इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक दुनिया में भारत पांचवां देश है, जिसने नोवल कोरोनावायरस को आइसोलेट किया है.
'वायरस आइसोलेट' करने का मतलब है कि संक्रमित शख्स के सैंपल में से वायरस की पहचान कर प्योर वायरल सैंपल प्राप्त करना. ये महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि वैक्सीन के विकास में ये पहला कदम होता है.
शुक्रवार, 13 मार्च को एक प्रेस ब्रीफिंग में ICMR की ओर से बताया गया कि वायरस आइसोलेट करने के लिए पॉजिटिव पेशेंट की जरूरत होती है.
डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च, भारत सरकार के सचिव और ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि कम सैंपल के साथ भी ICMR के वैज्ञानिकों ने ये कर दिखाया.
कुल 20 आइसोलेट तैयार हैं, जो 99.9% वुहान वायरस के समान हैं.
नोवल कोरोनावायरस को लेकर भारत की तैयारियों की चर्चा करते हुए बताया गया कि भारत अपनी टेस्टिंग क्षमता बढ़ा रहा है. अभी 65 लैबों में प्राइमरी टेस्टिंग की सुविधा है.
बीमारी के चरणों के बारे में बताया गया कि वर्तमान में भारत इसके दूसरे चरण में है, जहां स्थानीय प्रसारण यानी लोकल ट्रांसमिशन होता है. अगला चरण कम्यूनिटी ट्रांसमिशन का होता है और इसके बाद बीमारी का बड़े पैमाने पर फैलना यानी EPIDEMIC की स्टेज आती है. जब बीमारी बड़े पैमाने पर फैलती है, तो शहरों को बंद किया जाता है, जैसा कि इटली और चीन में किया गया.
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