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रूस : फेज 3 ट्रायल से पहले COVID वैक्सीन लॉन्च, क्या होंगे नतीजे

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दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्‍सीन अप्रूव हो गई है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को दावा किया है कि उनके देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ "स्थायी प्रतिरक्षा" देने वाली पहली वैक्सीन बना ली है. ये Gam-COVID-Vac Lyo वैक्सीन मॉस्को की गमलेया इंस्टिट्यूट द्वारा तैयार की गई है.

न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, पुतिन ने कहा, ''आज सुबह, दुनिया में पहली बार, नोवेल कोरोना वायरस की एक वैक्सीन रजिस्टर हुई है.'' उन्होंने ये भी कहा कि उनकी बेटी को भी वैक्सीन की डोज दी गई है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक इसका नाम ‘स्पुतनिक’ रखा जा सकता है.

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लोगों को कब मिलेगा वैक्सीन डोज?

हाल ही में रुस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने रूस की वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल में सफल होने का दावा करते हुए अक्टूबर 2020 से लोगों पर इसके इस्तेमाल की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि व्यापक पैमाने पर अक्टूबर 2020 से लोगों को वैक्सीन देने का काम शुरू हो जाएगा.

किसे मिलेगा पहला डोज?

रूस के उप स्वास्थ्य मंत्री ओलेग ग्रिदनेव ने हाल ही मीडिया से ये कहा था कि रूस में मेडिकल प्रोफेशनल और बुजुर्गों को सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी.

कितनी होगी कीमत?

रूसी एजेंसी TASS के मुताबिक, रूस में लोगों को ये मुफ्त में उपलब्‍ध कराई जाएगी. इसकी भरपाई देश के बजट से पूरी की जाएगी. बाकी देशों के लिए कीमत का खुलासा अभी नहीं किया गया है।

कितने डोज तैयार कर रहा है रूस?

रूस वैक्सीन का 3 करोड़ डोज देश में बनाने की तैयारी में है. वहीं विदेश में इस वैक्सीन की 17 करोड़ डोज तैयार करने की बात सामने आ रही है.

क्या कहते हैं ट्रायल नतीजे?

2 महीने से भी कम समय में वैक्सीन का ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल कर मंजूरी दे दी गई है. हालांकि रूस जिस स्पीड से वैक्सीन की रेस में आगे निकला है उसे लेकर चिंताएं हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने हजारों वॉलंटियर्स को शामिल कर किए जाने वाले तीसरे ट्रायल के खत्म होने से पहले इसे मंजूरी दी है. रेगुलेटरी अप्रूवल के लिए इस ट्रायल में वैक्सीन के प्रभाव का आकलन करने के लिए वॉलंटियर्स की एक बड़े निश्चित दर की जरूरत होती है.

पुतिन ने मंगलवार को वैक्सीन की जानकारी देते हुए दावा किया-

“मुझे पता है कि ये काफी प्रभावी ढंग से काम करता है, मजबूत प्रतिरक्षा बनाता है, और मैं दोहराता हूं, इसने सभी जरूरी जांच प्रक्रिया को पार कर लिया है.”

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट कहती है, विश्व स्वास्थ्य संगठन अभी भी वैक्सीन को फेज 1 ट्रायल वाले वैक्सीन के तौर पर सूचीबद्ध करता है.

WHO के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमियर ने पिछले हफ्ते जिनेवा में संवाददाताओं से कहा था कि “किसी भी वैक्सीन की फाइंडिंग जिससे पता चले कि ये काम कर सकता है और उसका सभी ट्रायल स्टेज से गुजरना, इन दोनों में एक बड़ा अंतर है.”

रूस की वैक्सीन की 2 डोज की जरूरत पड़ेगी और इनमें हानिरहित कोल्ड वायरस-एडिनोवायरस का इस्तेमाल किया गया है . जिस तरह से ये वैक्सीन काम करती है उसी टेक्नीक का इस्तेमाल फार्मास्यूटिकल कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन, चीनी कंपनी कैनसिनो बायोलॉजिक्स और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी अपने वैक्सीन कैंडिडेट में भी कर रही है.

लेकिन चूहों से लेकर बंदरों तक, जानवरों में वैक्सीन ने कैसा असर दिखाया है, बाकियों ने इसका डेटा प्रकाशित किया है. शुरुआती ह्यूमन ट्रायल के नतीजे भी जारी किए हैं. कैनसिनो वैक्सीन उन्हीं हानिरहित वायरस में से एक का इस्तेमाल किया है जिसका इस्तेमाल रूस की वैक्सीन में किया गया है, और इसके परिणाम कुछ वैज्ञानिकों के लिए निराशाजनक रहे हैं.

बता दें, रूस की वैक्सीन का काफी छोटा ट्रायल हुआ है और इसकी फाइंडिंग कहीं प्रकाशित नहीं हुई है.

ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल 18 जून को 38 वॉलंटियर्स के साथ शुरू हुआ था. ट्रायल में शामिल सभी वॉलंटियर्स ने इम्युनिटी विकसित की. एक और ट्रायल 20 जुलाई को शुरू किया गया. ट्रायल देश भर में 7 साइटों पर आयोजित किए गए थे.

18 से 65 साल की महिलाओं और पुरुष ट्रायल में शामिल थे. वैक्सीन लगने के बाद इनमें से कुछ ने सिर दर्द का अनुभव किया और उनके शरीर का तापमान बढ़ गया. हालांकि, इन लक्षणों से 24 घंटे के भीतर निपट लिया गया और वे सभी अब स्वस्थ हैं.

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ये शुरुआती ट्रायल वैक्सीन की सुरक्षा और डोज की जरूरत के परीक्षण के लिए आयोजित किए जाते हैं लेकिन असर के साथ-साथ किसी भी दीर्घकालिक हानि का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर फाइनल ट्रायल जरूरी होता है.

वैक्सीन लगने के बाद वॉलंटियर्स को 28 दिन आइसोलेशन में बिताना है ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि वे किसी अन्य पैथोजेन से संक्रमित न हों. इस अवधि के दौरान, उनके मनोवैज्ञानिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल स्पोर्ट एक्टिविटी के जरिये रखा जाएगा. डिस्चार्ज होने के बाद, 6 महीने या उससे ज्यादा समय तक उनकी निगरानी रखी जाएगी है.

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