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यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन: जानकारी की कमी और अफवाहों का जाल

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देश में हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन लगाने का काम हो रहा है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है. यूपी में अब तक 4 टीकाकरण कार्यक्रम चलाए गए हैं.

इन टीकाकरण कार्यक्रमों के आंकड़ों को देखें तो यूपी में करीब 30% स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज नहीं लगवाई है.

यूपी में 16, 22, 28 और 29 जनवरी को कोरोना वैक्‍सीन लगाई गई. इन 4 द‍िनों में करीब 6.71 लाख स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को वैक्‍सीन लगाने का लक्ष्‍य रखा गया, जिनमें से करीब 4.63 लाख स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों ने वैक्‍सीन लगवाई, करीब 69%. यानी 30% से ज्‍यादा स्‍वास्‍थ्‍य‍कर्मियों ने वैक्‍सीन नहीं लगवाई.

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इतनी बड़ी संख्‍या में स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों के वैक्‍सीन न लगवाने के पीछे क्‍या वजह हो सकती है? इसका जवाब देते हुए नियमित टीकाकरण के महाप्रबंधक मनोज शुक्‍ला ने फ‍िट से बताया, "इसके पीछे 3 मुख्‍य वजह हैं. पहली ये कि वैक्‍सीन को लेकर लोगों में संशय है, इसल‍िए बहुत से लोग अभी नहीं लगवा रहे. दूसरा ये कि कोव‍िन(Co-Win) पोर्टल से कई लोगों को मैसेज टाइम पर नहीं जा रहे. तीसरी और सबसे बड़ी वजह है कि मेड‍िकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज या फार्मासिस्‍ट के छात्र घर पर हैं या उनकी परीक्षाएं चल रही हैं. वैक्‍सीन न लगवाने वालों का ये ग्रुप सबसे बड़ा है."

मनोज शुक्‍ला के मुताबिक, ज‍िन स्‍वाथ्‍यकर्मियों ने वैक्‍सीन नहीं लगवाई है या किसी कारण छूट गए हैं, ऐसे लोगों के ल‍िए 15 फरवरी को टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जाएगा.
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यूपी में नियमित टीकाकरण के महाप्रबंधक मनोज शुक्‍ला

यूपी में स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को अभी कोरोना वैक्‍सीन की पहली डोज लगाई जा रही है. स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को वैक्‍सीन की पहली डोज लगाने का काम 5 फरवरी तक चलेगा. इसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्‍सीन लगाने का काम शुरू हो जाएगा.

यूपी के चिकित्‍सा और स्‍वास्‍थ्‍य के अपर मुख्‍य सच‍िव अम‍ित मोहन प्रसाद के मुताब‍िक, स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्‍सीन की दोनों डोज 25 मार्च 2021 तक लगा दी जाएगी.

जानकारी की कमी और अफवाहों का जाल

हालांकि, बड़ी संख्‍या में स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी वैक्‍सीन की पहली ही डोज नहीं लगवा रहे हैं. लखनऊ के लोकबंधु अस्‍पताल के डॉ. रूपेंद्र कुमार के मुताबिक वैक्‍सीन को लेकर जानकारी की कमी और अफवाहों की वजह से लोग वैक्‍सीन लगवाने से कतरा रहे हैं.

डॉ. रूपेंद्र कहते हैं,

“वैक्‍सीन को लेकर लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने का काम बहुत कम हुआ है. यही कारण है कि अफवाहें ज्‍यादा फैल रही हैं. वैक्‍सीन बहुत कम लोगों को लगी है, लेकिन जो जैसा पा रहा है वैसा बता रहा है. 100 में से एक आदमी को भी द‍िक्‍कत हुई तो वो बात तेजी से फैल रही है और लोग डर जा रहे हैं.”
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कोरोना की वैक्‍सीन लगवाते डॉ. रूपेंद्र कुमार

डॉ. रूपेंद्र इस बात पर जोर देते हैं कि वैक्‍सीन लगवाने वाले ज्‍यादातर लोग ठीक हैं, ऐसे में वैक्‍सीन से कतराने की जरूरत नहीं है. डॉ. रूपेंद्र की बात को वैक्‍सीनेशन के आंकड़ों से भी बल मिलता है. 27 जनवरी की पीआईबी की प्रेस रिलीज के मुताबिक, 27 जनवरी तक देश में 23 लाख लोगों को वैक्‍सीन लगाई गई. इसमें से सिर्फ 16 लोगों को अस्‍पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी है. वहीं, टीकाकरण के बाद अब तक प्रतिकूल असर (AEFI) के गंभीर या मौत के मामले नहीं मिले हैं.

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वैक्‍सीन को लेकर संशय

इन आंकड़ों के इतर लोगों में वैक्‍सीन को लेकर संशय बना हुआ है. ऐसे में बहुत से लोग वैक्‍सीन लगवाने से कतरा रहे हैं और कुछ न कुछ बहाना बनाकर इसे टाल देते हैं. लोकबंधु अस्‍पताल के ही एक स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी ने नाम न ल‍िखने की शर्त पर कहा, मेरे पास 21 जनवरी को कोवैक्‍सीन लगवाने का मैसेज आया था. 22 जनवरी को वैक्‍सीन लगनी थी, लेकिन मन नहीं मान रहा था. इसके बाद घर वालों ने भी वैक्‍सीन न लगवाने की सलाह दी. इसलिए मैंने वैक्‍सीन नहीं लगवाई है. अब बहुत से लोगों ने वैक्‍सीन लगवाई है और सभी सुरक्ष‍ित हैं तो मैं भी लगवा लूंगा.

डॉ. रूपेंद्र बताते हैं, "कई लोग वैक्‍सीन को लेकर बहाने भी बनाते हैं. बहानों में ज्‍यादातर लोग मेडिकल दिक्‍कतें बताते हैं. जैसे, कुछ लोग सर्जरी की बात कहते हैं, कुछ कहते हैं कि स्‍वाइन फ्लू की वैक्‍सीन से रिएक्‍शन हो गए था तो इससे भी हो जाएगा. इस तरह के बहाने देखने को मिल रहे हैं."

इन बहानों के अलावा कई लोग ऐसे भी हैं जो वैक्‍सीन लगवाना चाहते थे, लेकिन किन्‍हीं कारणों की वजह से लगवा नहीं पाए.

लोकबंधु अस्‍पताल में वॉर्ड ब्‍वॉय के तौर पर काम करने वाले गोव‍िंद कुमार (30) को 28 जनवरी को कोरोना वैक्‍सीन लगवाने की डेट म‍िली थी, लेकिन वो शहर के बाहर थे, ऐसे में वैक्‍सीन नहीं लगवा पाए. गोव‍िंद कहते हैं, "मैं शहर में होता तो वैक्‍सीन जरूर लगवाता. ये मेरी गलती हो गई कि उसी द‍िन मैं शहर से बाहर था. अब 4 जनवरी को वैक्‍सीन लगेगी और मैं वैक्‍सीन लगवाने के ल‍िए तैयार हूं."

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यूपी में कोरोना वैक्‍सीनेशन

पीआईबी की प्रेस र‍िलीज के मुताबिक, 31 जनवरी तक करीब 37.44 लाख लाभार्थियों को कोरोना का टीका लगा है. इसमें से 63.34% लाभार्थी 8 राज्यों के हैं. देश में सबसे ज्‍यादा वैक्‍सीन यूपी में लगाई गई है.

  • 16 जनवरी: लक्ष्‍य का 71% वैक्‍सीनेशन
  • 22 जनवरी: लक्ष्‍य का 65% वैक्‍सीनेशन
  • 28 जनवरी: लक्ष्‍य का 66% वैक्‍सीनेशन
  • 29 जनवरी: लक्ष्‍य का 74% वैक्‍सीनेशन

(रणविजय सिंह, लखनऊ में स्वतंत्र पत्रकार हैं. इनके काम के बारे में और जानकारी यहां ली जा सकती है.)

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