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सेक्सॉल्व: ‘डेटिंग एप पर मिला शख्स मेरे पीछे ही पड़ गया’

‘मेरी अपने पति से बात नहीं होती, हालांकि हम एक ही घर में रहते हैं’

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समता के अधिकार के पैरोकार हरीश अय्यर का FIT पर सवाल-जवाब पर आधारित कॉलम है.

अगर आपको सेक्स, सेक्स के तौर-तरीके या रिलेशनशिप से जुड़ी कोई परेशानी है, कोई उलझन है, जिसको आप हल नहीं कर पा रहे हैं, या आपको किसी तरह की सलाह की जरूरत है, किसी सवाल का जवाब चाहते हैं या फिर ऐसे ही चाहते हैं कि कोई आपकी बात सुन ले- तो हरीश अय्यर को लिखिए, और वह आपके लिए ‘सेक्सॉल्व’ करने की कोशिश करेंगे. आप sexolve@thequint.com पर मेल करें.

पेश हैं इस हफ्ते के सवाल-जवाब.

‘मैंने यूं ही एक टिंडर प्रेमी बना लिया था, लेकिन वो तो गले ही पड़ गया है’

‘मेरी अपने पति से बात नहीं होती, हालांकि हम एक ही घर में रहते हैं’
बेकार की कोई चीज सिर्फ इसलिए बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए कि आप बखेड़ा खड़ा नहीं करना चाहते
(फोटो: iStock)

डियर रेनबोमैन

मुझे कभी भी डेटिंग एप पसंद नहीं थे. लेकिन फिर मजे के लिए मैंने टिंडर को खंगालना शुरू किया. सिर्फ स्विपिंग से शुरू हुआ सिलसिला खुद को अच्छा महसूस कराने तक सीमित था. इस दौरान बीते हफ्ते मैंने समान रुचियों वाले शख्स से मुलाकात का फैसला किया, लेकिन हालात कुछ नाखुशगवार साबित हुए. उसने फेसबुक पर मेरा पीछा किया और मेरे बारे में सबकुछ जान लिया. वह चिपकू था! अब, वह हर रोज बिना मतलब मुझे फोन करता रहता है, और मुलाकात पर जोर देता है. यह सिर्फ एक डेट था, लेकिन ऐसा लगता है कि वह सिर से पांव तक मेरे प्यार में डूब गया है. यह शख्स कुछ सनकी किस्म का लगता है. मैंने उसे बताया नहीं कि मैं यह सब पसंद नहीं करती. मैं सिर्फ दिखावे के लिए दिल्लगी कर लेती हूं. मुझे अब डर लग रहा है. मुझे क्या करना चाहिए?

टीटी

प्रिय टीटी,

अपनी बात कहने के लिए शुक्रिया. आज के दौर में प्राइवेसी के लिहाज से डेटिंग बहुत चुनौती भरी चीज है. मैं ईमानदारी से कुबूल करता हूं कि, कारोबारी मुलाकात से पहले, मैं भी जिस शख्स से मिलने वाला हूं, उसके बारे में पहले ही लिंक्डइन और फेसबुक पर जानकारी हासिल कर लेता हूं. हालांकि अगर यह कारोबारी मामला नहीं है, तो ऐसा करना ठीक बात नहीं और यह इंसान के व्यक्तिगत चरित्र पर निर्भर करता है. और यहां रिसर्च (जानकारी जुटाने) व स्टॉकिंग (पीछा करने) में फर्क है. फर्क मकसद का है, जिसके लिए कोई ऐसा करता है.

मुझे लगता है कि आपको हिम्मत दिखानी चाहिए और अपने स्टॉकर को बता देना चाहिए कि वो जो कर रहा है, आपको पसंद नहीं है. बेकार की कोई चीज सिर्फ इसलिए बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए कि आप बखेड़ा खड़ा नहीं करना चाहते.

कोई चीज बुरी लग रही है, तो उसके बारे में बोल देना ही सबसे अच्छा तरीका है. हालांकि इतना जरूर ख्याल रखना चाहिए कि अपनी बात बिना गुस्से के संयम के साथ और बिना बदतमीजी के कही जाए. आपको यह बात नजाकत से संभालनी होगी.

ध्यान रहे, कि किसी चमत्कारी नतीजे की उम्मीद मत रखिएगा. कुछ समय लगेगा. सिर्फ यह उम्मीद करने से कि वह जादू के जोर से अपने आप चला जाएगा, ऐसा नहीं होगा. आपको कोशिश करनी होगी. मैं यह नहीं कह रहा कि आपकी कोई गलती है, लेकिन मजनुओं को साफ-साफ बता देना चाहिए कि वह आपकी शराफत को कुछ और ना समझें ताकि वो लैला-मजनू की कोई नई दास्तां बनाने के सपने ना बुनने लगें.

अपनी बात आगा-पीछा देख कर बोलें, लेकिन वही बोलें जो आप कहना चाहती हैं.

शुभकामनाएं, रेनबोमैन.

‘मेरी अपने पति से बात नहीं होती, हालांकि हम एक ही घर में रहते हैं’

‘मेरी अपने पति से बात नहीं होती, हालांकि हम एक ही घर में रहते हैं’
उसने कहा वह ब्रेक लेना चाहता है और कुछ समय अकेला रहना चाहता है. तब से भले ही हम एक ही घर में रह रहे हैं, हमारे बीच कोई बात नहीं होती
(फोटो: iStock)

डियर रेनबोमैन,

मैं एक शादीशुदा महिला हूं. मेरी और मेरे पति की उम्र बराबर ही है. हमारा प्रेम विवाह था. हमने चार साल की डेटिंग के बाद शादी की थी, जब हमारी उम्र 36 साल थी. हम दोनों करियर को लेकर महत्वाकांक्षी थे और हमने बच्चे नहीं पैदा करने का फैसला लिया था. इसके अलावा हमारा यह भी मानना था कि अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए बच्चे होना जरूरी नहीं है.

एक साल पहले तक सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था, जब मेरे पति की कंपनी डूब गई और वो मैनियाक डिप्रेशन (उन्मादी अवसाद) में चले गए. हमारे बीच सेक्स खत्म हो गया. हमारे बीच प्यार खत्म हो गया. सिर्फ एक राहत का एहसास बचा है, जो हम एक दूसरे में तलाशते हैं. कई बार वो इसे भी छोड़ देता है. एक महीने पहले उसने कहा कि वह ब्रेक चाहता है और कुछ समय अकेला रहना चाहता है. तब से इसके बावजूद कि हम एक ही घर में रहते हैं, हमारे बीच कोई बातचीत नहीं है.

हम रूम मेट्स की तरह रहते हैं. क्या हालात कभी बेहतर होंगे.

एक चिंतित जीवनसाथी

प्रिय चिंतित जीवनसाथी

आप एक समझदार जीवनसंगिनी हैं. बहुत ज्यादा समझदार जीवनसंगिनी. आपको इस हालात से निपटने के लिए बहुत सब्र, और सही तरीके से काम लेना होगा, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि आप बहुत भारी मात्रा में सब्र और प्यार के बिना इसे ठीक कर पाएंगी. यह बहुत अच्छी बात है कि वह आपके साथ एक ही घर में हैं, जिससे कि आप उनकी देखभाल कर सकती हैं. मुझे वाकई खुशी है कि आप उन्हें उनका स्पेस दे रही हैं. इस बीच मैं आपको सलाह दूंगा कि आप उनसे थोड़ी-थोड़ी बात जारी रखें, जिससे कि वह और गहरे अवसाद के दौर में ना चले जाएं और अवसाद उनके पूरे अस्तित्व को निगल जाए.

उनसे बात कीजिए और समझने की कोशिश कीजिए कि उन पर क्या गुजर रही है. ऐसा मान कर मत चलिए कि ये डिप्रेशन है. डिप्रेशन मनोविज्ञान की शब्दावली है और किसी के लिए इसका इस्तेमाल यूं ही बिना पूरी जांच के नहीं किया जाना चाहिए. इसी बात से मैं अगली बात पर आता हूं.

कृपया पक्का कीजिए वह मनोचिकित्सक से मिलें. ठीक वैसे ही जैसे हम किसी भी बीमारी के लिए डॉक्टर को दिखाते हैं, हमें मानसिक स्वास्थ्य की समस्या होने पर मनोचिकित्सक को दिखाना चाहिए. डॉक्टर को बीमारी का पता लगाने दीजिए. खुद ही पता लगाने या इंटरनेट पर सर्च करके इलाज करने की कोशिश मत कीजिए.

मेरा मानना है कि जब डिप्रेशन या कोई अन्य मानसिक स्वास्थ्य की समस्या पैदा होती है, तो इसका सामना करने के लिए बहुत परिपक्वता और समझदारी की जरूरत होती है. अपने जीवनसाथी को समझने के लिए मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूं. आपको समझना होगा कि आप 3 लोग एक रिलेशनशिप में हैं. आप, आपके पार्टनर और मानसिक स्वास्थ्य.

आपको अपने भी मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा. मैं आपको सलाह दूंगा कि आप खुद को भी मनोचिकित्सक को दिखाएं.

आपकी तरफ से इस दौरान बहुत सब्र और प्रेम दिखाना होगा. यह अभी आसान नहीं है और आगे भी आसान नहीं होगा. आपको खुद से पूछना होगा कि क्या आप सब्र के इस इम्तेहान के लिए तैयार हैं? क्या आप बदले में प्यार ना पाने, कद्र ना पाने और उपेक्षा के लिए तैयार हैं?

अगर आपके पार्टनर को वाकई डिप्रेशन है, तो आपको समझना होगा कि ऐसे भी लम्हे आएंगे जब आपके पति अनीश्वरवादी हो जाएंगे और उन्हें कुछ भी महसूस नहीं होगा. इस घड़ी, आप खुद से पूछेंगी- क्या इसका कोई फायदा है? अगर आपका मन इसके जवाब में कहता है नहीं- तो यह कवायद छोड़ दीजिए. उन्हें मनोचिकित्सक से मिलने की सलाह दीजिए और सुनिश्चित कीजिए कि उन्हें सलाह मिले, और फिर किनारे हो जाइए. अगर आपका जवाब है- हां, तो जारी रखिए. अपने दिल को प्यार और दुलार से लबरेज कर लीजिए. उपलब्ध सबसे बेहतर मदद हासिल कीजिए और उन्हें समस्या से लड़ने में मदद कीजिए.

अगर आप मुझसे सीधा सवाल पूछें कि मैं आपकी जगह होता, तो क्या करता तो मैं एक उदाहरण पेश करना चाहूंगा जो मैंने कहीं पढ़ा था, “जीवन में औसत दर्जे की बहुत सी चीजें हैं, प्यार को इनमें से एक ना बनने दीजिए.”

बहुत से प्यार के साथ,

रेनबोमैन

‘मुझे आर्गेज्म (चरम सुख) नहीं मिलता’

‘मेरी अपने पति से बात नहीं होती, हालांकि हम एक ही घर में रहते हैं’
मास्टरबेशन सिर्फ हाथों के खेल से भी कुछ ज्यादा है. यह मानसिक उत्प्रेरक है, जो आपको सेक्सुअली उत्तेजित करता है
(फोटो: iStock)

प्रिय रेनबोमैन,

मुझे तकरीबन 20 दिन के अंतराल पर हमेशा नाइटफाल हो जाता है. हालांकि जब मैं मास्टरबेट करता हूं तो मुझे आर्गेज्म नहीं मिलता. मैंने अपने हाथ से कभी स्पर्म उत्पन्न नहीं कर सका. मैं यह कैसे कर सकता हूं?

एएम.

प्रिय एएम.,

मास्टरबेशन सिर्फ हाथों का एक खेल नहीं है. यह कोई बात सोचते हुए मानसिक उत्प्रेरक है, जो आपको सेक्सुअली उत्तेजित करता है. कुछ लोगों को 5 मिनट में आर्गेज्म मिल जाता है, कुछ को 2 मिनट में और कुछ को स्पर्म पैदा करने में बहुत ज्यादा समय लगता है. समय दीजिए, कोशिश कीजिए. अगर आपको लगता है कि इससे भी काम नहीं हो रहा तो सेक्सोलॉजिस्ट से मिलिए.

सादर,

लोगों की पहचान गुप्त रखने के लिए नाम बदल दिए गए हैं. आप भी अपने सवाल sexolve@thequint.com पर भेज सकते हैं)

(हरीश अय्यर समान अधिकार एक्टिविस्ट हैं और एलजीबीटी कम्युनिटी, महिलाओं, बच्चों और जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक्टिविस्ट हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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