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रेटिना की बीमारी वाले बुजुर्ग कैसे रखें खयाल, ये हैं 7 टिप्स

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अनलॉक के दौरान भी बुजुर्गों को और खासकर जो ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हार्ट की किसी बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें घर पर ही रहने की सलाह दी जा रही है.

ऐसे में उन बुजुर्गों को समस्या हो सकती है, जिन्‍हें आंखों की कोई समस्‍या है. यही नहीं, उन्हें इस बात का भी डर है कि अगर इलाज में कोई देरी हुई, तो उनके आंखों की रोशनी जा सकती है और इस बात की भी चिंता सता रही है कि घर से बाहर निकलने पर वे कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं.

बुजुर्ग लोगों में नेत्रहीनता का एक प्रमुख कारण एज-रिलेटेड मैक्युलर डीजनरेशन (AMD) है, जो रेटिना की एक बीमारी है. मैक्युला (रेटिना का मध्य भाग) हमारी आंखों की सीध में सामने आने वाली चीजों को देखने में मदद करता है और AMD की बीमारी में मैक्युला में रक्त नलिकाएं असामान्य रूप से विकसित हो जाती हैं, जिससे दिखाई देने में समस्या आती है.

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एक अनुमान के मुताबिक साल 2040 तक भारत में AMD के रोगियों की संख्या 28.8 करोड़ तक हो सकती है.

दृष्टि में खराबी के साथ जी रहे बुजुर्गों में सामान्य रोगियों की तुलना में डिप्रेशन होने का खतरा बहुत अधिक होता है.

AMD के लगभग एक तिहाई रोगियों में डिप्रेशन पाया गया है, जो सामान्य दृष्टि वाले बुजुर्गों के जीवनकाल की तुलना में दोगुना है. AMD के रोगियों को दुर्घटना से गिरने और चोटिल होने का जोखिम भी बहुत अधिक होता है.

यहां कुछ उपाय दिए जा रहे हैं, जिन्हें अपनाने से AMD के रोगी और उनकी देखभाल करने वाले स्थिति को बेहतर बना सकते हैं:

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  • अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें: हाल ही में ऑल इंडिया ऑफ्थैल्मोलॉजिकल सोसायटी (AIOS) ने AMD के रोगियों के लिए इंजेक्शंस के सम्बंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिनसे चूकना नहीं चाहिए. एंटी-वीईजीएफ इंजेक्शंस वाले रोगियों को इंजेक्शन लेने के लिए डॉक्टर के पास जाना पड़ सकता है, इसलिए रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों से अपॉइंटमेन्ट निर्धारित करने के लिए डॉक्टर से पूछने और टेली-कंसल्टेशन के माध्यम से लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहने का अनुरोध किया जाता है.

  • बुजुर्गों के प्रति संवेदना रखें: आपके बुजुर्ग परिजन इस कठिन दौर में शारीरिक और मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं. अगर आप उनसे अलग रहते हैं, तो फोन कॉल के जरिए उनके संपर्क में रहें. अगर आप उनके साथ रहते हैं, तो उन्हें विभिन्न गतिविधियों में शामिल करें और उनके साथ उसमें भाग लें. संगीत और ऑडियो बुक्स सुनें, ध्यान करें और बोर्ड गेम्स खेलें.

  • एम्सलर ग्रिड का उपयोग कर लक्षणों पर नजर रखें: एम्सलर ग्रिड का उपयोग कर एएमडी के रोगी रोजाना अपनी दृष्टि की जांच कर सकते हैं. यह ग्रिड दृष्टि के असामान्य बदलावों का परीक्षण करने में आपकी मदद करती है. अगर आपको ग्रिड में रेखाएं लहरदार, टूटी हुईं या धुंधली दिखें, तो तुरंत अपने रेटिनोलॉजिस्ट से संपर्क करें.

  • अपने घर से खतरे वाली चीजें हटा दें: घर में जहां आप चलते हैं और काम करते हैं, वहां की सभी असुरक्षित चीजों को अपने परिवार के युवा सदस्यों या पड़ोसियों की मदद से हटा दें. इससे खराब दृष्टि के कारण दुर्घटना से गिरने का जोखिम कम होगा.

  • हेल्‍दी डाइट लें और सही दवाएं लेते रहें: परिवार के सदस्यों को इस बात का पूरा ध्‍यान रखना चाहिए कि AMD के रोगियों का रूटीन वही रहे, जो पहले था. ध्‍यान रखें कि वे हेल्‍दी डाइट लें, जीवनशैली में कोई बड़ा बदलाव न करें और दवाएं, ट्रीटमेंट लेते रहें.

  • अपने घर में रोशनी की बेहतर व्‍यवस्‍था करें: इसके लिए दिन के समय खिड़कियों को खुला रखा जा सकता है और रात के समय ज्यादा लाइट्स और लैम्पों को चालू करके रखा जा सकता है. सोते समय भी, कुछ लाइट्स को ऑन रखें, ताकि अगर आप रात में उठें, तो किसी चीज से न टकराएं.

  • पड़ोसियों से मदद लें: अगर आप अकेले या अपने बुजुर्ग पति/पत्नी के साथ रहते हैं, तो किराना और दवाओं के लिए पड़ोसियों की मदद लेने में संकोच न करें. इमरजेंसी होने पर उनसे सहायता लें और इमरजेंसी नंबर्स की पूरी जानकारी अपने पास रखें, जैसे एम्बुलेंस, नजदीकी अस्पताल, पुलिस स्टेशन.

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