ADVERTISEMENTREMOVE AD

2019 के साथ इन डाइट ट्रेंड्स को भी अलविदा कहें!

Published
Fit Hindi
5 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

चारकोल खाने से लेकर डोपेमाइन फास्टिंग तक, न्यूट्रिशन के वो ट्रेंड्स जिनका कोई मतलब ही नहीं था, लेकिन सोशल मीडिया पर मशहूर हस्तियों ने जिन्हें बढ़ावा दिया. उन्हें 2019 के साथ ही अलविदा कहने की जरूरत है. एक नया दशक ज्यादा सेहतमंद और बेहतर विकल्प अपनाने को कह रहा है!

ADVERTISEMENTREMOVE AD

1. चारकोल? बिल्कुल नहीं!

चारकोल को खाने से बाहर रखें, प्लीज!
(फोटो: iStock)

इस खबर पर यकीन करते हुए कि एक्टिवेटेड चारकोल एक जबरदस्त डिटॉक्सिंग एजेंट है, और यह कुछ प्वॉइजन, हैवी मेटल और दूसरे टॉक्सिंस को अपने साथ समेट लेता है व उन्हें आपके शरीर से बाहर निकाल देता है, फूड कंपनियों और रेस्टोरेंट्स ने अभियान बनाकर इसे हर फूड में मिलाना शुरू कर दिया- भयानक ब्लैक बैजेल्स, पिज्जा बेस, लेमोनेड, ब्लैक बर्गर बन- और इन्हें हमारी सेहत का रखवाला के तौर पर पेश किया गया.

काम नहीं करता है: बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि एक्टिवेटेड चारकोल की बड़ी या बार-बार की खुराक भी पाचन तंत्र में रुकावट का कारण बन सकती है. तो सावधान रहें.

सुझाव: बदलाव के लिए इन फूड्स को खाया सकता है, लेकिन सेहत के लिए बहुत ज्यादा फायदे की उम्मीद ना करें.

0

2. हाइड्रोजन वाटर?

नियमित रूप से पानी पिएं और खुद को हाइड्रेटेड रखें.
(फोटो: iStockphoto)

आप पूछेंगे ये क्या है? तो यह पानी है जिसमें हाइड्रोजन मॉलीक्यूल्स को मिलाया गया है. जाहिर तौर पर पानी के pH को बढ़ाने और अल्कलाइन (क्षारीय) पानी बनाने के लिए, जिससे कि शरीर की एसिडिटी को कम किया जा सके.

काम नहीं करता है: हमारा शरीर जानता है कि आंतरिक रूप से pH को कैसे संतुलित किया जाए. सिर्फ हाइड्रेटेड रहने से भी यह काम असरदार ढंग से हो जाता है. ये सजावटी पानी सिर्फ हमारे पर्स को निचोड़ रहे होते हैं.

सुझाव: बहुत असरदार नहीं है और बहुत महंगा भी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

3. डोपामाइन फास्टिंग- सिलिकॉन वैली की सनक

इस पर यकीन करने वालों का मानना है कि दिमाग के फील-गुड केमिकल जिसे डोपामाइन के नाम से जाना जाता है, को कम करके, दिमाग को रीसेट कर किया जा सकता है.
(फोटो: iStockphoto)

यह सिलिकॉन वैली की नई प्रोडक्टिविटी सनक है. यहां इस पर अमल करने वाले किसी भी ऐसे अनुभव से परहेज करते हैं जो उन्हें आनंद देता है, जो सेक्स, फूड, एक्सरसाइज, सोशल मीडिया, वीडियो गेम और बातचीत तक ही सीमित नहीं है... और यह आपके दिमाग को दुरुस्त करने का एक तरीका माना जाता है.

काम नहीं करता है: कुछ भी हो, हम सभी को खुशहाल, सेहतमंद जिंदगी जीने के लिए सचेत रूप से अपने डोपामाइन के स्तर को बढ़ाने की जरूरत है, इसे कम मत करें.

सलाह: यह आइडिया ही बकवास है, एकदम बकवास.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

4. ग्रीन पाउडर

क्या आप यह सब पाउडर के रूप में चाहते हैं?
(फोटो: iStockphoto)

इन्हें जबरदस्त तरीके से एक शॉर्टकट (हरी सब्जियां खाने के संपूर्ण विकल्प के रूप में) के तौर पेश किया गया था. ऐसा दावा किया जाता है कि ग्रीन पाउडर की थोड़ी सी मात्रा लेकर भी आप सभी न्यूट्रिएंट्स- एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर, विटामिन, मिनरल्स वगैरह हासिल कर सकते है.

काम नहीं करता है: यह उन फायदों के करीब भी नहीं है, जो असल में फूड देता है. सिर्फ अपनी परंपरागत सब्जियां खाएं!

सलाह: सिर्फ अपनी परंपरागत सब्जियां खाएं!

ADVERTISEMENTREMOVE AD

5. बच्चों के लिए वजन कम करने वाले ऐप्स

पौष्टिक भोजन ही काफी है. आपको अपने बच्चों को डाइटिंग पर रखने की जरूरत नहीं है.
(फोटो: iStockphoto)

ये बच्चों के लिए तैयार किए गए ऐप हैं, जिनसे वे उनके वजन को ट्रैक करते हैं और सलाह देते हैं कि क्या खाएं और क्या ना खाएं.

काम नहीं करता है: यह निश्चित रूप से हमारे बच्चों की सेहत और वजन ठीक रखने के लिए सही तरीका नहीं है. बच्चों पर कम उम्र में डाइटिंग के हानिकारक असर बहुत ज्यादा हैं, और इसको बढ़ावा देना बहुत खतरनाक है. लंबे समय तक बच्चों के खाना खाने पर या उनके खाने के तरीके पर पाबंदी लगाना उनके खाने के साथ संबंध को बर्बाद कर सकता है.

सलाह: उपभोक्तावाद के दखल पर एक लाइन खींचना जरूरी है... कम से कम जब हमारे बच्चों का मामला हो.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

6. खाने को लेकर सनक

खाने को लेकर सनक ना पालें, खासकर अगर आपको एलर्जी नहीं है.
(फोटो: iStockphoto)

स्वस्थ रहना एक तरह से जिंदगी का एक तरीका बन गया, और कई लोगों के लिए तो जुनून. ‘संतुलित खाना खाओ’ की आसान सलाह से, यह लो-कार्बोहाइड्रेट्स, डेयरी फ्री, मीट फ्री, ग्लूटेन फ्री, ऑर्गेनिक, नॉन-जीएमओ, मैक्रो और माइक्रो कैलकुलेटेड, जैसे नामों से मशहूर नियोजित डाइट का पालन करने की कोशिश का अभियान बन गया. दूसरे शब्दों में कहें तो यह बहुत आगे चला गया.

काम नहीं करता है: जुनूनी डाइट वास्तव में उलटी मार करती है क्योंकि यह हार्मोंस के साथ खिलवाड़ करती है (उस तनाव (और अपराधबोध) की कल्पना करें, जो इन लोगों ने खुद पर डाल रखा है) ... और जो भी फायदा मिलता है, यह उसमें कमी कर देता है.

सलाह: बस मध्य मार्ग के सिद्धांत पर चलें, और आपका सबकुछ ठीक-ठाक रहेगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

7. फूलगोभी की सनक

फूलगोभी का सूप तक तो ठीक है. लेकिन फूलगोभी का पिज्जा?
(फोटो: iStock)

सबसे ज्यादा उपेक्षित और बेकार व उबाऊ सब्जी के तमगे वाली सब्जी फूलगोभी पता नहीं कैसे 2019 में सर्वव्यापी हो गई. कॉलीफ्लावर राइस से लेकर चिप्स और क्रैकर तक... यह सब मुख्यधारा में आ गए, कीटो डाइट की सनक की बदौलत.

यह काम नहीं करता है: अब यह बहुत ज्यादा हो गया है... किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती और यह बात फूलगोभी पर भी लागू होती है.

सलाह: यह हमारे लिए अच्छा है इसलिए फूलगोभी खाना जारी रखें, जिस तरह आप पहले करते थे. इसे संतुलित मात्रा में नियमित डाइट का हिस्सा बनाएं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

8. कोलेजन सप्लीमेंट्स

कर्टनी कार्दशियन ने बताया कि वह अपने दिन की शुरुआत हॉट कोलेजन पेय से करती हैं और लोगों को लगा कि उन्हें अपने कॉफी के जुनून का हल मिल गया है. दावा किया गया था कि कोलेजन, जो कि इंसानी शरीर में हड्डियों, मांसपेशियों, त्वचा और नसों में पाया जाने वाला प्रोटीन होता है, पीने से आपको सूजन से छुटकारा मिल सकता है और आप दमकती त्वचा पा सकते हैं.

काम नहीं करता है: खाने वाला कोलेजन- फ्रूटी च्वेज, कॉफी क्रीमर्स, कैप्सूल हमारे चारों ओर उपलब्ध हैं, लेकिन इनकी गुणवत्ता पर नियंत्रण मामूली है और उन पर शोध तो एकदम ना के बराबर है.

सुझाव: एडिबल कोलेजन पर विज्ञान असल में अपनी शुरुआती अवस्था में है. आप अपने हेल्दी फूड पर टिके रहें.

(दिल्ली की कविता देवगन एक न्यूट्रिशनिस्ट, वेट मैनेजमेंट कंसल्टेंट और हेल्थ राइटर हैं. इन्होंने दो बुक ‘Don't Diet! 50 Habits of Thin People (Jaico)’ और ‘Ultimate Grandmother Hacks: 50 Kickass Traditional Habits for a Fitter You (Rupa) लिखी है.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×