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भारत के लिए क्यों ज्यादा खास हैं ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के अंतरिम नतीजे

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Health News
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ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन फेज 3 ट्रायल के अंतरिम विश्लेषण में 70.4 प्रतिशत कारगर पाई गई है.

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कैंडिडेट AZD1222 की 70% प्रभावकारिता दो तरीके की डोजिंग के नतीजे को मिलाकर निकाली गई है, डोजिंग के एक तरीके में वैक्सीन 90% और दूसरी में 62% असरदार रही.
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यूके और ब्राजील में 20 से अधिक पार्टिसिपेंट्स के साथ तीसरे फेज का ट्रायल चल रहा है.

131 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद जो एनालिसिस हुई है, उसमें 30 लोग वैक्सीन ग्रुप में और बाकी 101 लोग प्लेसिबो ग्रुप में थे.

वैक्सीन की दो फुल डोज लेने वालों में 62% सुरक्षा और वैक्सीन की पहले हाफ और बाद में एक फुल डोज लेने वालों में 90% सुरक्षा देखी गई.

इस तरह ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की प्रभावकारिता Pfizer (95%) और Moderna (94.5%) की वैक्सीन से कम है, लेकिन ऑक्सफोर्ड वैक्सीन इन दोनों वैक्सीन के मुकाबले सस्ती और डिस्ट्रिब्यूशन में आसान होगी.

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ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन भारत के लिए सबसे बेहतर विकल्प क्यों हो सकती है?

ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के प्रोडक्शन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से भी डील हुई है और SII ने कहा है कि वो इसकी आधी वैक्सीन डोज देश के लिए रखेगा.

भारत में ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन 'कोविशील्ड' नाम से है, SII इसके तीसरे फेज का ट्रायल करा रहा है.

ICMR और सीरम इंस्टीट्यूट के मुताबिक कोविशील्ड भारत में ह्यूमन ट्रायल में अब तक का सबसे बेहतर टीका साबित हुआ है.
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विशेषज्ञ पहले ही ये संकेत दे चुके हैं कि भारत अपनी वैक्सीन की जरूरतों के लिए ऑक्सफोर्ड, नोवावैक्स और जॉनसन एंड जॉनसन पर निर्भर करेगा.

वैक्सीन के रख-रखाव के लिए जरूरी तापमान की आवश्यकता के मद्देनजर भी Pfizer जैसी वैक्सीन के भारत में उपलब्ध होने की संभावना कम है.

ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से भारत को ज्यादा उम्मीद आसान सप्लाई चेन और कंपनी की 'नो-प्रॉफिट' संकल्प के कारण भी है.

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भारत में कब से मिल सकती है ये वैक्सीन?

सीरम इंस्टीट्यूट और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने 12 नवंबर को जानकारी दी थी कि कोरोना वायरस वैक्सीन कोविशील्ड के तीसरे फेज के ट्रायल के लिए इनरोलमेंट का काम पूरा कर लिया गया है. ट्रायल में हिस्सा लेने वाले सभी 1,600 प्रतिभागियों का नामांकन 31 अक्टूबर, 2020 को पूरा हो गया था.

हाल में एक मीडिया सम्मेलन में बात करते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन अगले साल फरवरी तक स्वास्थ्य कर्मियों और बुजुर्गों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी और आम नागरिकों तक यह अप्रैल से मिलनी शुरू हो जाएगी.

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