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संजय दत्त US में करा सकते हैं लंग कैंसर का इलाज: समझिए ये क्या है?

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मंगलवार को एक जाने-माने फिल्म समीक्षक ने दावा किया कि एक्टर संजय दत्त लंग कैंसर से जूझ रहे हैं. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद एक्टर को मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

संजय दत्त ने मंगलवार को ही खुद एक ट्वीट कर अपने बारे में बताया कि 'मेरे दोस्तों, मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए मैं कुछ दिनों के लिए अपने काम से ब्रेक ले रहा हूं. मेरा परिवार और मेरे दोस्त मेरे साथ हैं. मैं अपने शुभचिंतकों से आग्रह करता हूं कि वो बिल्कुल भी चिंता ना करें और गैर जरूरी अटकलें ना लगाएं. आपके प्यार और शुभकामनाओं के साथ मैं जल्द ही वापस लौटूंगा.'

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क्या है लंग कैंसर का कारण

लंग कैंसर को जेनेटिक कारकों से जोड़ा जाता है. एस्बेस्टस, वायु प्रदूषण और खाना पकाने से निकलने वाले धुएं के संपर्क में आने के कारण इस कैंसर का खतरा होता है. Cancer.org के मुताबिक लंग कैंसर से होने वाली मौतों में से करीब 80% स्मोकिंग, या सेकेंड हैंड स्मोकिंग की वजह से होती है.

लंग कैंसर का रिस्क एक समय के दौरान सिगरेट की संख्या से संबंधित है. डॉक्टर इस संदर्भ में जोखिम को मापते हैं और इसे पैक-इयर्स कहते हैं. सिगरेट के धुएं में पाए जाने वाले करीब 7000 केमिकल कंपाउंड में से कई कार्सिनोजेन्स यानी कैंसर पैदा करने वाले केमिकल कंपाउंड होते हैं.

सालों से, दिल्ली जैसे बड़े महानगरों में, वायु प्रदूषण की वजह से धूम्रपान न करने वालों और महिलाओं में लंग कैंसर के मामलों में बढ़त दिखी है.

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लंग कैंसर के लक्षण

ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक, लक्षण कुछ से होते हैं:

  • 2 या 3 सप्ताह के बाद तक खांसी का जारी रहना
  • लंबे समय से हो रही खांसी का और खराब होना
  • छाती में संक्रमण की वापसी
  • खून के साथ खांसी
  • सांस लेने में कठिनाई
  • लगातार सांस फूलना और थकान

जांच और इलाज

ये आमतौर पर डॉक्टर द्वारा छाती के एक्स-रे, सीटी स्कैन, ब्रोंकोस्कोपी और बायोप्सी के जरिये पहचाना जाता है.

ये ध्यान रखना अहम है कि लंग कैंसर के अलग-अलग प्रकार और स्टेज होते हैं जिन्हें डॉक्टर क्लिनिकल टेस्ट के बाद निर्धारित करते हैं.

इसके लिए सबसे आम ट्रीटमेंट प्लान सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी और इम्यूनोथेरेपी का कॉम्बिनेशन होता है.

रोकथाम के लिए सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने से बचना और अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो उसे छोड़ना रिस्क को कम करता है. याद रखें, रिस्क की गणना सिगरेट की संख्या को साल से गुणा कर मापा जाता है.

दिल्ली जैसी जगहों पर, वायु प्रदूषण चिंताजनक है, और सरकारों द्वारा सक्रिय उपायों से प्रदूषण कम करने की कोशिश की जाती रही है ताकि धूम्रपान न करने वालों और बच्चों को लंग कैंसर का शिकार होने से बचाया जा सके.

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