द लैंसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ में छपी स्टडी में बच्चों में न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं के एक विस्तृत स्पेक्ट्रम की पहचान की गई है और इस स्टडी में सुझाव दिया गया है कि कोरोना के कारण भर्ती वयस्कों की तुलना में ये बच्चों में अधिक हो सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

लिवरपूल विश्वविद्यालय के शोधकर्ता स्टीफन रे ने कहा,

"कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम बच्चों के लिए कम है, लेकिन जो बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए, उनमें से लगभग 4 फीसदी बच्चों में मस्तिष्क और तंत्रिका संबंधी जटिलताएं पाई गई हैं."

उन्होंने कहा, "हमारा अध्ययन इस बात की पुष्टि करता है कि नोवेल पोस्ट-इंफेक्शन हाइपर-इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम PIMS-TS वाले बच्चों में मस्तिष्क और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन हमने कोविड-19 के कारण बच्चों में न्यूरोलॉजिकल विकारों के व्यापक स्पेक्ट्रम की भी पहचान की है, जिन्हें PIMS-TS नहीं था."

बच्चों में नई पोस्ट-कोविड स्थिति के साथ न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें रिपोर्ट की गई हैं, पीडियाट्रिक इन्फ्लेमेटरी मल्टीसिस्टम सिंड्रोम (PIMS-TS) अस्थायी रूप से SARS-CoV-2 से जुड़ा हुआ है.

0

शोधकर्ताओं ने ब्रिटिश पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी एसोसिएशन के साथ साझेदारी में एक रीयल-टाइम यूके-वाइड नोटिफिकेशन सिस्टम विकसित किया है.

अप्रैल 2020 और जनवरी 2021 के बीच, उन्होंने कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती 1,334 बच्चों में से 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं के 52 मामलों की पहचान की, जो 3.8 प्रतिशत है.

जबकि कोविड-19 के कारण भर्ती वयस्कों के मामले में ये अनुमानित 0.9 प्रतिशत है.

न्यूरोलॉजिकल लक्षण वाले आठ (15 प्रतिशत) बच्चों में कोविड-19 के लक्षण नहीं थे, हालांकि पीसीआर द्वारा वायरस का पता लगाया गया था, ये तीव्र न्यूरोलॉजिकल विकारों वाले बच्चों की जांच के महत्व को रेखांकित करता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पहली बार, अध्ययन में PIMS-TS वाले लोगों और गैर- PIMS-TS न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं वाले लोगों के बीच महत्वपूर्ण अंतरों की पहचान की गई.

PIMS-TS वाले 25 बच्चों (48 प्रतिशत) में एन्सेफैलोपैथी (मस्तिष्कविकृति), स्ट्रोक, बर्ताव में बदलाव और भ्रम सहित कई न्यूरोलॉजिकल लक्षण देखे गए और उन्हें गहन देखभाल की आवश्यकता की अधिक संभावना थी.

इसके विपरीत, गैर-PIMS-TS वाले 27 (52 प्रतिशत) बच्चों में प्राथमिक तंत्रिका संबंधी विकार जैसे लंबे समय तक दौरे, इंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन), गुइलेन-बेरी सिंड्रोम (इम्यून सिस्टम का नर्वस सिस्टम पर हमला) और मनोविकृति पाई गई.

दो-तिहाई (65 प्रतिशत) में अल्पकालिक परिणाम अच्छे थे, हालांकि एक तिहाई (33 प्रतिशत) में कुछ हद तक विकलांगता थी और फॉलो-अप के दौरान एक बच्चे की मृत्यु हो गई.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×