अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) और जर्मन ड्रग कंपनी बायोएनटेक (BioNTech) का दावा है कि दोनों कंपनियां साथ मिल कर जिस कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही हैं, वो ह्यूमन ट्रायल के तीसरे फेज के शुरुआती नतीजों में 90 प्रतिशत से ज्यादा कारगर पाई गई है.
कंपनी के मुताबिक वैक्सीन वायरस के संक्रमण से बचाने में 90% से ज्यादा असरदार रही.
लाइवसाइंस की रिपोर्ट के मुताबिक इस वैक्सीन का फेज 3 क्लीनिकल ट्रायल जुलाई के आखिर में शुरू हुआ था. इस ट्रायल में शामिल जिन 94 पार्टिसिपेंट्स को कोरोना हुआ, उनके शुरुआती विश्लेषण से पता चला है कि वैक्सीन की दो डोज लेने वालों में से 10% से कम पार्टिसिपेंट्स को कोरोना हुआ.
इसका मतलब है कि कोरोना से वो लोग संक्रमित हुए (90 प्रतिशत से ज्यादा) जिन्हें ये वैक्सीन नहीं दी गई थी.
हालांकि 90% असर वाली बात कंपनी के प्रेस रिलीज में कही गई है और अभी ट्रायल का डेटा जारी नहीं किया गया है, न ही किसी मेडिकल जर्नल में पब्लिश किया गया है.
अभी फेज 3 ट्रायल जारी है, इसलिए कंपनी के मुताबिक असर का प्रतिशत बदल सकता है.
बता दें कि अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक उस वैक्सीन को मंजूरी दी जा सकती है, जो कम से कम 50% असरदार हो.
वैक्सीन के फेज 3 ट्रायल में 43,538 पार्टिसिपेंट्स इनरोल हो चुके हैं. ट्रायल अमेरिका, अर्जेंटीना, तुर्की, ब्राजील, जर्मनी और दक्षिण अफ्रीका में चल रहा है.
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