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पीठ, करवट या पेट के बल? जानिए क्या है सोने का सही तरीका

हम कितना सोते हैं, इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि हम किस तरीके से सोते हैं.

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क्या 8 से 9 घंटे की नींद लेने के बाद भी सुबह उठने पर आपको कहीं न कहीं दर्द रहता है? खर्राटे या नींद में सांस की तकलीफ होती है? सीने में जलन होती है? क्या बहुत बुरे सपने देखते हैं? इसकी वजह आपके सोने का तरीका हो सकता है. ध्यान दिया है कभी कि आपको पेट के बल सोना पसंद है या पीठ के बल.

एक अच्छी और गहरी नींद आपकी सेहत के लिए काफी अहम है. हम कितना सोते हैं, इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि हम किस तरीके से सोते हैं. जी हां, गलत तरीके से सोना भी आपकी कई परेशानियों की वजह हो सकता है.

सोने के कई पोजिशन हैं और इन सभी के अपने फायदे और नुकसान हैं.

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एक्सपर्ट कहते हैं कि जब सोते वक्त कमर और शरीर के बाकी अंग सही पोजिशन में नहीं होते, तब नस दबने, हड्डी खिसकने, स्लिप डिस्क, दर्द और भी कई दिक्कतें होने की आशंका रहती है.

1. पीठ के बल सोना

हम कितना सोते हैं, इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि हम किस तरीके से सोते हैं.
कुछ स्टडीज मानती हैं कि पीठ के बल सोने से चेहरे पर झुर्रियां जल्दी नहीं पड़तीं.
(फोटो: iStock)

इस पोजिशन में सोते वक्त आपकी बॉडी के नैचुरल कर्व को गद्दे से सपोर्ट मिलता है. आपके वजन का बल पूरे शरीर पर एक समान पड़ता है और सिर, गर्दन, रीढ़ एक सीध में रहते हैं.

चेहरे पर झुर्रियों की चिंता खाई जाती है?

कुछ स्टडीज मानती हैं कि पीठ के बल सोने से चेहरे पर झुर्रियां जल्दी नहीं पड़तीं.

इसके साथ ही सोने का ये तरीका एसिड रिफ्लक्स का रिस्क घटाने में भी कारगर है क्योंकि ग्रैविटी के कारण फूड और एसिड का खाने की नली तक आने से बचाव होता है.

पीठ के बल सोने से कब हो सकती है परेशानी?

पीठ के बल सोने से खर्राटे और नींद के दौरान सांस लेने में परेशानी बढ़ सकती है. साथ ही लोअर बैक पेन भी हो सकता है.

इस बात का रखें ख्याल?

हम कितना सोते हैं, इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि हम किस तरीके से सोते हैं.

ध्यान रहे कि आपके रीढ़ का नैचुरल कर्व डिस्टर्ब न हो. कोशिश करें कि आप बिना तकिया लगाए सोएं या घुटनों के नीचे तकिए का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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2. करवट लेकर सोना

हम कितना सोते हैं, इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि हम किस तरीके से सोते हैं.
करवट लेकर सोने से अल्जाइमर और पार्किंसन्स जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियां होने का खतरा भी घट सकता है.
(फोटो: iStock)

हममें से ज्यादातर लोग करवट लेकर सोना पसंद करते हैं और विशेषज्ञों के मुताबिक सोने का ये तरीका सेहत के लिहाज से भी बेहतर होता है.

करवट लेकर सोने वाले लोगों को खर्राटे और नींद के दौरान सांस लेने में तकलीफ की दिक्कतें, बैक और नेक पेन का खतरा, उन लोगों के मुकाबले कम होता है, जो पीठ के बल सोते हैं.

एक स्टडी के मुताबिक करवट लेकर सोने से अल्जाइमर और पार्किंसन्स जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियां होने का खतरा भी घट सकता है.

प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सोने का सही तरीका

हम कितना सोते हैं, इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि हम किस तरीके से सोते हैं.

प्रेग्नेंट महिलाओं को खासकर करवट लेकर सोने की सलाह दी जाती है. अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को बायीं करवट लेकर सोने की सलाह देता है.

प्रेग्नेंसी के दौरान बायीं करवट सोने से प्लेसेंटा की ओर ब्लड और पोषक तत्वों का फ्लो बढ़ता है.

वहीं पीठ के बल सोने से प्रेग्नेंट महिलाओं को बैक पेन, सांस लेने में समस्या और सीने में जलन हो सकती है.

इस बात का रखें ख्याल?

हम कितना सोते हैं, इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि हम किस तरीके से सोते हैं.
करवट लेकर सोते वक्त ध्यान रखें कि एक घुटना दूसरे घुटने के ऊपर हो, सोते वक्त कमर टेढ़ी न हो जाए, हाथ भी ठीक तरीके से हों.

तकिया इस्तेमाल करें, जो आपके कंधे, सिर और गर्दन के बीच बची जगह को भर सके ताकि गर्दन नीचे न लटके. आप पतले से दो तकिए अपनी कमर और घुटनों के बीच इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि पीठ दर्द होने का खतरा कम हो सके.

कई योग एक्सपर्ट के मुताबिक जिन लोगों को सर्दी बहुत लगती है या फिर जिनकी कफ प्रकृति होती है, उन्हें बायीं करवट सोने की सलाह दी जाती है. बायीं करवट सोने पर दायां स्वर (सांस) चलता है, दायां स्वर चलने से पाचन अच्छा होता है. वहीं जिनका ब्लड प्रेशर हाई रहता है, गुस्सा बहुत आता है, उन्हें दायीं करवट सोने को कहा जाता है. दायीं करवट सोने पर बायां स्वर चलता है. इससे शरीर में ठंडक बढ़ती है. 
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3. पेट के बल सोना

हम कितना सोते हैं, इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि हम किस तरीके से सोते हैं.
पेट के बल सोने की सलाह नहीं दी जाती है
(फोटो: iStock)

कुछ लोगों को पेट के बल सोना पसंद होता है. हालांकि पेट के बल सोने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे रीढ़ के नैचुरल कर्व को कोई सपोर्ट नहीं मिलता, साथ ही इससे जोड़ों, मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और गर्दन-पीठ का दर्द होने की आशंका रहती है.

हालांकि पेट के बल सोने वाले लोगों को खर्राटे उनकी तुलना में कम आते हैं, जो पीठ के बल सोते हैं.

इस बात रखें ख्याल

अगल आपको पेट के बल सोए बगैर नींद ही नहीं आती, तो आपको मुलायम तकिए का इस्तेमाल करना चाहिए या बगैर तकिए के सोना चाहिए ताकि आपकी गर्दन ठीक तरीके से रहे.

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