इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को अमेरिका में आपातकालीन इस्तेमाल (इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन- EUA) की मंजूरी नहीं दी गई है.
अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने अतिरिक्त क्लीनिकल ट्रायल डेटा मांगा है. ऐसे में कोवैक्सीन को अमेरिका में मंजूरी मिलने में और वक्त लग सकता है.
भारत बायोटेक ने फेज 3 ट्रायल मार्च 2021 में पूरा कर लिया है, लेकिन फेज 3 का पूरा डेटा रिलीज किया जाना बाकी है.
ये वैक्सीन जनवरी 2021 में शुरू हुए भारत के टीकाकरण अभियान का हिस्सा है और यहां लाखों लोगों को दी जा चुकी है.
कंपनी ने हाल ही में कहा है कि वो जुलाई तक भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) को फुल ट्रायल डेटा जारी करेगी, इसके बाद इसे मेडिकल जर्नल में पब्लिश किया जाएगा.
भारत बायोटेक का क्या कहना है?
कंपनी ने एक विज्ञप्ति में दावा किया कि अमेरिकी FDA ने पहले ही सूचित किया था कि चूंकि एक महत्वपूर्ण आबादी को टीका लग चुका है, इसलिए कोविड के नए टीकों को इमरजेंसी यूज की मंजूरी नहीं दी जाएगी.
इसमें आगे कहा गया है, "हमारे यूएस पार्टनर, Ocugen को COVAXIN के लिए बायोलॉजिक्स लाइसेंस एप्लिकेशन (BLA) की सलाह दी गई है."
बायोलॉजिक्स लाइसेंस एप्लिकेशन FDA की "पूर्ण मंजूरी" वाली व्यवस्था है, जिसके तहत दवाइओं और वैक्सीन को मंजूरी दी जाती है.
इसमें प्रीक्लीनिकल और क्लीनिकल डेटा, सूचना, साथ ही निर्माण प्रक्रिया का पूरा विवरण शामिल होता है.
आमतौर पर वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां BLA के लिए ही अप्लाई करती हैं, लेकिन पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी में इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन के लिए अप्लाई किया जा सकता है.
FDA ने Ocugen को इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन की बजाए बायोलॉजिक्स लाइसेंस एप्लिकेंशन (BLA) सबमिट करने के लिए कहा है. इसके अलावा अधिक जानकारी और डेटा देने की सिफारिश की गई है.
ANI को दी गई इसके पहले एक रिपोर्ट में, भारत बायोटेक ने कहा था कि वह जुलाई में फेज 3 डेटा जारी करने के बाद पूर्ण मंजूरी के लिए आवेदन करेगी. भारत बायोटेक ने यह भी कहा था कि वह फेज-4 ट्रायल करेगी ताकि लोगों पर इसके असर की जांच हो सके.
ट्रायल के शुरुआती डेटा क्या बताते हैं?
21 अप्रैल को, भारत बायोटेक ने घोषणा करी कि उनकी COVID वैक्सीन, Covaxin, को दूसरे अंतरिम ट्रायल के परिणाम में 78 प्रतिशत की प्रभावकारिता मिली है.
इससे पहले मार्च में फेज 3 ट्रायल के पहले अंतरिम नतीजे में वैक्सीन को COVID को रोकने में 81 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था.
वहीं गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के खिलाफ कोवैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी पाई गई.
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