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कोरोना रोगियों में किडनी खराब होने का जोखिम ज्यादा: स्टडी

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Health News
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कोविड-19 संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों की किडनी खराब होने या 'डैमेज' होने का खतरा ज्यादा हो सकता है. ये बात एक स्टडी में सामने आई है.

स्टडी का निष्कर्ष जर्नल ऑफ द अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी में दिया गया है. इसके मुताबिक कोविड-19 रोगियों में soluble urokinase रिसेप्टर (suPAR) का स्तर बढ़ता है, जो एक प्रतिरक्षा पैदा करने वाला प्रोटीन है और किडनी के डैमेज होने का कारण बनता है.

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इस स्टडी के ऑथर और अमेरिका में मिशिगन यूनिवर्सिटी के जोचन रेसर ने कहा, "यह रिसेप्टर (SuPAR) एक ऐसा कारक है, जो हजारों रोगियों के किडनी को डैमेज करने का कारण बनता है. HIV और SARS-CoV-2 (कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस) जैसे आरएनए वायरस के कारण खून में इस रिसेप्टर का स्तर बढ़ने लगता है. अगर यह प्रक्रिया हाइपरइन्फ्लेमेटरी होती है, तो किडनी की कोशिकाओं को नुकसान हो सकता है."

स्टडी के निष्कर्ष बताते हैं कि कोविड-19 के एक तिहाई से अधिक रोगियों को डायलिसिस की जरूरत पड़ी.

इस स्टडी में 352 प्रतिभागियों में इस रिसेप्टर के स्तर का परीक्षण किया गया, जिन्हें कोविड-19 संक्रमण के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इनमें से एक चौथाई रोगियों की किडनी तेजी से डैमेज हुई. ऐसे में रिसेप्टर के ऊंचे स्तर ने रोगियों में डायलिसिस की जरूरत को 20 गुना बढ़ा दिया था.

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कुल मिलाकर, अस्पताल में भर्ती गंभीर कोविड-19 रोगियों में रिसेप्टर का स्तर औसत दर्जे के स्वस्थ लोगों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक था.

रिसर्चर्स ने कहा, "निश्चित रूप से अस्पताल में भर्ती ऐसे मरीजों में रिसेप्टर का स्तर एक अहम जोखिम है, जो मरीज के किडनी डैमेज से सीधा जुड़ा है."

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