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कोरोना संक्रमण से ठीक होने वालों को भी क्यों लेनी चाहिए COVID-19 वैक्सीन?

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Health News
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'अगर मैं कोरोना संक्रमित हो कर ठीक हो चुका हूं, तो क्या फिर भी मुझे COVID-19 वैक्सीन लेने की जरूरत है?'

इसका जवाब है- 'हां, कोरोना से उबर चुके लोगों को भी कोरोना वैक्सीन लगवाने की जरूरत है.'

गाइडलाइंस के मुताबिक कोरोना से रिकवरी के तीन महीने बाद कोविड वैक्सीन लगवाई जा सकती है.

लेकिन सवाल ये है कि जब कोई पहले ही कोरोना संक्रमित हो चुका है और संक्रमण से लड़कर ठीक हो चुका है, तो फिर उसे वैक्सीन की जरूरत क्यों है? क्या शरीर में संक्रमण के दौरान पैदा हुई इम्यूनिटी उसे भविष्य में COVID-19 से सुरक्षित रखने के लिए काफी नहीं है?

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कोरोना संक्रमण से ठीक होने वालों को भी COVID-19 वैक्सीन क्यों लगवानी चाहिए?

SARS-CoV-2 और COVID-19 को लेकर हमारी मौजूदा समझ

ग्लोबल हॉस्पिटल, मुंबई में क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट के हेड और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. प्रशांत बोराडे कहते हैं कि COVID-19 बीमारी करने वाले वायरस को लेकर हमारी मौजूदा समझ और इम्यूनिटी कैसे काम करती है, इसे देखते हुए हमें COVID-19 होने के बाद भी वैक्सीन लगवाने की जरूरत है.

किसी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण का विरोध करने की क्षमता यानी इम्यूनिटी दो तरीके से विकसित हो सकती है-

  1. कोरोना वायरस से संक्रमण

  2. कोरोना वैक्सीन लगवाकर

एपिडेमियोलॉजिस्ट और अशोका यूनिवर्सिटी में सीनियर एडवाइजर डॉ. ललित कांत इससे पहले हुई फिट से बातचीत में कहते हैं, "आम तौर पर यह माना जाता है कि एक संक्रमण स्थाई प्रतिरक्षा यानी इम्यूनिटी देता है और ऐसा ही एक वैक्सीन भी करती है. हालांकि COVID-19 के संदर्भ में चीजें इतनी सरल नहीं हैं."

डॉ. बोराडे भी बताते हैं, "हमें कन्फर्म नहीं पता कि कोरोना संक्रमण के बाद किसी को कितनी सुरक्षा मिलती है और उसकी प्रतिरोधक क्षमता कितनी मजबूत होगी."

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कोरोना संक्रमण के बाद COVID से सुरक्षा की गारंटी नहीं

डॉ. ललित कांत के मुताबिक इन्फेक्शन से मिली प्रतिरक्षा निश्चित अवधि की नहीं होती है.

आम तौर पर संक्रमण जितना हल्का (माइल्ड) होता है, प्रतिरक्षा की अवधि उतनी ही कम होती है. एक संक्रमण के बाद विकसित एंटीबॉडी खत्म होने लगती हैं और कुछ स्टडीज में ये पाया गया कि कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज केवल कुछ महीनों तक ही रहती हैं.
डॉ ललित कांत, सीनियर एडवाइजर, अशोका यूनिवर्सिटी

वहीं अभी पूरे यकीन के साथ ये नहीं कहा जा सकता कि जो लोग SARS-CoV-2 कोरोना वायरस से संक्रमित होकर ठीक हुए हैं, वो आगे कोविड से सुरक्षित रहेंगे या नहीं.

ये भी जरूरी नहीं है कि कोरोना संक्रमित होने पर सभी में इम्यूनिटी विकसित हो सके. वहीं वैक्सीन से ज्यादा मजबूत इम्यूनिटी हासिल की जा सकती है.

आप टीकाकरण के बाद की तुलना में टीकाकरण के बिना प्रारंभिक संक्रमण के बाद आसानी से दोबारा संक्रमित (हालांकि ऐसा कम ही पाया गया है) हो सकते हैं.
डॉ. प्रशांत बोराडे, हेड और सीनियर कंसल्टेंट, क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट, ग्लोबल हॉस्पिटल, मुंबई

अमेरिका का सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) भी कहता है कि COVID-19 होकर रिकवर होने के बाद भी आपको वैक्सीन लगवानी चाहिए क्योंकि अभी तक यह नहीं पता है कि COVID-19 से ठीक होने के बाद आप कितने समय तक संक्रमण और बीमारी से सुरक्षित रह सकते हैं.

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एक वजह कोरोना के नए वेरिएंट भी

अमेरिका की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के अपने ब्लॉग में डॉ. फ्रांसिस कोलिन्स कहते हैं, "SARS-CoV-2 से एक्सपोज हुए लोगों में न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी बरकरार रहेगी? ये एक सवाल है, तो दूसरी ओर वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न वाले मामलों के बढ़ने से ये सवाल और जटिल हो गया है."

हालांकि वैक्सीन नए वेरिएंट के खिलाफ भी कारगर बताई जा रही हैं. कई स्टडीज में पाया गया है कि संक्रमण से बनी एंटीबॉडी की तुलना में वैक्सीन से बनी प्रोटेक्टिव एंटीबॉडी कोरोना वायरस के वेरिएंट्स पर ज्यादा प्रभावी हो सकती है.

टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी लेवल संक्रमण के बाद के एंटीबॉडी लेवल की तुलना में अधिक होता है, जो कोरोना वेरिएंट्स के खिलाफ भी सुरक्षा दे सकता है.
डॉ. प्रशांत बोराडे, हेड और सीनियर कंसल्टेंट, क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट, ग्लोबल हॉस्पिटल, मुंबई

डॉ. फ्रांसिस कोलिन्स के मुताबिक SARS-CoV-2 के लिए प्राकृतिक प्रतिरक्षा और वैक्सीन से मिली प्रतिरक्षा अलग-अलग होगी और इस पर निर्भर करेगी कि दोनों ही मामलों में नए वायरल वेरिएंट की पहचान कैसे होती है.

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कोविड होने के कितने दिनों बाद वैक्सीन ली जा सकती है?

भारत में जारी की गई गाइडलाइन कहती है कि कोविड ठीक होने के दिन से तीन महीने बाद वैक्सीन ली जा सकती है. ऐसा करने से शरीर को मजबूत प्रतिरक्षा विकसित करने में मदद मिलेगी.

डॉ. प्रशांत बोराडे कहते हैं कि अध्ययनों से ये पता चला है, "टीकाकरण उन लोगों की प्रतिरक्षा में मजबूत वृद्धि प्रदान करता है, जो COVID-19 संक्रमण से उबर चुके हैं."

इसलिए वैक्सीन को लेकर जारी गाइडलाइंस का पालन करते हुए सभी को बिना किसी हिचक के वैक्सीन लगवानी चाहिए.

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