अगर किसी में कोरोना संक्रमण के पहले हफ्ते COVID-19 के पांच से ज्यादा लक्षण हैं, तो ये लॉन्ग COVID का संकेत हो सकता है.
एक नए अध्ययन के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमण के पहले हफ्ते में COVID-19 के पांच से अधिक लक्षणों का होना लंबे कोविड के विकास से महत्वपूर्ण रूप से जुड़ा हुआ है, चाहे वह किसी भी उम्र या लिंग में हो.
इस अध्ययन के लिए, यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के रिसर्चर्स ने एक समीक्षा की जिसमें थकान, सांस की तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द, खांसी, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, सीने में दर्द, बदली हुई गंध, दस्त और बदले स्वाद जैसे लंबे कोविड लक्षणों की जांच की गई.
टीम ने लंबे कोविड के दो मुख्य लक्षण समूहों की पहचान की, जिनमें विशेष रूप से थकान, सिरदर्द और ऊपरी श्वसन संबंधी शिकायतें और बुखार व गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिकल लक्षणों सहित मल्टी-सिस्टम शिकायतें शामिल हैं.
इस स्टडी के निष्कर्ष जर्नल ऑफ द रॉयल सोसाइटी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुए हैं.
यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर पेशेंट रिपोर्टेड आउटकम रिसर्च के डिप्टी निदेशक और प्रमुख लेखक ओलालेकन ली एयगबुसी ने कहा,
"इस बात के सबूत हैं कि रोगियों पर तीव्र कोविड-19 का प्रभाव जीवन की गुणवत्ता, मानसिक स्वास्थ्य और रोजगार तक पर पड़ता है."
एयगबुसी ने कहा, "समीक्षा में शामिल एक अध्ययन में एक तिहाई से अधिक रोगियों ने बताया कि वे अभी भी बीमार महसूस कर रहे थे और कोविड-19 की शुरुआत की तुलना में आठ हफ्ते बाद बदतर क्लीनिकल कंडिशन में थे."
अन्य कोरोना वायरस की तुलना में, शोधकर्ताओं का सुझाव है कि लंबी अवधि में, लंबे समय तक कोविड वाले रोगियों को भी SARS और MERS वाले रोगियों के समान रोग ट्रेजेक्टरी का अनुभव हो सकता है. यह उस समीक्षा की ओर इशारा करता है, जिसमें पाया गया था कि अस्पताल से छुट्टी के छह महीने बाद, SARS और MERS के मरीजों में से 25 प्रतिशत मरीजों में फेफड़ों की कार्यक्षमता और उनकी व्यायाम क्षमता कम हो गई थी.
वहीं इस स्टडी में शामिल प्राइमरी केयर में क्लीनिकल लेक्चरर शमील हारून ने कहा कि न तो लंबे कोविड के जैविक या प्रतिरक्षात्मक तंत्र, और न ही कुछ लोगों के इन प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होने का तर्क, अभी तक स्पष्ट हुआ है. यह जरूरी है कि हम इन मुद्दों को हल करने के लिए जल्दी से जल्दी काम करें.
(इनपुट: आईएएनएस)
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