ADVERTISEMENTREMOVE AD

काम टालने की आदत: क्या ये सिर्फ आलस है? इसे कैसे सुधारा जा सकता है

Updated
Fit Hindi
6 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

ईमानदारी से कहूं तो, तो मुझे इस आर्टिकल को लिखने में करीब एक हफ्ते की देरी हुई है. मैं ठहर गई थी और रुक गई थी, जब तक कि अंतिम समय नहीं आ गया और डेडलाइन मेरे सिर पर आकर नाचने लगी.

मुझे पता है कि मैं अकेली नहीं हूं. हर कोई टालमटोल करता है. हम काम को टाल देते हैं, फिनिश लाइन से पहले पांव घसीटते हैं, डेडलाइन को दूर धकेलने की कोशिश करते हैं, काम का ढेर लगाते हैं और जरूरी काम तभी करते हैं जब हमें एकदम करना ही पड़ जाता है. हालांकि अंतिम-मिनट का दबाव और इसे पूरा न कर पाने का डर भयानक हो सकता है, फिर भी हम खुद के साथ ऐसा करते हैं और बार-बार करते हैं.

ऐसी चीज जो हमारे लिए लगभग स्वाभाविक रूप से आती है, क्या इसकी कोई गहरी वजह हो सकती है? आप इससे कैसे निकलेंगे?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इच्छाशक्ति की कमी से लेकर भटकाव तक; वजहें अनगिनत हैं

जबकि हम सभी अपने काम को टालते रहते हैं, हर शख्स के लिए वजहें बहुत अलग हो सकती हैं.

गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में मेंटल हेल्थ एंड बिहैवियरल साइंस की हेड ऑफ डिपार्टमेंट कामना छिब्बर का कहना है, “लोग अक्सर इसलिए टालमटोल करते हैं क्योंकि काम के लिए प्रेरणा की कमी महसूस करते हैं, या वे इसे पूरी तरह नापसंद करते हैं.”

लेकिन कई बार यह नाकामी के डर से जुड़ा हो सकता है. इंसान महसूस कर सकता है कि उसके पास काम को कामयाबी से पूरा करने के लिए जरूरी कौशल नहीं है.
कामना छिब्बर

फिट के साथ बातचीत में, जसलोक हॉस्पिटल की कंसल्टेंट साइकोलॉजिस्ट रितिका अग्रवाल मेहता भी कहती हैं कि ऐसी कई वजहें हैं जिनसे हम टालमटोल करते हैं और ये हर किसी के लिए अलग-अलग होती हैं. वह कुछ आम वजहें गिनाती हैं:

  1. तत्कालिक या सीधा नतीजा नहीं होने से प्रेरणा की कमी हो सकती है.

  2. यह उन लक्ष्यों की प्रकृति पर निर्भर हो सकता है, जिन्हें किसी व्यक्ति ने तय किया है. अगर ये अस्पष्ट हैं, तो उन्हें नहीं पता होगा कि कहां से शुरुआत की जाए. उदाहरण के लिए, आप तय करते हैं कि आप एक्सरसाइज करना चाहते हैं, लेकिन तय नहीं किया है: कब, कैसे, कितनी देर तक, वगैरह.

  3. नाकामी और आत्मसम्मान के सवाल का डर: जब कोई व्यक्ति आत्मविश्वास कमी और तैयार महसूस नहीं करता है, तो वह कुल मिलाकर परखे जाने और आलोचना के डर से काम से बचना चाहता है.

  4. एक और वजह उस समय-अवधि को कम आंकना हो सकता है, जो किसी काम को पूरा करने में लग सकती है. काम की शुरुआत और समय-सीमा के बीच एक लंबी समय-अवधि भी लोगों को उन्हें बाद में करने के लिए प्रेरित कर सकती है, यह सोचकर कि उनके पास इसके के लिए ‘पर्याप्त’ समय है.

  5. अनिर्णय टालमटोल की वजह बन सकता है. अगर दस अलग-अलग चीजें हैं जो कि करनी हैं और आपको पहले क्या चुनना है, इस बारे में मन नहीं बना पा रहे हैं, तो ऐसे में आप कहीं से भी शुरू नहीं करेंगे.

  6. भटकाव! खासकर जब आप घर से काम कर रहे हों. आपका टीवी चल रहा है और आप एक के बाद एक एपिसोड देखने का फैसला करते हैं. आपको पता भी नहीं चलता कि समय कहां उड़ गया और आप एक के बाद एक लगातार सीरियल देखने में तीन घंटे गंवा चुके होते हैं.

ऊपरी तौर पर, ये वजहें सामान्य लग सकती हैं. लेकिन कई बार ये हमारे दिमाग की अंदरूनी दशा को उजागर करती हैं, यही वजह है कि मेंटल हेल्थ इस चर्चा का एक जरूरी हिस्सा है.

0

यह आलस नहीं है: दिमाग और भावनाओं की भूमिका

हम कई वजहों से टालमटोल करते हैं और ये हर शख्स के लिए अलग होती हैं.
(फोटो: iStock)

काम को टालना, भटकाव होना और जहां तक मुमकिन हो काम से बचना, किसी शख्स को ‘आलसी’ या ‘अगंभीर’ होने का तमगा दिला सकता है. लेकिन क्या बात सिर्फ इतनी सी है?

किसी को काम टालने वाला बनाने में मेंटल हेल्थ और भावनाओं की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर छिब्बर कहती हैं, “ये बातें बहुत बड़ी भूमिका निभाती हैं. बजाय धारणा बनाने के कि वे आलसी हैं, यह तय करना जरूरी है कि ऐसा क्या है जो किसी शख्स की कोई काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है.

इसका आपके डर, तनाव के स्तर, मेंटल हेल्थ समस्या या अगर आत्मसम्मान या खुद की क्षमता को लेकर समस्या है, तो इससे बहुत गहरा रिश्ता है. इसलिए निश्चित रूप से, यह असल में इस बात से पैदा होता है कि आप अपने बारे में कैसा महसूस करते हैं.
रितिका अग्रवाल मेहता

मेहता कहती हैं, “एंग्जाइटी और अवसाद जैसी मेंटल हेल्थ दशा भी किसी काम को टालने में योगदान दे सकती है. हम जानते हैं कि अवसाद, कुछ मामलों में, एनहेडोनिया की ओर ले जाता है, जिसमें आपकी उन चीजों में रुचि खत्म हो जाती है, जो आपको पसंद हैं. इससे थकान भी हो सकती है, इसलिए आप बहुत थका हुआ महसूस करते हैं और आपको कुछ काम करने का मन नहीं होता.”

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इसका उलटा भी हो सकता है. अगर एंग्जाइटी और तनाव आपको टालू बना रहे हैं, तो डेडलाइन करीब आने पर तनाव और बढ़ेगा, जो किसी शख्स के मन में अपराधबोध या पछतावा पैदा कर सकता है. इसके अलावा, अंतिम समय में किया गया काम भी बेहतरीन क्वालिटी का नहीं हो सकता, जिससे आलोचना या नकारात्मक प्रतिक्रिया आ सकती है, जिससे व्यक्ति का अपनी क्षमताओं के बारे में पहले से मौजूद शक और गहरा हो सकता है.

छिब्बर विस्तार से बताती हैं कि यह किसी व्यक्ति को खुद को देखने के तरीके को किस तरह प्रभावित कर सकता है.

वे खुद में नकारात्मक, बहुत ज्यादा आलोचनात्मक सोच पैदा कर सकते हैं, जो आत्मसम्मान, क्षमता और आत्मविश्वास की भावनाओं को प्रभावित कर सकती है. यह अनचाहे ही किसी व्यक्ति की मनोदशा और सोच के तरीके को भी प्रभावित कर सकता है, इस तरह, उन्हें कम उत्पादक और ज्यादा मनमौजी बना सकता है, जिससे खुद उन पर और उनके रिश्तों पर असर पड़ता है.
कामना छिब्बर
ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या महामारी ने इसे और खराब बना दिया है?

कोविड-19 महामारी ने, जैसा कि फिट ने पहले बताया है, तनाव, चिंता, भय और अनिश्चितता के स्तर को बढ़ा दिया है. हम खुद को बाहरी दुनिया के साथ न्यूनतम संपर्क के साथ अपने घरों की में कैद पाते हैं.

रितिका अग्रवाल मेहता हमारी दिनचर्या के बिखराव और थकावट के बारे में बताती हैं. “हम सभी थक गए हैं. जैसा कि मैंने कहा, थकान और मेहनत भी एक वजह हो सकती है, जिससे हम काम को टाल देते हैं. संभवतः इसीलिए लॉकडाउन के दौरान टालू प्रवृत्ति बढ़ी है क्योंकि शारीरिक और मानसिक थकावट काफी ज्यादा बढ़ गई है. इसके कारण हमारा आत्म-नियंत्रण खुद को आगे बढ़ाना मुश्किल बना सकता है.”

काम से ऊब, हर दिन एक ही काम करना, एक ही रूटीन पर चलना- काम, घर, घर का काम- एक बहुत ही निरर्थक अस्तित्व बन गया है. कुछ भी रोमांचक या अलग नहीं हो रहा है, इसलिए कोई भी काम पूरा करना बेमकसद लगता है.
रितिका अग्रवाल मेहता

कामना छिब्बर कहती हैं, “महामारी ने कई लोगों के लिए सीमाओं को धुंधला कर दिया है और इसने मौजूदा वित्तीय और आर्थिक असर की वजह से बहुत ज्यादा दबाव डाला है. इस तथ्य को समझें कि लोग कई भूमिकाएं निभा रहे हैं, जिससे थकावट हो सकती है. नतीजतन, बहुत से लोग जो किया जाना है, उसमें देरी करते हैं.”

ADVERTISEMENTREMOVE AD

टालमटोल से कैसे जीतें: आलस से कैसे उबरें?

टालमटोल के पीछे कई संभावित वजहों को ध्यान में रखते हुए, इससे पार पाने की दिशा में पहला कदम शुरुआती वजहों की पहचान करना होगा. इसके बाद, मनोवैज्ञानिक इन्हें दुरुस्त करने के लिए कुछ आम सुझाव देते हैं:

  1. आपकी देरी की क्या वजह हो सकती है, इसका सटीक आकलन करने की कोशिश करें. अगर कौशल या जानकारी में कोई कमी है, तो काम शुरू करने से पहले उसे हासिल करने की कोशिश करें.

  2. कार्ययोजना बनाएं और सही रूटीन तय करें.

  3. लक्ष्यों की लिस्ट बनाने से शुरुआत करें. पक्का करें कि ये लक्ष्य: निर्दिष्ट, पूरा होने लायक, हासिल करने लायक, यथार्थवादी और समयबद्ध हों. उदाहरण के लिए, अगर आप एक्सरसाइज शुरू करना चाहते हैं तो समय तय करें, आप कितने दिन करेंगे, आप किस तरह की कसरत करेंगे वगैरह.

  4. अपनी योजना पर आगे बढ़ते हुए परिष्कृत और संशोधित करते रहें. अगर आपको लगता है कि कुछ काम नहीं हो पा रहा है, तो आप जैसा कर सकते हैं वैसा बदलाव कर दें. बहुत सारे काम बहुत जल्दी करने की कोशिश करने की बजाए खुद को सहज स्तर पर रखें.

  5. अपने काम को कई हिस्सों में बांट लें और अपनी प्राथमिकताओं की लिस्ट बना लें. अपने लक्ष्यों को छोटे-लक्ष्यों और छोटी-डेडलाइंस में बांट लें. जब छोटे लक्ष्य होंगे, तो आप खुद को बहुत जल्द इनाम दे रहे होते हैं. जब आप हर बार खुद को इनाम देते हैं, तो आप बेहतर महसूस करते हैं, इसलिए आप अगला कदम उठाने के लिए ज्यादा तत्पर महसूस करेंगे.

  6. भटकावों को सीमित करें और उनका खात्मा करें. टीवी का प्लग निकाल दें, अपने फोन को दूर रखें या किसी और को दें, ध्यान केंद्रित करने और एकाग्रता के लिए जो भी कर सकते हैं, करें.

  7. अगर आपको कोई काम उबाऊ लगता है, तो काम के पहले या बाद में कुछ मजेदार करें. किसी ऐसी चीज से तालमेल बिठाना, जिसे आप करना पसंद नहीं करते हैं, आपको प्रेरित करने में मदद कर सकता है.

  8. अगर आपको किसी काम में मदद की जरूरत है तो आसपास के दूसरे लोगों से जानकारी लेने में हिचकिचाएं नहीं.

  9. काम के पूरा होने की स्थिति की कल्पना करें.

अगर एंग्जाइटी, अवसाद या किसी दूसरी मेंटल हेल्थ समस्या के चलते प्रेरणा की कमी होती है, जिसे आप पहचान नहीं पा रहे हैं, तो मेंटल हेल्थ प्रेक्टिशनर को दिखाएं. अगर लगातार आपके काम में रुकावट आ रही है, तो आपको मदद लेनी चाहिए.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें