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सेक्सॉल्व:‘बचपन में मेरा यौन शोषण हुआ,ये बात मुझे आज भी कचोटती है’

‘उत्पीड़न की खबरें देख, बचपन में मेरे साथ जो हुआ, वो याद कर मैं गुस्से से भर जाता हूं’

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'सेक्सॉल्व' समता के अधिकार के पैरोकार हरीश अय्यर का फिट पर सवाल-जवाब आधारित कॉलम है.

अगर आपको सेक्स, सेक्स के तौर-तरीके या रिलेशनशिप से जुड़ी कोई परेशानी है, कोई उलझन है, जिसको आप हल नहीं कर पा रहे हैं या आपको किसी तरह की सलाह की जरूरत है, किसी सवाल का जवाब चाहते हैं या फिर ऐसे ही चाहते हैं कि कोई आपकी बात सुन ले, तो हरीश अय्यर को लिखिए और वह आपके लिए ‘सेक्सॉल्व’ करने की कोशिश करेंगे. आप sexolve@thequint.com पर मेल कर सकते हैं.

पेश हैं इस हफ्ते के सवाल-जवाब.

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‘ऐसा लगता है कि मैं खुद को मार डालूंगा’

डियर रेनबोमैन,

मैं जब भी किसी गंभीर केस के बारे में सुनता हूं, तो मेरे सामने यही समस्या खड़ी हो जाती है. मुझे बहुत अजीब सा महसूस होता है. इससे मुझे अपने सेक्सुअल एब्यूज की याद जाती है. मुझे गुस्सा आता है. आठ साल के बच्चे के मामले ने मुझे कई तरह से विचलित कर देने वाले ख्यालों से भर दिया. मैं नहीं जानता कि मैं किस तरह इन ख्यालों से खुद को आजाद करूं. मैं इससे कैसे निजात पा सकता हूं. मेरी मदद कीजिए.

‘उत्पीड़न की खबरें देख, बचपन में मेरे साथ जो हुआ, वो याद कर मैं गुस्से से भर जाता हूं’
‘ये ऐसी दुनिया है जहां रेप और हत्याएं होती हैं, लेकिन इसी दुनिया में प्यार और हमदर्दी भी मिलती है.’
(फोटो: iStockphoto)
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मेरे अजीज दोस्त,

आप कैसा महसूस कर रहे हैं, इसे समझ पाने का मैं दावा नहीं कर सकता. हालांकि मेरे साथ भी ऐसा हुआ है.

अगर हमारे दर्द से हम में ही दुनिया में बदलाव लाने का ख्याल नहीं आता है, तो शायद कुछ भी नहीं होगा.

बचपन में यौन उत्पीड़न का शिकार होने के कारण मैं कह सकता हूं कि हम किसी बर्बर घटना के बारे में सुनते हैं, तो उसका हम पर असर पड़ता है. कई बार यही दर्द मुझे एहसास कराता है कि मैं जिंदा हूं और मैं इस एनर्जी का इस्तेमाल दूसरों के प्रति अपनी सहानुभूति जगाने और सबसे दमित लोगों के लिए अपनी आवाज उठाने की ताकत हासिल करने के लिए करता हूं.

मुझे लगता है कि उत्पीड़न की कोई भी घटना जिसके बारे में हम अखबार में पढ़ते हैं, उस पर गुस्सा आना स्वाभाविक है और गुस्सा आना भी चाहिए. लेकिन ये गुस्सा इस तरह का नहीं होना चाहिए कि खुद पर निकले या हमारे ही अतीत को कुरेदे. मैं आपको सलाह दूंगा कि जब भी ऐसे हालात पैदा हों, आपको बात करने के लिए एक दोस्त तलाश लेना चाहिए.

मेरी आपको ये भी सलाह है कि आप किसी काउंसलर से मिलें. एक प्रोफेशनल से बातचीत आपको चीजें मैनेज करने में मदद करेगी और आपको अपना गुस्सा सकारात्मक दिशा में इस्तेमाल करने की सहायता मिलेगी. दूसरों का सहारा बनने के लिए सबसे जरूरी है कि पहले हम खुद मजबूत हो जाएं.

भरोसा बनाए रखें. यह ऐसी दुनिया है, जहां रेप और हत्याएं होती हैं. लेकिन इसी दुनिया में प्यार और हमदर्दी भी मिलती है. सिक्के के दोनों पहलू को देखें.

सादर,

रेनबोमैन

चलते-चलतेः मेरे हीरो एलेन डी जेनेरस ने कहा था, “हर शख्स को दूसरे पर रहम करना चाहिए.” मैं इस बात को एक कदम आगे ले जाता हूं, खुद पर भी रहम करें.

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‘एक रात मैं और मेरी पत्नी ने थ्रीसम आजमाया. अब वह गर्भवती है’

प्रिय रेनबोमैन,

एक रात मैं, मेरी पत्नी और एक दूसरे पुरुष ने थ्रीसम किया. मैं बाईसेक्सुअल हूं और मेरी पत्नी की ख्वाहिश एक्सपेरिमेंट करने की थी. लेकिन अब एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. मुझे लगता है कि मेरी पत्नी गर्भवती है. हालांकि सही मायनों में उस शख्स ने मेरी पत्नी के साथ सेक्स नहीं किया था, लेकिन क्या ऐसा हो सकता है कि मेरे शरीर पर आया उसका स्पर्म मेरी पत्नी के शरीर में चला गया हो और वह गर्भवती हो गई? मैं कैसे जान सकता हूं कि ये मेरी ही संतान है?

टीएफ

‘उत्पीड़न की खबरें देख, बचपन में मेरे साथ जो हुआ, वो याद कर मैं गुस्से से भर जाता हूं’
‘आपको ऐसे सवालों से उसे अपमानित करने का कोई हक नहीं है.’
(फोटो: iStockphoto)
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प्रिय टीएफ,

मैं कोई डॉक्टर नहीं हूं. फिर भी आपसे कुछ सामान्य ज्ञान साझा कर सकता हूं, जो मुझे है. आमतौर पर स्पर्म शरीर से बाहर जिंदा नहीं रहते. इस बात की संभावना बहुत कम है कि आपके शरीर पर जमा सीमन आपकी पत्नी की प्रजनन प्रणाली में चला गया हो और उसे गर्भवती कर दिया हो.

आपकी फैंटेसी पर मैं कोई राय नहीं दे रहा, फिर भी आपको समझना चाहिए कि ऐसा करने में बीच से लौट आने का कोई रास्ता नहीं होता. अगर आप फैंटेसी के एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं तो बाद में ऐसे बेहूदे सवाल पूछ कर हालात को जटिल ना बनाएं, जिसमें आपके साथ ही आपकी पत्नी भी शामिल है.

आपकी पत्नी प्रेग्नेंट है. आपको ऐसे सवालों से उसे अपमानित करने का कोई हक नहीं है, खासकर उस हालत में जबकि आप ही वो शख्स हैं, जिसने सबसे पहले इस तरह की फैंटेसी के लिए उकसाया.

सादर,

रेनबोमैन

चलते-चलते: अगली बार ऐसा कीजिए, तो कंडोम का इस्तेमाल कीजिएगा.

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डियर रेनबोमैन,

उस समय मैं 20 साल की थी, जब मैंने सुना कि गे या लेस्बियन या पैन या बाई होना भी कोई चीज है. उसके बाद मैं छह-छह महीने दो पुरुषों के साथ रिलेशनशिप में रही, लेकिन कभी भी मेरा मन उनको किस करने या कुछ और करने का नहीं हुआ. अभी बीते साल एक म्यूजिक वीडियो देख रही थी, तो मुझे एक मॉडल के होंठ बेहद आकर्षक लगे. मैं खुद को कल्पना करने से रोक नहीं सकी कि उसे किस करूंगी तो कैसा लगेगा. फिर मैंने सिंगर हैरी स्टाइल्स (आप उसके बारे में जानते होंगे और अगर नहीं जानते तो जरूर जान लेना चाहिए) को एक शो में देखा और उस पर फिदा हो गई. मैं बिना जाने कि क्या हो रहा है, घंटों रोती रही. इसके बाद मुझे महसूस हुआ कि मैं बाईसेक्सुअल हूं, लेकिन एक बात तो तय है कि मुझे अपने अंदर डिक लेने का ख्याल घृणित लगता है. ऐसे में मैं सोचती हूं कि मैं एक लेस्बियन हूं, लेकिन कई बार यह भी लगता है कि मैं लेस्बियन नहीं बनना चाहती. मेरा कहना है कि मैं असमंजस में हूं. कई बार मैं कोई अच्छा लड़का देखती हूं, तो मुझे लगता है कि मैं पूरी तरह लेस्बियन नहीं हूं. लेकिन ऐसा भी नहीं कि मैं उस लड़के को किस या कुछ और करना चाहती हूं. मेरा मतलब है कि मैं चाहती हूं कि पक्का कर लूं कि हां मैं एक लेस्बियन हूं.

शुक्रिया
एक स्टूपिड लेस्बियन

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हैलो मिस नॉट स्टूपिड,

सबसे पहली बात, सबसे पहले- हां मैं भी हैरी स्टाइल्स को जानता हूं. वह मुझे भी बहुत प्यारा लगता है, लेकिन इस बात से मैं गे नहीं हो जाता. हालांकि मैं फिर कहूंगा कि वह प्यारा है. मुझे आलिया भट्ट भी बहुत सुंदर लगती है. मुझे लगता है कि उसमें श्रीदेवी जैसा बनने की संभावना है. मैं उस पर फिदा हूं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं स्ट्रेट हूं.

अब मैं उस बात पर आता हूं, जो मैं कहना चाहता हूं- आप ऐसी स्त्री हो सकती हैं, जो स्ट्रेट है और फिर भी स्त्रियों के प्रति आकर्षित होती हैं. ऐसा भी हो सकता है कि आप खुद को लेस्बियन मानें और फिर भी पुरुषों के प्रति आकर्षित होती हों.

सवाल ये है कि –आप क्यों खुद को किसी सांचे में रखना चाहती हैं? कितना अच्छा हो कि आप खुद पर कोई ठप्पा लगाए बिना सिर्फ जैसा महसूस करती हैं, वैसा ही महसूस करें.

अपना ख्याल रखें,

रेनबोमैन

चलते-चलतेः सिर्फ “प्यार” से खुद को परिभाषित कीजिए. प्यार महसूस कीजिए, प्यार में जीएं, प्यार, प्यार.

(लोगों की पहचान गुप्त रखने के लिए नाम और स्थान में बदलाव कर दिए गए हैं. आप भी अपने सवाल sexolve@thequint.com पर भेज सकते हैं.

(हरीश अय्यर एलजीबीटी कम्युनिटी, महिलाओं, बच्चों और जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले समान अधिकार एक्टिविस्ट हैं.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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