ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या कोरोना के मरीजों में हार्ट अटैक का रिस्क ज्यादा है?

Updated
Fit Hindi
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कोरोना दिल को नुकसान पहुंचा रहा है? कोविड-19 से संक्रमित लोगों के लिए इस बीमारी से लड़ाई का अंत बीमारी के दौरान और रिकवरी के बाद भी शायद नहीं हो रहा है. बीमारी के बाद के कुछ प्रभाव हैं, जो लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं.

ऑक्सफोर्ड जर्नल की एक हालिया स्टडी में भी बताया गया है कि गंभीर COVID-19 के साथ अस्पताल में भर्ती होने वाले करीब 50% लोगों में रिकवरी के महीने भर बाद हार्ट डैमेज की खबरें आ रही है.

तो आखिर क्या सतर्कता और सावधानी बरतनी चाहिए? फिट से बातचीत में फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में कार्डियोलॉजी और चीफ ऑफ कैथ लैब के डायरेक्टर डॉ. अतुल माथुर इसे समझा रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वो कहते हैं- कोविड से उबरने के बाद युवा, समेत कई लोग सभी तरह के कार्डियक समस्याओं के साथ अस्पताल वापस आ रहे हैं. इनमें सबसे आम घबराहट, ब्लड प्रेशर बढ़ना या दिल की धड़कन का बढ़ना है, वहीं कुछ मामलों में कार्डियक अरेस्ट या दिल का दौरा भी देखा गया है.

हालांकि कोविड-19 की सबसे खतरनाक समस्याएं फेफड़ों पर असर और सांस लेने में समस्या जैसे लक्षण हैं, लेकिन अब ऐसा समझा जा रहा है कि वायरस से दिल पर भी गहरा असर पड़ रहा है. ये पहले से ही दिल की बीमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए एक गंभीर खतरा है.

COVID-19 से हार्ट अटैक का खतरा?

डॉ. अतुल बताते हैं- कोविड-19 दिल पर 2 तरीके से असर डाल सकता है. संक्रमण के कारण दिल में खून के थक्के(ब्लड क्लॉट्स) बन सकते हैं और कई मामलों में ये दिल में सूजन भी पैदा कर सकता है. दिल की कोरोनरी आरट्री(coronary artery) में थक्के बनने से हार्ट अटैक आ सकता है.

दूसरा- वायरस दिल की मांसपेशियों को डायरेक्ट नुकसान पहुंचा सकता है.

वायरस सीधे रिसेप्टर कोशिकाओं पर आक्रमण कर सकता है, जिसे ACE2 रिसेप्टर्स के रूप में जाना जाता है. इसे हम मायोकार्डाइटिस(Myocarditis) के नाम से जानते हैं. इस स्थिति में दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है जिससे ब्लड पंप करने की क्षमता कमजोर होती है और एनलार्जमेंट हो सकता है.

0

कोरोना के बाद दिल की दिक्कतें

डॉ अतुल कहते हैं- कोरोना से रिकवर होने के 3-4 हफ्ते बाद ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन बढ़ने की शिकायतें दिख रही हैं. ये 3-4 महीने तक चल सकता है.

इसके अलावा अन्य लक्षण भी हैं, जिससे दिल की सेहत को नुकसान पहुंचने और हार्ट अटैक को लेकर सतर्क रहने के संकेत मिलते हैं.

  • कोरोना से रिकवरी के बाद पहले डेढ़ महीने में एक्यूट क्लॉटिंग की दिक्कत हो सकती है जिसकी वजह से हार्ट हेवीनेस आएगी.
  • सांस लेने में दिक्कत, थकान, कमजोरी के साथ पैर, तलवों में सूजन आना.
  • अलग-अलग अंग क्लॉटिंग की वजह से ठीक से काम नहीं कर पाते.
  • इसके अलावा शरीर का कोई अंग सुन्न पड़ जाना, बोलने में दिक्कत या चक्कर सा महसूस होना.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोविड की वजह से दिल को पहुंचे नुकसान का पता कैसे चलता है?

डॉ अतुल बताते हैं कि खून में कार्डियक एंजाइम्स(Enzymes) की मौजूदगी से संकेत मिलता है कि कोरोना मरीज के दिल को नुकसान पहुंचा है.

ब्लड चेकअप में ब्लड काउंट देखा जाता है और आमतौर पर स्थिति ठीक न होने पर प्लेटलेट्स संख्या में कम और ज्यादा चिपचिपे हो जाते हैं. बाद में इकोकार्डियोग्राफी, एमआरआई जैसी डिटेल टेस्टिंग के बाद हार्ट एनलार्जमेंट का पता लगाया जाता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

किन्हें है ज्यादा रिस्क?

कोरोना के मॉडरेट और गंभीर मरीजों में ब्लड क्लॉटिंग का रिस्क ज्यादा है.

ये रिस्क संक्रमण के दौरान और 14 दिन में रिकवर होने के बाद 6 हफ्ते तक होता है.

“पहले से माइनर या मॉडरेट हार्ट ब्लॉकेज वाले मरीज को बिल्कुल अलर्ट रहना चाहिए. खून गाढ़ा हो जाए और उसमें क्लॉटिंग की टेंडेंसी हो तो वो बचे हुए रास्ते को जल्दी ब्लॉक कर के हार्ट अटैक का कारण बन सकता है.”
डॉ. अतुल माथुर

डॉ अतुल कहते हैं- ये युवाओं में भी हो सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सतर्कता और इलाज

दिल की दिक्कत से जूझ रहे लोगों को अगर कोविड हो जाए तो ब्लड टेस्ट और सीटी स्कैन जल्दी कराना चाहिए, आमतौर पर ये 7वें या 8वें दिन कराया जाता है लेकिन उन्हें 5वें दिन ही करा लेना चाहिए ताकि समय रहते स्टेरॉयड और ब्लड थीनर का इस्तेमाल शुरू किया जा सके.

इलाज के दौरान कोर्टिकोस्टेरॉयड और ब्लड थीनर देने की जरूरत पड़ती है.

अगर आपमें दिल की समस्या से जुड़े कोई लक्षण नहीं हैं और कोविड से रिकवरी के बाद 6 हफ्ते बीत चुके हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है. सांस फूलने, धड़कन तेज होने जैसे लक्षण हों, तभी इकोकार्डियोग्राफी करवानी चाहिए. ये सभी को कराने की जरूरत नहीं है.

लक्षण दिखने पर तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें