नॉर्वे में कोविड -19 फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer BioNTech) एमआरएनए (mRNA) वैक्सीन लेने के बाद 29 लोगों की मौत के मामलों में विस्तृत जांच शुरू किया गया है. प्रतिष्ठित ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ) ने शुक्रवार की रिपोर्ट में कहा कि, सामने आई मौतों के बाद नॉर्वे में डॉक्टरों को फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन लेने वाले बुजुर्ग मरीजों का अधिक गहन इवैलुएशन करने के लिए कहा गया है.
नार्वेजियन मेडिसिन्स एजेंसी (NOMA) के मेडिकल डायरेक्टर, स्टीमर मैडसेन ने BMJ को बताया, "ये एक संयोग हो सकता है, लेकिन फिलहाल हम निश्चिंत नहीं है."
उन्होंने आगे कहा, "इन मौतों और वैक्सीन के बीच कोई निश्चित संबंध नहीं है."
एजेंसी ने अब तक 13 मौतों की जांच की है और निष्कर्ष निकाला है कि mRNA वैक्सीन की सामान्य प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं, जैसे कि बुखार, मतली और दस्त से कुछ कमजोर मरीजों पर वैक्सीन का बुरा प्रभाव पड़ा.
मैडसेन के हवाले से कहा गया, "ये संभावना हो सकती है कि ये सामान्य प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं (adverse reactions), जो कि स्वस्थ, युवा मरीजों में खतरनाक नहीं हैं, वो बुजुर्गों में बीमारी को बढ़ा सकती हैं."
उन्होंने कहा, "हम अब डॉक्टरों से वैक्सीनेशन जारी रखने के लिए कह रहे हैं, लेकिन बहुत बीमार लोगों का अतिरिक्त मूल्यांकन करने के लिए कहा गया है."
नॉर्वेजियन मीडिया एनआरके की रिपोर्ट के मुताबिक, “सभी मौतें नर्सिंग होम में बुजुर्ग और अन्य बुजुर्ग मरीजों की हुई हैं. सभी की उम्र 75 साल से ज्यादा है और उनमें से कुछ 90 से ज्यादा हैं.”
वहीं फाइजर ने अपने बयान में कहा, "फाइजर और बायोएनटेक बीएनटी 162 बी 2 लेने के बाद रिपोर्ट की गई मौतों से अवगत हैं. हम सभी प्रासंगिक जानकारी एकत्र करने के लिए NOMA के साथ काम कर रहे हैं."
उन्होंने आगे कहा, "सभी रिपोर्ट की गई मौतों का NOMA द्वारा पूरी तरह से मूल्यांकन किया जाएगा कि क्या ये घटनाएं वैक्सीन से संबंधित हैं या नहीं. नॉर्वे सरकार मरीजों के स्वास्थ्य को अधिक ध्यान में रखने के लिए उनके वैक्सीनेशन निर्देशों को समायोजित करने पर भी विचार करेगी."
जर्मनी में पॉल एर्लिच इंस्टीट्यूट भी कोविड-19 वैक्सीन के तुरंत बाद 10 मौतों की जांच कर रहा है.
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