ADVERTISEMENTREMOVE AD

NFHS-5: शिशु मृत्यु दर में सुधार, कुपोषण बढ़ा- राज्यों का हाल

Updated
Fit Hindi
5 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

शनिवार को पांचवां राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS -5) जारी किया गया. पिछले सर्वे की तुलना में 2019-20 के इस सर्वे के मुताबिक, देश की शिशु मृत्यु दर (Mortality Rate) में कमी देखने को मिली है, लेकिन कुपोषण के शिकार बच्चों की संख्या में बढ़त दर्ज की गई है.

देश के 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ये सर्वे किया गया है. 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में नवजात शिशुओं (प्रति 1,000 जन्मों पर मौतें) और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में कमी आई है. वहीं 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के प्रतिशत में बढ़त दर्ज की गई है जिनका वजन काफी कम है.

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि हेल्थ सर्विस और वैक्सीनेशन में सुधार की वजह से मृत्यु दर में कमी दिख रही है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

जानिए राज्यों का हाल:

अंडमान निकोबार

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 12.3
शिशु मृत्यु दर (IMR)- 20.6
पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 24.5

आंध्र प्रदेश

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 19.9

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 30.3

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 35.2

असम

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 22.5

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 31.9

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 39.1

बिहार

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 34.5

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 46.8

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 56.4

दादरा नगर हवेली और दमन-दीव

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 21.4

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 31.8

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)-37.0

गोवा

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 5.6

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 5.6

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 10.6

गुजरात

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 21.8

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 31.2

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 37.6

हिमाचल प्रदेश

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 20.5

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 25.6

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 28.9

0

जम्मू कश्मीर

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 9.8

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 16.3

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 18.5

कर्नाटक

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 15.8

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 25.4

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 29.5

केरल

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 3.4

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 4.4

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 5.2

लद्दाख

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 11.4

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 20.0

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 29.5

लक्षद्वीप

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 0.0

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 0.0

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 0.0

महाराष्ट्र

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 16.5

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 23.2

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 28.0

मणिपुर

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 17.2

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 25.0

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 30.0

मेघालय

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 19.8

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 32.3

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 40.0

मिजोरम

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 11.4

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 21.3

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 24.0

नागालैंड

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 10.2

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 23.4

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 33.0

सिक्किम

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 5.0

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 11.2

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 11.2

तेलंगाना

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 16.8

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 26.4

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 29.4

त्रिपुरा

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 22.9

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 37.6

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 43.3

प. बंगाल

नवजात मृत्यु दर (NNMR)- 15.5

शिशु मृत्यु दर (IMR)- 22.0

पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR)- 25.4

वहीं, बात अगर कुपोषण की करें तो 18 राज्यों में से 11 राज्यों में ऐसे बच्चों की संख्या बढ़ी है, जिनका वजन उनकी उम्र के हिसाब से कम है. तेलंगाना में ऐसे बच्चों की संख्या में सबसे ज्यादा है. वहां 5.1% की बढ़ोतरी हुई है जबकि हिमाचल में 4.5 और केरल में 3.7% का इजाफा हुआ है.

14 राज्यों में लंबाई के अनुपात में कम वजन वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि

इसके अलावा 14 राज्यों में कुपोषण के कारण लंबाई के अनुपात में कम वजन वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि आई है और 10 बड़े राज्यों में स्थिति बदतर हुई है.
जम्मू-कश्मीर में ऐसे बच्चों की संख्या में सबसे अधिक 6.8 प्रतिशत की वृद्धि आई है, वहीं असम में 4.7 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 3.7 प्रतिशत, तेलंगाना में 3.6 प्रतिशत, बिहार में 2.1 प्रतिशत और केरल में 0.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

14 राज्यों में बढ़ी कम कद वाले बच्चों की संख्या

14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे रहे जहां कुपोषण की वजह से पांच साल से कम उम्र के बच्चों का कद कम रह गया. इनमें महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य भी शामिल रहे.
20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे रहे जहां अधिक वजन वाले पांच साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ.

सर्वे ये भी कहता है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों में एनीमिया यानी कि खून की कमी की समस्या बढ़ी है. असम में सबसे ज्यादा करीब 68% बच्चों को एनीमिया है.

मोटापे से ग्रस्त पांच बच्चों, वयस्कों की संख्या बढ़ी

मोटापे से ग्रस्त पांच साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या में जबरदस्त इजाफा होने की बात सामने आई है. 20 राज्यों के बच्चों में ये बढ़त देखने को मिली है. विशेषज्ञ इसके लिए कम पोषण वाले खाने की आदत और फिजिकल एक्टीविटी में कमी को जिम्मेदार ठहराते हैं. लद्दाख इस मामले में सबसे पहले पायदान पर रहा. यहां करीब 13.4 फीसदी बच्चे मोटापे से जूझ रहे हैं.

पिछले सर्वे की तुलना में सिर्फ बच्चों में ही नहीं मोटापे से ग्रस्त वयस्कों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की महिलाओं के बीच मोटापे की शिकायत में बढ़त दर्ज की गई जबकि 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुरुषों में इस समस्या में इजाफा हुआ है. केरल और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में सबसे ज्यादा करीब 38% महिलाएं मोटापे से ग्रस्त हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सेक्स रेशियो का हाल

17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले सर्वे की तुलना में सेक्स रेशियो यानी प्रति 1,000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या बढ़ी है. हालांकि हिमाचल, अंडमान निकोबार, जम्मू-कश्मीर, केरल और लद्दाख में ये कम हुआ है.

बता दें, पिछली बार NFHS-4 सर्वे 2015-16 में जारी हुआ था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×