(पीरियड्स के दौरान PPE किट में हेल्थकेयर वर्कर्स कैसे काम करती हैं और किन तकलीफों का सामना करती हैं? डॉक्टर्स डे के मौके पर फिट का ये वीडियो फिर पब्लिश किया जा रहा है.)
(क्रिएटिव प्रोड्यूसर: कुणाल मेहरा
इलस्ट्रेशन: आर्णिका काला)
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जुटे हेल्थकेयर वर्कर्स को PPE सूट में काम करना होता है, जो कि आसान नहीं होता. वहीं पीरियड्स के दौरान महिला स्वास्थ्यकर्मियों की तकलीफें और बढ़ जाती हैं.
COVID वॉर्ड में ड्यूटी कर रही हेल्थकेयर वर्कर्स पीरियड्स के दौरान कैसे काम करती हैं, क्या कुछ झेलती हैं, ये जानने के लिए फिट ने कुछ लेडी डॉक्टरों से बात की है.
सिओन हॉस्पिटल में मेडिकल इंटर्न जानकी चौधरी बताती हैं कि वो पीरियड्स में पेनकिलर लेती हैं ताकि पीरियड्स के दर्द का उनके काम पर कोई असर नहीं पड़े.
मैंने दिन का तीसरा पेनकिलर ले लिया था, सिर्फ इसलिए कि दर्द से मेरे काम पर कोई असर नहीं पड़े, लेकिन PPE के अंदर सब कुछ भीग चुका था, पैड भी. मुझे बहुत पसीना आ रहा था.जानकी चौधरी, मेडिकल इंटर्न
अनेस्थिसियोलॉजी की जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर कामना कक्कर बताती हैं कि जब आपकी ड्यूटी COVID-19 आईसीयू या किसी कोविड वार्ड में लगती है, आपको अपनी चाबी या फोन कुछ भी नहीं ले जाना होता है, आप खाली हाथ जाते हैं.
इसलिए मेरी कोई तैयारी नहीं थी, उस समय मेरे पास मेंस्ट्रुएल हाइजीन की चीजें नहीं थीं.डॉ कामना कक्कर
राजावाड़ी हॉस्पिटल की मनोरोग विभाग में सीनियर रजिस्ट्रार डॉ सुमेधा तिवारी बताती हैं, "पीपीई में बहुत मुश्किल होती है. आप वॉशरूम नहीं जा सकते और अपना पैड नहीं बदल सकते. पीपीई पर दाग लगते सकते हैं."
फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमारबाग की स्टाफ नर्स लिंडा रोज सिन्नी कहती हैं, "कुछ स्टाफ को मेंस्ट्रुएशन बहुत दर्दनाक होता है. वो अपनी शिफ्ट से पहले पेनकिलर ले लेती हैं. जिन्हें हेवी फ्लो होता है, वो लॉन्ग सैनिटरी नैपकिन यूज करती हैं."
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