ADVERTISEMENTREMOVE AD

FAQ: Pfizer वैक्सीन किसे मिलेगी पहले, मास्क से मिलेगा छुटकारा? 

Updated
Fit Hindi
5 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

9 नवंबर को दुनिया ने थोड़ी राहत की सांस ली, जब दवा बनाने वाली कंपनी फाइजर (Pfizer) और इसके पार्टनर बायोएनटेक(BioNTech) ने बताया कि उनका COVID-19 वैक्सीन कैंडिडेट संक्रमण को रोकने में 90% से ज्यादा असरदार रहा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फाइजर और बायोएनटेक ने क्या खुलासा किया?

एक्सपर्ट पैनल ने डेटा की पहली औपचारिक समीक्षा के आधार पर कंपनियों के क्लीनिकल ट्रायल की आंशिक जानकारी साझा की है. द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फेज 3 ट्रायल अभी भी अमेरिका में जारी हैं, लेकिन अभी तक सुरक्षा को लेकर चिंता की बात सामने नहीं आई है.

ट्रायल में 43,538 वॉलंटियर्स शामिल हैं और 38,955 को दूसरा डोज दिया गया है.

2 महीने के सेफ्टी डेटा के आधार पर कंपनियां नवंबर में वैक्सीन के इमरजेंसी ऑथराइजेशन की मांग करेगी. फाइजर कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, 1.5-2 करोड़ लोगों के लिए डोज तैयार किए जाएंगे.

“मैं 35 सालों से वैक्सीन डेवलपमेंट के काम से जुड़ा हूं. मैंने बेहतर चीजें देखी हैं. ये असाधारण है. ये वास्तव में अच्छी तरह से महामारी पर काबू पाने और हमें इस स्थिति से बाहर निकालने में सक्षम है.”
विलियम ग्रुबर, फाइजर वैक्सीन क्लीनिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट
0

क्या इससे हमें उम्मीद रखनी चाहिए?

हां, क्योंकि इसके नतीजे बेहतर हैं, खासकर एक महामारी के एक साल के भीतर एक सक्षम वैक्सीन डेवलप करना.

द न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इसने द फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के 90% के मार्क को छू लिया है, जिनका कहना है कि वैक्सीन के इमरजेंसी ऑथराइजेशन के लिए 50% असरदार होना जरूरी है.

90% सक्षम होना बड़ी कामयाबी है, याद रखें- इन्फ्लूएंजा वैक्सीन सिर्फ 40-60% सक्षम है - लेकिन ऐसा इसलिए है क्योंकि इन्फ्लूएंजा के वायरस में बदलाव होता रहता है. COVID-19 वायरस भी ऐसा ही व्यवहार करेगा, इसके बारे में जानकारी सामने नहीं है. अमेरिका के ‘सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन’ के मुताबिक, एमएमआर वैक्सीन की एक खुराक खसरा के खिलाफ 93%, मम्प्स के खिलाफ 78% और रूबेला के खिलाफ 97% प्रभावी है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

हम इस वैक्सीन के बारे में कैसे सुनिश्चित हो सकते हैं? क्या ये सुरक्षित है?

ये डेवलपमेंट उत्साहजनक है हालांकि कुछ सवाल बने हुए हैं.

लेट स्टेज ट्रायल से निकली खास जानकारी- कि क्या वैक्सीन क्रिटिकल केस को रोकता है, या क्या ये लोगों को सिम्पटम के बिना वायरस कैरी करने से रोकता है, या कितने समय तक वैक्सीन किसी व्यक्ति को सुरक्षा दे सकता है - अभी भी इसके बारे में जानकारी नहीं है.

डेटा से पता चलता है कि वैक्सीन कैंडिडेट से बुखार और दर्द जैसे साइड इफेक्ट हो रहे हैं. इसलिए एक्सपर्ट वैक्सीन के असर और सुरक्षा पर फैसला लेने से पहले किसी भी नतीजे पर पहुंचने के खिलाफ चेतावनी दे रहे हैं.

जैसा कि फिट पहले बता चुका है, वैक्सीन डेवलपमेंट एक लंबी प्रक्रिया है, और जब हम वर्तमान में रिकॉर्ड-ब्रेकिंग स्पीड देख रहे हैं, तो इस्तेमाल करने से पहले सभी जरूरी स्टेप का सावधानी के साथ पालन किया जाना चाहिए.

फाइजर को बुजुर्गों और बच्चों जैसे लोगों के अलग-अलग समूहों पर सक्षमता जांचने की जरूरत है. बुजुर्ग वयस्कों में कमजोर इम्युनिटी सिस्टम और वैक्सीन के प्रति प्रतिक्रिया होती है, हालांकि ट्रायल में 65 की उम्र के ऊपर के वयस्क शामिल हैं.

ट्रायल में शामिल किशोर और बच्चों की बात करें तो, ट्रायल के शुरूआत में सिर्फ 18 से ऊपर उम्र के लोग शामिल थे, लेकिन अक्टूबर में उन्होंने 12 साल की उम्र के बच्चों के साथ एक नया ट्रायल शुरू किया. WHO के मुताबिक, बच्चे एक विशिष्ट और कमजोर आबादी हैं, जिनके साथ "एथिकल और क्लीनिकल चिंताएं" जुड़ी हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वैक्सीन उपलब्ध होने से पहले और क्या करने की जरूरत है?

वैक्सीन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वैक्सीन डेवलपमेंट की एक लंबी प्रक्रिया होती है. रिसर्च और क्लीनिकल स्टेज से परे, नतीजों का विश्लेषण, और पीयर रिव्यू की भी जरूरत है.

फाइजर ट्रायल तब तक जारी रहेगा जब तक कि ये 164 केस तक नहीं पहुंच जाता, इसके बाद ही स्टडी बंद होगी. ये ध्यान रखना अहम है कि ये शुरुआती नतीजे हमें ये नहीं बता सकते हैं कि वैक्सीन कितना प्रभावी है, ये सिर्फ अनुमान के आधार पर वैक्सीन की सक्षमता के सबूत देते हैं.

ये वैक्सीन असल में प्रभावी है, ये कई लोगों के आजमाने के बाद ही पता चलेगा. एक्सपर्ट का कहना है कि इस वैक्सीन को अच्छी तरह से काम करना चाहिए, लेकिन हम तब तक नहीं जान सकते जब तक हम इसे आजमा नहीं लेते.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वैक्सीन पहले किसे मिलेगा?

ये बड़ा सवाल है और ये अभी भी तय नहीं है. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, फाइजर के चीफ एग्जीक्यूटिव ने कहा कि उनके पास साल के अंत से पहले वैक्सीन की 30 से 40 मिलियन खुराक हो सकती है जो करीब 15 से 20 मिलियन लोगों को शुरुआती शॉट और तीन सप्ताह बाद बूस्टर देने के लिए पर्याप्त है.

लेकिन इस खुराक के लिए कौन योग्य है? अभी ये साफ नहीं है. सबसे अधिक संभावना सबसे कमजोर समूहों को मिलने की है - जैसे को-मोर्बिड वाले बुजुर्ग या फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स को प्राथमिकता मिलेगी.

फर्म का कहना है कि वे एक साल में 1.3 बिलियन डोज का निर्माण कर सकते हैं - लेकिन ये फिर भी सब तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए कम है. अगर वैक्सीन प्रभावी साबित होती है, तो अन्य कंपनियां मांग को पूरा करने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग में मदद कर सकती हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

mRNA वैक्सीन कैसे काम करता है?

mRNA तकनीक नई है - इसमें वायरस के जेनेटिक मटीरियल mRNA का इस्तेमाल होता है. इस मेथड का इस्तेमाल अभी तक वैक्सीन बनाने के लिए नहीं किया गया है.

इसमें जेनेटिक प्लेटफॉर्म- mRNA का इस्तेमाल होता है, जो मैसेंजर आरएनए है, ये शरीर की कोशिकाओं को इम्यून सिस्टम स्टिमुलेट होने का निर्देश देता है.

मॉडर्ना- वैक्सीन की दौड़ में शामिल फ्रंटरनर में से एक, ये भी आरएनए वैक्सीन का इस्तेमाल कर रहा है और फेज 3 ट्रायल में है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

COVID-19 रेस में शामिल बाकी वैक्सीन की क्या स्थिति है?

WHO के मुताबिक, 47 वैक्सीन कैंडिडेट का क्लीनिकल इवैलुएशन जारी है और इनमें से 10 फेज 3 ट्रायल या लेट क्लीनिकल ट्रायल फेज में हैं. येल यूनिवर्सिटी के अकीको इवासाकी ने द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया:

“ये हमें और अधिक उम्मीद देता है कि बाकी वैक्सीन भी प्रभावी होने जा रहे हैं.” फाइजर और बायोएनटेक की सफलता बाकी दवा कंपनियों के लिए उत्साहजनक हो सकती है - और इसके अलावा, अगर ये काम करता है, तो ये ग्लोबल हेल्थकेयर इंडस्ट्री के लिए बहुत अच्छा होगा क्योंकि वो मैन्यूफैक्चर में मदद करने और मांग को पूरा करने के लिए आगे आएंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या अब सब कुछ सामान्य है? क्या हम सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना छोड़ सकते हैं?

नहीं! COVID-19 महामारी खत्म होने से बहुत दूर है.

अगर वैक्सीन डेवलप हो जाता है, तो ये पहले अमेरिकी जनता के एक छोटे से हिस्से के पास जाएगा, फिर एक बड़े हिस्से के पास और फिर दुनिया के लोगों के लिए उपलब्ध होगा. उसके बाद भी, हर देश ये तय करेगा कि पहली खुराक किसे मिलती है, और प्राथमिकता संभवतः सबसे कमजोर समूह को वैक्सीन देना होगा.

सबसे अहम बात, डेटा साफ नहीं है कि क्या फाइजर वैक्सीन एसिम्प्टोमेटिक फैलाव को रोक सकता है या गंभीर COVID -19 मामलों में होने वाली मौतों को रोक सकता है. इसलिए मास्क पहने रखिए! एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद भी, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे अतिरिक्त उपाय अहम और जरूरी होंगे - जब तक कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा न हो.

द न्यूयॉर्क टाइम्स से बात करते हुए, पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और FDA के वैक्सीन सलाहकार पैनल के सदस्य डॉ. पॉल ऑफिट ने कहा,

“ये हाइजेनिक उपायों की जगह नहीं लेगा - ये हाइजेनिक उपायों के लिए सहायक होगा. आप मास्क पहनकर दूसरों पर एहसान करते हैं.” डॉ. पॉल ऑफिट

तो वैक्सीन के मोर्चे पर फाइजर ने बहुत अच्छी खबर दी है, लेकिन सुरक्षा में कोताही बरतने का समय नहीं है!

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×