साउथ अफ्रीका और ब्राजील में मिल रहे म्यूटेंट वेरिएंट के कारण भारत में कोविड-19 के 5 मामले सामने आए हैं.
बता दें, यूनाइटेड किंगडम में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट मिलने के बाद दुनियाभर में फिर से ट्रैवल बैन और प्रतिबंध लगने शुरू हो गए थे. इसी बीच साउथ अफ्रीका से भी एक COVID-19 वेरिएंट मिलने की खबर आ गई. कई देशों ने यूके की तरह ही साउथ अफ्रीका से आने वाले यात्रियों के लिए भी सीमाएं बंद कर दी थी.
अब भारत में भी इस वेरिएंट ने दस्तक दे दी है. ये नया वेरिएंट क्या है? क्या ये ज्यादा खतरनाक है? इसके बारे में अभी तक ये पता है:
साउथ अफ्रीका में मिले वेरिएंट को क्या नाम दिया गया?
साउथ अफ्रीकन स्वास्थ्य मंत्री ज्वेली मिखिजे ने ट्विटर पर बताया कि नए वेरिएंट को 501.V2 नाम दिया गया है. उन्होंने कहा कि नया वेरिएंट देश के लैब्स के रूटीन सर्विलांस करने के दौरान पाया गया.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, “जो सबूत इकट्ठे किए गए हैं, वो संकेत देते हैं कि देश में जो सेकंड वेव चल रही है वो इसी नए वेरिएंट की वजह से है.”
क्या नया वेरिएंट ज्यादा तेजी से फैल रहा है?
वेरिएंट को पहली बार Eastern Cape, KwaZulu-Natal और Western Cape में देखा गया था. पहले ये तटीय इलाकों तक सीमित था, लेकिन अब ये इनलैंड साउथ अफ्रीका में आ गया है.
स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट किया, “सेकंड वेव शुरुआती संकेत दिखा रही है कि ये पहली वेव से तेजी से फैल रही है. ये अभी साफ नहीं है कि सेकंड वेव में ज्यादा मौतें हैं या कम. मौजूदा मौत की जानकारियों पर हमने अभी कोई परेशान करने वाला संकेत नहीं देखा है.”
किसे ज्यादा खतरा है?
नए वेरिएंट से युवा- जिन्हें कोई कोमोर्बिडिटी नहीं है, वो ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. सरकार ने इस बात की जानकारी दी है.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, “चिकित्सक हमें क्लीनिकल एपिडेमियोलॉजिकल तस्वीर में बदलाव के सबूत दे रहे हैं. वो देख रहे हैं कि युवा मरीजों की बड़ी जनसंख्या संक्रमित हो रही है.”
किन देशों ने साउथ अफ्रीका के साथ एयर ट्रैवल निलंबित कर दिया है?
- जर्मनी
- तुर्की
- इजरायल
- स्विट्जरलैंड
- यूनाइटेड किंगडम
- उज्बेकिस्तान
- नीदरलैंड्स
- मॉरिशस
ये UK वेरिएंट से कैसे अलग है?
साउथ अफ्रीका में संक्रामक बीमारियों के बड़े एक्सपर्ट डॉ रिचर्ड लेसेल्स ने कहा, “वैक्सीन के लिए UK वेरिएंट के मुकाबले हमारे वेरिएंट को लेकर कुछ चिंताएं हैं.” द गार्डियन के मुताबिक, डॉ लेसेल्स ने कहा, “हम सावधानीपूर्वक और मेथॉडिकल तरीके से लैब में काम कर रहे हैं और सभी सवालों के जवाब तलाश रहे हैं. और इस काम में समय लगता है.”
“UK और अपना डेटा साथ रखकर देखने पर पता चलता है कि हमारा वेरिएंट एक शख्स से दूसरे तक फैलने में ज्यादा प्रभावी है और ये ठीक नहीं है. इसका मतलब है कि हमें इसे रोकने के लिए और बेहतर होना पड़ेगा.”डॉ रिचर्ड लेसेल्स
रॉयटर्स के मुताबिक, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की सुसैन हॉपकिंस ने कहा कि नया वेरिएंट ‘काफी अलग’ लगता है और इसमें ‘अलग म्यूटेशन’ हैं. शुरुआती जानकारी से लगता है साउथ अफ्रीकन वेरिएंट ज्यादा फैलने वाला हो सकता है. हालांकि, वैज्ञानिक अभी और डेटा का इंतजार कर रहे हैं.
दोनों वेरिएंट के बीच समानताएं क्या हैं?
N501Y नाम का एक म्यूटेशन दोनों वेरिएंट में है और इनके तेजी से फैलने के लिए जिम्मेदार हो सकता है. ये म्यूटेशन वायरस के उस हिस्से में हुई है, जिसे वो मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए इस्तेमाल करता है.
दोनों वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में बदलाव हुए हैं. ये प्रोटीन मानव कोशिकाओं में घुसने में वायरस की मदद करता है.
एक और समानता ये है कि दोनों ही वेरिएंट अभी तक गंभीर बीमारी या मौत से जुड़े नहीं पाए गए.
क्या भारत को दोनों वेरिएंट पर चिंता करनी चाहिए?
क्विंट से बात करते हुए वायरोलॉजिस्ट और अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंस के डायरेक्टर डॉ शाहिद जमील ने कहा, “नया वेरिएंट पाया गया है. हमें चिंता होना चाहिए लेकिन घबराना नहीं चाहिए.”
भारत ने यूके के साथ ट्रैवल बंद कर दिया है. हालांकि, अभी तक साउथ अफ्रीका पर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
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