अगर किसी कोरोना पॉजिटिव मरीज में कोरोना वायरस डिजीज-2019 (COVID-19) के बहुत हल्के लक्षण हैं, तो ऐसे लोगों को घर पर ही आइसोलेशन की मंजूरी होगी. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से 27 अप्रैल को इसे लेकर गाइडलाइन जारी की गई है.
अब तक कोरोना के हर पॉजिटिव शख्स को कोविड केयर सेंटर या कोविड के हॉस्पिटल सेटिंग में रखा जा रहा था. लेकिन अब अगर किसी पॉजिटिव शख्स, जिसमें COVID-19 के बहुत हल्के लक्षण हैं, तो उसके पास खुद को घर पर ही आइसोलेट होने का विकल्प होगा. इसके लिए कुछ नियम और शर्ते हैं.
COVID-19 के किन मरीजों के लिए है होम आइसोलेशन का विकल्प?
- जिन लोगों को मेडिकल ऑफिसर की ओर से बहुत हल्के लक्षण वाला केस बताया गया हो.
- ऐसे मामलों में हल्के लक्षण वाले मरीज के घर पर सेल्फ-आइसोलेशन की जरूरी सुविधा होनी चाहिए.
- देखभाल के लिए हर वक्त एक केयर गिवर मौजूद होना चाहिए, होम आइसोलेशन के दौरान केयर गिवर का हॉस्पिटल से संपर्क की व्यवस्था होनी चाहिए.
- देखभाल करने वाले और ऐसे मामलों के सभी करीबी संपर्कों को प्रोटोकॉल के अनुसार और चिकित्सा अधिकारी द्वारा निर्धारित हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफिलैक्सिस लेना चाहिए.
- ऐसे लोगों को मोबाइल पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा और इसे पूरे समय एक्टिव रखना होगा.
- पेशेंट को अपनी हेल्थ मॉनिटर करने और नियमित तौर पर इसकी जानकारी जिला निगरानी अधिकारी को देने के लिए राजी होना होगा.
- पेशेंट को सेल्फ-आइसोलेशन का फॉर्म भरना होगा और होम क्वॉरन्टीन की गाइडलाइन फॉलो करनी होगी.
कब लेनी होगी मेडिकल मदद?
किसी भी तरह के गंभीर लक्षण नजर आने पर तुरंत मेडिकल मदद लेनी होगी:
- सांस लेने में तकलीफ
- सीने में दर्द या दबाव
- मेंटल कन्फ्यूजन
- होंठ / चेहरे का नीला पड़ना
उन संकेतों का भी ख्याल रखना होगा, जो मे़डिकल ऑफिसर ने बताए हों.
होम आइसोलेशन से कब होगी छुट्टी?
अगर सभी लक्षण क्लीनिकली ठीक हो गए हों और लैब टेस्टिंग के बाद मेडिकल ऑफिसर की ओर से इन्फेक्शन फ्री होने का सर्टिफिकेट दे दिया गया हो.
घर पर कोरोना पॉजिटिव की देखभाल कर रहे लोगों के लिए निर्देश
- मास्क- बीमार इंसान के कमरे में ट्रिपल लेयर वाले मेडिकल मास्क पहनें. इस्तेमाल के दौरान मास्क के आगे का हिस्सा न छूएं. अगर मास्क सीक्रिशन से गंदा या गीला हो जाए तो तुरंत बदलें. इस्तेमाल के बाद मास्क डिस्पोज करें और अपने हाथ साफ करें.
- ऐसे लोग अपनी आंख, नाक या मुंह छूने से बचें.
- बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद हाथ जरूर साफ करें.
- खाना बनाने के पहले और बाद में, खाने के पहले, टॉयलेट यूज करने के बाद और जब भी हाथ गंदे लगें, उसे साफ जरूर करें. कम से कम 40 सेकेंड तक साबुन और पानी से हाथ धोएं. अगर हाथ सीधे तौर पर गंदे नहीं दिख रहे हैं, तो एल्कोहल बेस्ड हैंड रब का इस्तेमाल किया जा सकता है.
- साबुन और पानी से हाथ धोने के बाद उन्हें सुखाने के लिए डिस्पोजेबल पेपर टॉवल का इस्तेमाल करें. अगर वो न हो, तो साफ तौलिए का इस्तेमाल करें.
- मरीज के बॉडी फ्लूइड के डायरेक्ट कॉन्टैक्ट से बचें, खासकर मुंह या सांस के रास्ते निकलने वाले फ्लूइड से. पेशेंट को हैंडल करते वक्त डिस्पोजेबल ग्लव्स का इस्तेमाल करें. ग्लव्स पहनने से पहले और निकालने के बाद हाथ साफ करें.
- मरीजों के आसपास उन चीजों के एक्सपोजर से बचें, जिनसे संक्रमण फैलने की आशंका हो.
- मरीज को उसके कमरे तक खाना पहुंचाया जाना चाहिए.
- मरीज द्वारा प्रयोग किए बर्तन को ग्लव्स पहन कर साबुन और पानी से साफ किया जाना चाहिए. ग्लव्स निकालने के बाद अपने हाथ साफ करें.
- मरीज की देखभाल करने वाले और दूसरे करीबी संपर्कों को अपनी सेहत पर ध्यान देना होगा, टेंपरेचर पर नजर रखनी होगी और कोई भी लक्षण सामने पर उसकी रिपोर्ट करनी होगी.
होम आइसोलेशन के दौरान मरीज के लिए निर्देश
- मरीज को ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का यूज करना चाहिए. मास्क गंदा होने या प्रयोग के 8 घंटे बाद बदला जाना चाहिए.
- यूज किया गया मास्क 1% सोडियम हाइपो-क्लोराइट से डिसइन्फेक्ट करने के बाद ही फेंका जाना चाहिए.
- मरीज को एक निश्चित कमरे में और दूसरे लोगों से दूर रहना है, खासकर ऐसे लोगों से दूर रहना है, जो हाइपरटेंशन, दिल या किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं.
- मरीज को आराम करने के साथ अपनी हाइड्रेशन का ख्याल रखना चाहिए.
- रेस्पिरेटरी हाइजीन का हमेशा पालन करना चाहिए.
- साबुन और पानी से हाथ धोना चाहिए.
- अपनी चीजें दूसरों के साथ शेयर न करें.
- डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें और अपनी हेल्थ पर नजर रखें.
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