चीन में फैले न्यूमोनिया के नए वायरस नोवेल कोरोनावायरस (nCOV) के मद्देनजर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है.
बता दें कि चीन में इस नए वायरस से संक्रमण के 41 मामले सामने आए हैं, वहीं दो व्यक्तियों की मौत हो चुकी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के मुताबिक नोवेल कोरोना वायरस (nCOV) की गहन समीक्षा की जा रही है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली, मुंबई और कोलकाता एयरपोर्ट पर चीन से आने वाले अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की एहतियातन थर्मल स्कैनर के जरिए जांच करने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में विमानों में भी घोषणाएं की जा रही हैं.
चीन जाने वाले और वहां से आने वाले यात्रियों के लिए परामर्श जारी किया गया है.
चीन की यात्रा करने वालों के लिए परामर्श:
- साफ-सफाई का ख्याल रखें
- साबुन से हाथ धोएं
- छींकते या खांसते वक्त अपना मुंह कवर करें
- सर्दी, जुकाम से पीड़ित लोगों के नजदीकी संपर्क से बचें
- जानवरों के संपर्क से बचें और कच्चे या अधपके मांस न खाएं
- खेतों, पशुओं के बाजारों या जहां बूचड़खाने हों वहां की यात्रा करने से बचें
- अगर आपकों को सांस से जुड़ी कोई दिक्कत है, तो मास्क जरूर पहनें
चीन और वहां खासकर वुहान जाने वाले लोग अपनी सेहत पर ध्यान दें.
अगर तबीयत खराब लगे, बुखार और खांसी हो:
- छींकते और खांसते वक्त अपना मुंह जरूर कवर करें
- तबीयत ठीक न हो तो घूमने न निकलें
- तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट लें
भारत लौटते वक्त अगर फ्लाइट में तबीयत ठीक नहीं लग रही हो:
- अपनी बीमारी की सूचना क्रू मेंबर्स को दें
- उनसे मास्क की मांग करें
- दूसरे लोगों के ज्यादा नजदीक न जाएं
अगर एयरपोर्ट पर तबीयत ठीक न लगे:
- एयरपोर्ट हेल्थ अथॉरिटीज को इसकी सूचना दें
- एयरपोर्ट हेल्थ ऑफिसर के निर्देशों का पालन करें
चीन से लौटने के 1 महीने के अंदर अगर आपकी तबीयत खराब हो:
- डॉक्टर को अपनी यात्रा की सूचना जरूर दें
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की प्राथमिक जांच से मिली जानकारी के मुताबिक, यह वायरस सी-फूड से जुड़ा है. हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये इंसानों में कैसे फैल रहा है.
ये वायरस साधारण सर्दी-जुकाम से लेकर सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) का कारण बन सकता है.
इस वायरस से संक्रमित होने के कुछ सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ शामिल है.
इसके गंभीर मामलों में न्यूमोनिया, सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, किडनी फेल और यहां तक कि मौत भी हो सकती है.
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