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9 नॉन-डेयरी खाद्य पदार्थ जो कैल्शियम से भरपूर हैं

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कैल्शियम शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है. यह न केवल मांसपेशियों को हिलाने, हार्मोन जारी करने और रक्त के संचालन जैसे बुनियादी कार्यों के लिए ज़रूरी है, बल्कि हमारे दांतों और हृदय को भी स्वस्थ रखने के लिए और मस्तिष्क को संकेत भेजने के लिए आवश्यक है.

यूएस एनआईएच के अनुसार, रोज़ 1000 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन आवश्यक है, लेकिन वृद्ध वयस्कों, किशोरों और मेनोपॉज़ के बाद औरतों को इससे अधिक कैल्शियम लेने की आवश्यकता हो सकती है.

पनीर, दही, दूध जैसे डेयरी उत्पाद कैल्शियम से भरपूर होते हैं, लेकिन अन्य गैर-डेयरी उत्पाद भी हैं, जिनका सेवन वे लोग कर सकते हैं, जो लैक्टोज-इन्टोलेरेंट हैं या वीगन हैं. यहां गैर-डेयरी, कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों की एक सूची दी गई है.

बीज छोटे पावर हाउस 

(फ़ोटो: iStockphoto)

बीज

बीज शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों और खनिजों के छोटे, छोटे पावर हाउस होते हैं. तिल, अजवाइन, चिया और पोस्ता ​​जैसे बीज कैल्शियम से भरपूर होते हैं।

फूड डेटा सेंट्रल के अनुसार, एक चम्मच पोस्ता के बीज में 127 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जो रिक्वायर्ड डेली इनटेक (आरडीआई) का 10% है, तिल के बीज के एक चम्मच में 7% आरडीआई के साथ-साथ तांबा, ओमेगा-3 फैटी ऐसिड, आयरन, प्रोटीन और मैग्नीशियम जैसे अन्य पोषक तत्व होते हैं.

दाल और बीन्स

बीन्स और दाल में न केवल कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, बल्कि इसमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन, फोलेट, ज़िन्क, पोटेशियम और मैग्नीशियम भी होते हैं.

फूड डेटा सेंट्रल के अनुसार, एक कप पकी हुई विंग्ड बीन्स में 244 मिलीग्राम कैल्शियम या 19% आरडीआई होता है. इसी तरह सफेद बीन्स में भी 12% आरडीआई होता है लेकिन अन्य बीन्स और दाल में कैल्शियम की मात्रा तुलनात्मक रूप से कम होती है - 5% से कम.

बीन्स और दाल में एलडीएल के स्तर को कम करने और टाइप -2 डाइअबीटीज़ को रोकने की भी क्षमता होती है.

बादाम इम्यूनिटी और कैल्शियम बढ़ाने में बहुत मददगार है. 

(फोटो: iStock)

बादाम

बादाम में सबसे ज्यादा कैल्शियम की मात्रा होती है. 6% आरडीआई पूरा करने के लिए लगभग 23 बादाम की ज़रूरत होती है. बादाम स्वस्थ फैट, फाइबर और प्रोटीन भी प्रदान करते हैं. जब खनिजों की बात आती है, तो इसमें विटामिन ई, मैंगनीज और मैग्नीशियम होता है.

बादाम का नियमित सेवन रक्तचाप और बॉडी फैट को कम कर सकता है और मेटाबोलिक रोगों को रोक सकता है.

पत्तेदार सब्ज़ी में कैल्शियम की मात्रा भरपूर 

(फ़ोटो: iStockphoto)

पत्तेदार हरी सब्ज़ियां

गहरे हरे, पत्तेदार सब्ज़ी जैसे केल, ब्रोकली और पालक कैल्शियम और ऑक्सालेट से भरपूर होते हैं, जो शरीर में कैल्शियम के अवशोषण के लिए महत्वपूर्ण हैं.

फूड डेटा सेंट्रल के अनुसार, एक कप पके हुए कोलार्ड साग में 268 मिलीग्राम कैल्शियम या आरडीआई का 28% होता है.

चौलाई 

चौलाई कैल्शियम के साथ साथ, फोलेट, मैंगनीज, मैग्नीशियम, आयरन और फास्फोरस से भरपूर होता है. एक कप पके हुए चौलाई में 116 मिलीग्राम कैल्शियम या 9% आरडीआई होता है. चौलाई के पत्तों विटामिन ए, सी और डी से भी भरपूर होते हैं.

अंजीर

सूखे अंजीर कैल्शियम, एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर का समृद्ध स्रोत माने जाते हैं. वे किसी भी अन्य सूखे मेवों की तुलना में अधिक कैल्शियम (आरडीआई का लगभग 5%) प्रदान करते हैं. इसमें विटामिन और पोटेशियम भी होता है और यह मजबूत हड्डियों के लिए ज़रूरी होता है.

इसके अलावा, अंजीर में लीवर की रक्षा करने वाले और ग्लूकोज कम करने वाले गुण होते हैं और यह पाचन तंत्र की भी रक्षा करता है.

सोया दूध स्वादिष्ट और कैल्शियम से भरा  

(फ़ोटो: iStockphoto)

सोया दूध

सोया दूध कैल्शियम और विटामिन डी जैसे पोषक तत्वों से भरा होता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. कैल्शियम ऑस्टियोपोरोसिस या लो बोन मास को भी रोकता है और इस प्रकार फ्रैक्चर को रोकता है. यूएस एनआईएच के अनुसार, एक कप बिना चीनी वाला सोया दूध में 6 ग्राम प्रोटीन, 324 मिलीग्राम कैल्शियम और 6 ग्राम कार्ब्स होते हैं. कैल्शियम मेनोपॉज़ के बाद के वर्षों में हड्डियों के घनत्व को कम होने से रोकता है और पोस्ट मेनोपॉज़ सिंड्रोम रोकता है.

मीठे आलू

एक बड़े मीठे आलू में 68 मिलीग्राम कैल्शियम, पोटेशियम, विटामिन सी और विटामिन ए जैसे अन्य पोषक तत्व होते हैं,

मीठे आलू में अधिक फाइबर होता है, जो पेट में अच्छे जीवाणुओं के विकास को बढ़ावा देता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है.

भिंडी (ओकरा)

यूएस एनआईएच के अनुसार, एक कप भिंडी में 175 ग्राम कैल्शियम होता है. यह अत्यधिक पौष्टिक और लोकप्रिय होता है क्योंकि इसके पत्ते, बीज, कली, स्टेम और फूल जैसे कई भागों का उपयोग खाने मे किया जाता है.

आहार, जिनमें भिंडी होती है, कई स्वास्थ्य समस्याओं से रक्षा करती है जैसे मोटापा, हृदय रोग, डाइअबीटीज़, शरीर में विषाक्त पदार्थों का संचय, कैंसर आदि.

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